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    Bareilly: दरगाह आला हजरत से जुड़े मौलाना का आजम खां पर तंज, कहा- गुनाहों से तौबा कर राजनीति छोड़ दें

    By Jagran NewsEdited By: MOHAMMAD AQIB KHAN
    Updated: Fri, 02 Dec 2022 02:35 PM (IST)

    Maulana taunts on Azam Khan दरगाह आला हजरत से जुड़े संगठन आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने रामपुर में हो रहे मध्यावधि चुनाव में आजम खां के प्रचार करने पर तंज कसते हुए कहा अब राजनीति छोड़ दें और खुदा को याद करें...

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    Bareilly: दरगाह आला हजरत से जुड़े मौलाना का आजम खां पर तंज : जागरण

    बरेली, जागरण संवाददाता: समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां करीब 30 साल से विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मतदान से चंद दिनों पहले गली-गली और गांव-गांव जाकर आंसू बहाने लगते हैं। जो लोग उनको देख रहे हैं वे अचंभित हैं। आजम खां रोते हुए जेब से रूमाल निकालते हैं चश्मा उतार कर रुमाल से आंखें पोछते हैं। नये लोगों को यह देखकर हैरत होती है, जबकि पुराने लोग उनकी इन हरकतों से बखूबी वाकिफ हैं। दरगाह आला हजरत से जुड़े संगठन आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने रामपुर में हो रहे मध्यावधि चुनाव में आजम खां के प्रचार करने पर तंज कसा है।

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    राजनीति छोड़ दें और खुदा को याद करने में लग जाएं

    मौलाना ने आगे कहा कि आजम खां को यह हरकते शोभा नहीं देती। वो उत्तर प्रदेश में सपा के कद्दावर लीडर हैं।अब जनता की सोच और फिक्र में काफी बदलाव आ गया है इसलिए आजम खां की बातों का और उनके रोने गाने का जनता पर कोई असर नहीं पड़ रहा है, उनको मेरी सलाह है कि अब वह राजनीति छोड़ दें और खुदा को याद करने में लग जाये, उनके साथ जो कुछ हो रहा है यह सब उनके आमाल (कर्मो) का नतीजा है।

    जिनको सताया है उनके घरों पर जाकर माफी मांगे

    आजम को चाहिए कि अपने घर के करीब मस्जिद में पांचों वक्त की नमाज पढ़ने के लिए जाएं और किसी दरगाह पर जाकर साहिबे मजार के माध्यम से खुदा की वारगाह में तौबा करे, और जिन जिन लोगों को सताया या परेशान किया है उन लोगों के घरों पर जाकर उनसे माफी मांगे।

    मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने कहा कि मुस्लिम शासन के आखिरी दौर से लेकर ब्रिटिश पीरियड और सन् 2000 तक मदरसा आलिया रामपुर की इल्मी शान व शौकत पूरी दुनिया में इस तरह थी जिस तरह आज के दौर में जामिया अज़हर मिस्र की है। मदरसा आलिया मे पढ़ने के लिए रुस के शहर समरकंद व बूखारा के अलावा अफगानिस्तान, अरब, और यूरोप व अफ्रीका के देशों से छात्र पढ़ने के लिए आया करते थे। मदरसे की लाइब्रेरी भी बहुत शानदार थी, जिसमें नादिर और नायाब किताबें थीं, मगर अब हालत खराब है।

    अखिलेश को मुसलमानों से वोट मंगाने का हक नहीं है

    मौलाना ने कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को अब रामपुर आने की क्या जरूरत थी, 27 महीने तक जेल में बंद रहने वाले आजम खां को वो देखने के लिए भी वह रामपुर नहीं आए और न ही सीतापुर जेल पहुंचे। अब अखिलेश यादव को अपने नजरिए पर मंथन करना चाहिए, जब वो मुस्लिम लीडरों के साथ हमदर्दी के लिए नहीं खड़े हो सकते हैं तो उनको मुसलमानों से वोट मंगाने का भी हक हासिल नहीं है। मौलाना ने रामपुर की जनता से अपील करते हुए कहा कि अपने मत आधिकारों का इस्तेमाल अपने जमीर की आवाज पर करें, किसी से डरने और खौफजदा होने की जरूरत नहीं है।

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