UP Govt 2022: पार्टी ने फिर जताया आंवला विधायक धर्मपाल सिंह पर भरोसा, योगी सरकार में दूसरी बार मिला मंत्री पद
UP Yogi Adityanath Cabinet 2.0 अक्टूबर 1988 में मझगवां के ब्लाक प्रमुख के रूप में राजनीतिक सफर शुरू करने वाले धर्मपाल सिंह ने पहली बार भाजपा से वर्ष 1993 में सन्हा सीट (अब बिथरीचैनपुर) पर चुनाव लड़ा लेकिन वह हार गए।

बरेली, जेएनएन। करीब 34 साल पहले राजनीतिक सफर शुरू करने वाले आंवला विधायक धर्मपाल सिंह पर फिर एक बार पार्टी ने उन पर भरोसा जताया है। सियासत में उनका लंबा योगदान और बड़े जातीय समीकरण के बदौलत एक बार फिर उन्होंने योगी मंत्रिमंडल में जगह पाई है।
मूलरूप से आंवला के गांव गुलड़िया गौरीशंकर के रहने वाले धर्मपाल सिंह को पांचवीं बार क्षेत्र की जनता ने विधायक चुना है। लगातार विधायक निर्वाचित होने में उनका जातिगत फैक्टर खासा काम आता है। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बाद बरेली मंडल में धर्मपाल सिंह लोधे-किसानों के बड़े नेता के रूप में सामने आए हैं। इसी दम पर वह राजनीति के मैदान में लंबे समय से दम भरते आ रहे हैं।
अक्टूबर 1988 में मझगवां के ब्लाक प्रमुख के रूप में राजनीतिक सफर शुरू करने वाले धर्मपाल सिंह ने पहली बार भाजपा से वर्ष 1993 में सन्हा सीट (अब बिथरीचैनपुर) पर चुनाव लड़ा, लेकिन वह हार गए। वर्ष 1996 में वह पहली बार आंवला से विधायक चुने गए। सितंबर 1997 में कल्याण सिंह, राम प्रकाश व राजनाथ सिंह के मंत्रिमंडल में पंचायती राज एवं श्रम (स्वतंत्र प्रभार) मंत्री के रूप में रहे। योगी आदित्यनाथ की पिछली सरकार में सिंचाई मंत्री बनाए गए, लेकिन ढाई साल बाद इन्होंने इस्तीफा दे दिया। राजनीति में लंबा अनुभव, लगातार भाजपा से जुड़े रहने और मजबूत जातीय समीकरण की बदौलत धर्मपाल सिंह फिर एक बार योगी केबिनेट में मंत्री बनाए गए हैं।
अनुभव की कमी के चलते डा. डीसी वर्मा रहे पीछे: जिले में विधानसभा चुनाव में मीरगंज सीट पर डा. डीसी वर्मा ने भी विजय पाई है। इस कारण जिले में लोधे-किसान बिरादरी के दो विधायक हैं। समाज के लोगों ने भाजपा प्रत्याशियों को विधायक बनाया तो उसी कर्ज को उतारने के लिए सरकार ने उन्हीं में से एक को अपनी केबिनेट में शामिल करने का फैसला लिया। गुरुवार रात तक किसी के पास मुख्यमंत्री कार्यालय से कोई फोन नहीं पहुंचा था। इस कारण दोनों ही विधायक असमंजस में थे, हालांकि सत्ता के गलियारे भी अनुभव को ही प्राथमिकता दिए जाने की बात कह रहे थे। शुक्रवार दोपहर को धर्मपाल सिंह को बुलावा मिल गया। मीरगंज विधायक डा. डीसी वर्मा भी दूसरी बार चुने गए हैं। समाज का भारी मत उनके साथ है, लेकिन अनुभव की कमी उन्हें इस बार मंत्रिमंडल तक ले जाने में हल्की साबित हुई।
मंत्री की प्रोफाइल
नाम : धर्मपाल सिंह
निर्वाचन क्षेत्र : 126 आंवला विधानसभा
जिला : बरेली
दल : भारतीय जनता पार्टी
पिता का नाम : मिश्री सिंह
जन्म तिथि : 15 जनवरी 1953
जन्म स्थान : गुलड़िया गौरीशंकर
जाति : पिछड़ी जाति (लोधी- राजपूत)
शिक्षा : स्नातकोत्तर, बीएड, एलएलबी
विवाह : 1970
पत्नी : वंदना सिंह
संतान : तीन पुत्र
बड़े बेटे डा. दुष्यंत कुमार बदायूं में तैनात हैं।
बीच वाले प्रशांत सिंह गुलड़िया में कालेज संचालित करते हैं।
छोटे यशवंत सिंह ब्लाक प्रमुख मझगवां हैं
व्यवसाय : कृषि
मूल निवास : ग्राम गुलड़िया गौरीशंकर, पोस्ट बड़ा गांव
राजनीतिक योगदान
1996 : सितंबर-अक्टूबर 13वीं विधानसभा के सदस्य प्रथम बार निर्वाचित
1997 : मार्च राज्य मंत्री, लोक निर्माण एवं पर्यटन ( मायावती मंत्रिमंडल)
1997 : सितंबर राज्य मंत्री, पंचायती राज एवं श्रम (स्वतंत्र प्रभार) (कल्याण सिंह, राम प्रकाश व राजनाथ सिंह मंत्रिमंडल)
2002 : फरवरी 14वीं विधानसभा के सदस्य दूसरी बार निर्वाचित
2002-03 : सदस्य सरकारी आश्वासन संबंधी समिति
2002 : अक्टूबर, राज्य मंत्री, श्रम (स्वतंत्र प्रभार) (मायावती मंत्रिमंडल)
2006-07 : सदस्य, लोक लेखा समिति
2012-17 : 16वीं, विधानसभा के सदस्य तीसरी बार निर्वाचित
2012-17 : उपनेता, विधानमंडल
2017 : मार्च 17वीं विधानसभा के सदस्य चौथी बार निर्वाचित
2017 : मंत्री, सिंचाई एवं सिंचाई (यांत्रिक) ( योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल)
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