भारत का एक ऐसा बाजार जहां भारतीयों से ज्यादा आते विदेशी खरीदार, यहां मिलता है काफी सस्ता सामान
Indian border market भारत की सीमा के पार दूसरे देश के कई गांवों के हजारों लोग इसी बाजार पर निर्भर हैं। वे रोजमर्रा जरूरत की चीजें खरीदने के लिए इसी बाजार में आते हैं। खास बात यह है कि इस बाजार में भारतीय से ज्यादा विदेशी खरीदार दिखाई पड़ते हैं।

पीलीभीत, (बहजत खान)। Indian border market: नेपाल में सीमावर्ती गांवों, कालोनियों में निवास करने वाले नागरिकों का भारत के सीमावर्ती गांवों की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है। सीमावर्ती गांवों के लोगों ने बार्डर से महज सौ मीटर की दूरी पर नौजल्हा नंबर 2 में बाजार विकसित किया है। नेपाल के गांव सुंदरपुर सहित सात अन्य कालोनियों में रहने वाले हजारों नेपाली लोग इसी बाजार पर निर्भर हैं। वे रोजमर्रा की चीजें खरीदने के लिए इसी बाजार में आते हैं। खास बात यह है कि इस बाजार में भारतीय से ज्यादा विदेशी खरीदार दिखाई पड़ते हैं।

अगर यह बाजार न हो तो नेपालियों को अपने देश में आठ किमी दूर बाबा थान या फिर 22 किमी की दूरी तय करके महेंद्र नगर के बाजार जाना पड़ेगा। नेपालियों की जरूरतों ने इस बाजार के व्यवसाय को चमका दिया है। माधोटांडा थाना क्षेत्र के अंतर्गत भारत नेपाल सीमा पर एक छोटा सा गांव नौजल्हा नंबर दो बसा हुआ है।
भारत की सीमा के दूसरी ओर नेपाल के कई छोटे-छोटे गांव भी बसे हुए हैं। नेपाल देश की सीमा पर बसे ग्रामीण नेपाल की बाजार दूर होने के कारण नौजल्हा की बाजार से प्रतिदिन रोजमर्रा का सामान खरीदते हैं। अधिकतर महिलाएं शाम के समय बड़ी संख्या में इस बाजार से सब्जी, घी, तेल, दालें आदि वस्तुएं खरीद कर ले जाती हैं।
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भारत के मुकाबले नेपाल में इन वस्तुओं पर काफी महंगाई भी है। नेपाली नागरिकों को कम दूरी तय करके सस्ता सामान भारतीय बाजारों में ही मिल जाता है। अधिकतर नेपाली नागरिक भारतीय बाजारों पर ही आश्रित हैं। नौजल्हा गांव के ही पड़ोस में बूदीभूड़ और पीलीभीत का प्रथम गांव सुंदरनगर भी स्थित है। यहां पर भी नेपाली नागरिक आकर रोजमर्रा की वस्तुएं खरीद कर ले जाते हैं।
नौजल्हा गांव की बाजार में शाम के समय काफी भीड़ देखने को मिलती है। दुकानों पर नेपाली नागरिकों की भीड़ लग जाती है। भारतीय दुकानदार नेपाली नागरिकों से प्रतिदिन लाखों रुपए का व्यापार करते हैं। सीमा पर भारत और नेपाल दोनों देशों के ग्रामीण आपस में काफी दोस्ताना व्यवहार भी रखते हैं। खास बात यह है कि अब दोनों देशों के सीमावर्ती ग्रामीणों ने आपस में विवाह करके रिश्तेदारियां भी कर ली है।
जिससे यहां के लोगों में संबंध और मजबूत हो गए। भारत से प्रतिदिन कई लोग साइकिल से फेरी करके इस्तेमाल की वस्तुओं को नेपाल में बेचने के लिए जाते हैं। इससे भी इन लोगों को बहुत अच्छी आमदनी हो जाती है।
जानिए क्या कहते हैं दुकानदार
भारतीय दुकानदार नरोत्तम मलिक ने कहा कि दोनों देशों की सीमाएं खुली होने के कारण यहां पर प्रतिदिन नेपाली नागरिक खरीदारी करने के लिए आते हैं। इनसे व्यापार अच्छा हो जाता है। दुकानदार निखिल मजूमदार कहते हैं कि यह बहुत छोटा सा गांव है। बाजार में नेपालियों के आने से काफी रौनक बढ़ जाती है। नेपाली नागरिकों को यहां सामान भी सस्ता मिलता है।
क्या कहते हैं नेपाली नागरिक
नेपाली नागरिक पदमा राहुल ने कहा कि नेपाल में बाजार हमारे गांव से काफी दूरी पर है। भारत का यह सीमावर्ती बाजार करीब में है। यहां सामान भी यहां पर अच्छा और सस्ता मिलता है। लोकेंद्र ने कहा कि कभी ऐसा लगता ही नहीं है कि हम भारतीय बाजार में खरीदारी कर रहे हैं। हमारे लिए यहां पर सब नेपाल जैसा है। यहां पर काफी सहूलियत मिलती है। नेपाल में खाने की चीजों के अलावा कपड़ा आदि भी भारत की अपेक्षा महंगा है।
भारत व नेपाल में सामान की कीमतोंं में अंतर
सामान भारत में कीमत नेपाल में कीमत
खाद्य तेल 160 रुपये किलो 220 रुपये किलो।
नमक भारत 10 रुपये किलो 15 रुपये किलो।
अरहर दाल 110 रुपये किलो 150 रुपये किलो।
लौकी 8 रुपए किलो 15 रुपये किलो।
मछली 200 रुपये किलो 350 रुपये किलो।
लाल मिर्च 300 रुपये किलो 430 रुपये किलो।
हल्दी 240 रुपये किलो 350 रुपये किलो।
धनिया 300 रुपये किलो 400 रुपये किलो।
नोट:- सभी सामान की कीमतें भारतीय रुपये में दी गई हैं।

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