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    MJPRU : सिंगल विंडो इंचार्ज ने कुलसचिव का लिखा पत्र, बोले- छात्रों को करना पड़ सकता है इस समस्या का सामना

    महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय में प्रोविजनल डिग्री और माइग्रेशन प्रमाण पत्र खत्म होने से सिंगल विंडो स्टाफ टेंशन में आ गया है। रोजाना 200 छात्र-छात्राएं इन अस्थायी प्रमाण पत्रों के लिए पहुंच रहे। लेकिन जिस कागज पर इसको प्रिंट किया जाता है वही खत्म हो चुका है।

    By Ravi MishraEdited By: Updated: Thu, 17 Dec 2020 06:17 PM (IST)
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    सिंगल विंडो इंचार्ज ने कुलसचिव का लिखा पत्र, बोले- छात्रों को करना पड़ सकता है इस समस्या का सामना

    बरेली, जेएनएन। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय में प्रोविजनल डिग्री और माइग्रेशन प्रमाण पत्र खत्म होने से सिंगल विंडो स्टाफ टेंशन में आ गया है। रोजाना 200 छात्र-छात्राएं इन अस्थायी प्रमाण पत्रों के लिए पहुंच रहे। लेकिन जिस कागज पर इसको प्रिंट किया जाता है, वही खत्म हो चुका है। विंडो इंचार्ज ने दो महीने पहले विश्वविद्यालय के मुद्रण विभाग को सूचना दे दी। लेकिन अब तक इसकी छपाई नहीं हो पाई। पता चला कि जो प्रिंटिंग प्रेस इसे छापती है, उसका भुगतान ही नहीं किया गया। जिसकी वजह से प्रक्रिया अटक गई। अब प्रमाण पत्र न मिलने की वजह से छात्र-छात्राओं को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

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    विश्वविद्यालय में किसी भी छात्र-छात्रा को प्रोविजनल डिग्री या माइग्रेशन प्रमाण पत्र जारी करने के लिए सिंगल विंडो बनी है। कैश काउंटर पर फीस जमा करने के बाद सिंगल विंडो से रोजाना करीब 200 छात्र-छात्राएं इसे लेने पहुंचते हैं। विश्वविद्यालय जानकारों के मुताबिक सिंगल विंडो पर यह प्रमाण पत्र खत्म हो गए हैं। जिस तय फार्मेट पर यह प्रमाण पत्र तैयार किया जाता है, उसकी आपूर्ति संबंधी सूचना मुद्रण विभाग को कई बाद दी जा चुकी है।

    लेकिन अभी तक प्रमाण पत्र नहीं दिए गए। बुधवार को कुछ ही प्रमाण पत्र बचे थे, उन्हें भी जारी कर दिया गया। अब छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसलिए प्रमाण पत्र न होने से सिंगल विंडो पर छात्रों को असुविधा का सामना करना पड़ सकता है। जानकारों का कहना है कि पहले जो फर्म प्रमाण पत्र छाप कर देती थी, उसका भुगतान विश्वविद्यालय प्रशासन ने नहीं किया है। इसी वजह से प्रमाण पत्र छप कर नहीं आए।

    मामला संज्ञान में नहीं है। अगर ऐसा है तो दिखवाया जाएगा। संजीव कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक, रुविवि