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इंकलाब जिंदाबाद का नारा देने वाले मौलाना हसरत मोहानी काे पेश की खिराज ए अकीदत, बाेले- गहरा था बरेली से नाता

Islamic Research Center News इस्लामिक रिसर्च सेंटर के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी भारत को आजादी दिलाने वालों पर शोध का कार्य कर रहे हैं। रोहिला सरदार हाफिज रहमत खां मौलाना फजले हक खैराबादी और मौलाना रजा अली खां बरेलवी जैसे सेनानियों पर शोध का कार्य पूरा हो गया है।

By Ravi MishraEdited By: Published: Thu, 13 May 2021 04:41 PM (IST)Updated: Thu, 13 May 2021 04:41 PM (IST)
इंकलाब जिंदाबाद का नारा देने वाले मौलाना हसरत मोहानी काे पेश की खिराज ए अकीदत, बाेले- गहरा था बरेली से नाता
इंकलाब जिंदाबाद का नारा देने वाले मौलाना हसरत मोहानी काे पेश की खिराज ए अकीदत

बरेली, जेएनएन। Islamic Research Center News: इस्लामिक रिसर्च सेंटर के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी भारत को आजादी दिलाने वालों पर शोध का कार्य कर रहे हैं। रोहिला सरदार हाफिज रहमत खां, मौलाना फजले हक खैराबादी और मौलाना रजा अली खां बरेलवी जैसी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों पर शोध का कार्य मुकम्मल हो गया है। इसी संदर्भ में मौलाना हसरत मोहानी जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ इंकलाब जिंदाबाद का नारा दिया था, एक बड़ा नाम इतिहास में दर्ज है।

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आज ही के दिन हसरत मोहानी का इंतकाल हुआ था। इस अवसर पर बुधवार को एक बैठक कर उन्हें खिराज़-ए-अकीदत पेश की गई। मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा मोहानी सही मायने में हिंदुस्तान की गंगा जमुनी तहजीब के आलंबदार थे। उन्होंने पूरी जिंदगी मुल्को-मिल्लत की हिफाजत करने में लगा दी। उन्होंने बताया कि हजरत मोहानी का बरेली से गहरा रिश्ता रहा है। बरेली में होने वाली आजादी की सभाओं में वो अक्सर आया करते थे।

आला हजरत के मंझले भाई मौलाना हसन रजा खां हसन बरेलवी के अच्छे दोस्त थे। 1908 में मौलाना हसन बरेलवी के इंतकाल पर एक दर्द भरा मजमून भी लिखा था जो इतिहास की किताबों में आज भी मौजूद है। बैठक में मुफ्ती हाशिम रजा खां, मौलाना सिराज कादरी, मौलाना अबसार अहमद, मुफ्ती तौकीर अहमद, मौलाना ताहिर रजा फरीदी, कारी गुलाम मुस्तफा, हाफिज मुजाहिद हुसैन, डॉ नदीम, इश्तियाक अहमद, डॉ अनवर रजा कादरी, साहिल रज़ा कादरी, हाफिज आमिर बरकाती आदि उपस्थित रहें। 


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