बरेली में बारिश के बीच मलेरिया का प्रकोप: 1656 तक पहुंची मरीजों की संख्या, डॉक्टर की सलाह से रखें सेहत का ध्यान
बरेली में बारिश के बाद जलजमाव से मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है जिसके कारण मलेरिया के मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। 17 नए मामलों के साथ कुल संख्या 1656 तक पहुंच गई है। जिला अस्पताल में बच्चों में भी संक्रमण की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा रोकथाम के प्रयास जारी हैं और लोगों को संचारी रोगों के प्रति जागरूक किया जा रहा है।

जागरण संवाददाता, बरेली। वर्षा के बाद जगह-जगह जलजमाव होने से लार्वा पनपने लगे हैं, लोगों पर मच्छरों का हमला भी तेज हो गया है। परिणाम के रूप में जिले में मलेरिया मरीजों का आंकड़ा तेजी से बढ़ने लगे हैं। शनिवार को 17 मरीजों में मलेरिया की पुष्टि हुई, जिसके बाद आंकड़ा 1656 तक पहुंच गया है। वहीं, जिला अस्पताल में दो साल के बच्चे में भी संक्रमण की पुष्टि हुई है। ऐसे में विभागों की ओर से किए जा रहे रोकथाम के दावे नाकाफी साबित हो रहे हैं।
शनिवार को 17 मरीजों में हुआ पुष्टि, 1656 पहुंचा आंकड़ा
जिला अस्पताल के हार्ट वार्ड के अंदर पांच मलेरिया पीड़ित मरीज भर्ती हैं। स्टाफ के अनुसार गुलाबनगर निवासी दो वर्षीय बच्चे को 30 अगस्त को भर्ती कराया गया, उसमें खांंसी, जुकाम, बुखार आदि लक्षण थे। जांच कराने पर मलेरिया की पुष्टि हुई, जिसके बाद बच्चे को मलेरिया कक्ष में शिफ्ट कर दिया गया।
वहीं, कैंट निवासी चार साल के बच्चे को भी तेज बुखार, खांसी के लक्षण के बाद स्वजन ने भर्ती कराया, जिसमें जांच में वह मलेरिया संक्रमित निकला। इससे पहले भी पांच से अधिक मलेरिया संक्रमित बच्चे उपचार कराकर जा चुके हैं।
तेज बुखार, खांंसी, जुकाम के बाद उपचार कराने अस्पताल पहुंचे रहे मरीज
वरिष्ठ फिजिशियन डॉक्टर अजय मोहन अग्रवाल ने कहा, बच्चे भी मलेरिया का शिकार हो रहे हैं, उनमें बड़ों की अपेक्षा लक्षण जल्दी सामने आ जाते हैं। अगर मलेरिया की दवा चल रही है तो उसे बीच में न छोड़ें, चिकित्सक के परामर्श पर कोर्स पूरा करें। बीच में छोड़ने से पैरासाइट दोबारा सक्रिय होने की आशंका बनी रहती है।
बचाव के तरीके
- मच्छरदानी का उपयोग करना
- पानी जमा न होने देना
- मच्छर भगाने वाले उपकरणों का उपयोग करना
- पूरी बाजू वाले कपड़े पहनना
- रिपेलेंट का उपयोग करना
लक्षण
- बुखार
- सिरदर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- थकान
- उल्टी
- दस्त
407 मरीजों का चल रहा उपचार
जिला मलेरिया अधिकारी सत्येंद्र कुमार के अनुसार मलेरिया केस सामने आने पर क्षेत्र में फीवर सर्वे, एंटी लार्वा स्प्रे, फागिंग कराया गया है। जांचें भी तेज हो गई हैं। स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर लार्वा नष्ट कर रहे हैं। टीम लोगों को संचारी रोगों के प्रति जागरूक कर रही है। जिले में 1249 मरीजों का उपचार किया जा चुका है। वहीं, 407 सक्रिय मरीजों का घर पर इलाज चल रहा है। इसके अतिरिक्त डेंगू मरीजों की संख्या आठ हो चुकी है।
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