उपद्रव के आरोपित मौलाना तौकीर रजा की जमानत अर्जी खारिज
उपद्रव के आरोपी मौलाना तौकीर की जमानत याचिका अदालत ने खारिज कर दी है। अभियोजन पक्ष ने उनकी जमानत का विरोध किया था, जिसके बाद अदालत ने यह फैसला सुनाया। जमानत याचिका खारिज होने के कारण मौलाना तौकीर की न्यायिक हिरासत जारी रहेगी और आगे की कानूनी प्रक्रिया चलती रहेगी।
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जागरण संवाददाता, बरेली। उपद्रव के आरोपित मौलाना तौकीर रजा की अपर सेशन जज पंचम अमृता शुक्ला ने जमानत अर्जी खारिज कर दी। कोर्ट ने टिप्पणीमें कहा कि यदि आरोपित को जमानत दे दी तो वह विवेचना प्रभावित कर सकता है। मौलाना के अधिवक्ता ने बारादरी के श्यामगंज में हुए उपद्रव के मामले में जमानत अर्जी दाखिल की थी।
26 सितंबर को कानपुर के आइ लव मुहम्मद प्रकरण की आड़ में आइएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने शहर में उपद्रव कराया था। आवाह्न कर उसने भीड़ को एकत्र किया और पुलिस पर पथराव, फायरिंग और तोड़फोड़ कराई थी। इस मामले में पुलिस ने 10 मुकदमे लिखे, जिसे करीब 125 लोगों को नामजद करते हुए तीन हजार लोगों को अज्ञात में शामिल किया था।
शुरूआत में मौलाना को सात मुकदमों में नामजद किया गया लेकिन बाद में बाकी तीन मुकदमों में भी साक्ष्यों के आधार पर नामजदगी की गई। घटना के ठीक अगले दिन 27 सितंबर को पुलिस ने आरोपित मौलाना को जेल भेज दिया। बाकी आठ दिनों के भीतर करीब 91 अन्य लोगों को भी जेल भेजा था। पुलिस ने मौलाना की सभी 10 मुकदमों में रिमांड ले ली।
साथ ही साथ वर्ष 2019 के सीएए-एनआरसी के विरोध में भी रिमांड ली। सभी मामलों में रिमांड के बाद मौलाना के अधिवक्ता ने बारादरी के श्यामगंज में हुए उपद्रव के मामले में जमानत अर्जी दाखिल की जिसकी शुक्रवार को अपर सेशन जज पंचम अमृता शुक्ला की कोर्ट में सुनवाई है। अपर सेशन जज ने मौलाना की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। उधर, रिमांड पूरी होने के बाद उसकी अगली सुनवाई 11 नवंबर को होनी है।

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