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    दिन में मोमोज-चाऊमीन का ठेला… रात को बनाता था जहर के घूंट, ब्रांडेड के नाम पर ‘मौत’ बांटने वाला गिरफ्तार

    Updated: Tue, 22 Apr 2025 04:26 PM (IST)

    हल्द्वानी में पुलिस और एसओजी ने एक बड़े नकली शराब कारोबारी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। बरेली के दो आरोपी सचिन जायसवाल और सोनू कश्यप पानी में रंग और स ...और पढ़ें

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    हल्द्वानी में नकली शराब बनाने के आरोपियों को पकड़ने वाली पुलिस टीम। जागरण

    जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। पुलिस और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने नकली शराब के बड़े धंधे का भंडाफोड़ किया है। रामपुर रोड पर पंचायत घर के पास बरेली के दो शातिर पानी में रंग और स्पिरिट मिलाकर नकली शराब तैयार कर रहे थे। ब्रांडेड शराब के नाम पर इस जहर के घूंट को शहर में कई जगहों पर परोसा जा रहा था। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

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    यह है पूरा मामला

    सोमवार को पुलिस बहुउद्देशीय भवन में सीओ सिटी नितिन लोहनी ने बताया कि एसओजी व कोतवाली पुलिस ने रविवार देर शाम रामपुर रोड स्थित पंचायत घर बजवाल ट्रेडर्स के पास एक कमरे में छापा मारा। 

    इस दौरान लाल फाटक बंदायू रोड थाना कैंट बरेली(उप्र) निवासी सचिन जायसवाल व पुराना शहर सतीपुर थाना बरादरी जिला बरेली निवासी सोनू कश्यप को गिरफ्तार किया गया है। दोनों के किराए के कमरे से भारी मात्रा में उत्तराखंड आबकारी की फर्जी स्टीकर के साथ अंग्रेजी मैकडॉवल्स और देसी शराब गुलाब मार्का के पव्वे मिले। 

    मौके से 40 लीटर स्पिरिट व केमिकल निर्मित नकली शराब, 20 लीटर शुद्ध स्पिरिट, एल्कोमीटर, उत्तराखंड आबकारी के फर्जी ढक्कन व स्टीकर, अंग्रेजी शराब के खाली पव्वे आदि बरामद हुआ। उस स्कूटी को सीज किया गया, जिससे तस्करी की जाती थी। 

    आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वह पानी में रंग और स्पिरिट मिलाकर शराब तैयार करते थे। बोतल के ढक्कन व उत्तराखंड आबकारी के हूबहू असली दिखने वाले नकली स्टीकर बरेली से मंगाते थे। 

    शराब को वह टीपीनगर क्षेत्र, मुखानी क्षेत्र, काठगोदाम क्षेत्र व राजपुरा क्षेत्र में सप्लाई कर चुके हैं। दोनों के विरुद्ध हल्द्वानी कोतवाली में प्राथमिकी की गई है।

    दिन में मोमो-चाऊमीन का ठेला, रात को बनाते थे शराब

    पकड़े गए दोनों तस्कर पंचायत घर के पास दिन में चाऊमीन व मोमो का ठेला चलाते थे। ठेला चलाकर वह पुलिस को ही नहीं मकान मालिक को भी चकमा दे रहे थे। दोनों ने यह साबित किया था कि वह केवल ठेला चलाकर गुजर बसर कर रहे हैं, लेकिन रात को जब मकान मालिक व आसपास के लोग सो जाते थे। तब शराब तैयार की जाती थी।