Haj 2020 : जानिए हज पर जाने वाली गर्भवती महिलाओं को क्यों बतानी होगी गर्भावस्था की स्थिति Bareilly News
हज 2020 के लिए सऊदी अरब सरकार ने नियमों में कुछ बदलाव किए हैैं। छह माह की गर्भवती महिलाएं पहले की तरह ही हज नहीं जा सकेंगी।
जेएनएन, बरेली : हज 2020 के लिए सऊदी अरब सरकार ने नियमों में कुछ बदलाव किए हैैं। छह माह की गर्भवती महिलाएं पहले की तरह ही हज नहीं जा सकेंगी। नये नियम के तहत इससे कम समय की गर्भवती महिलाओं को भी अब आवेदन करते समय अनिवार्य रूप से जानकारी देना होगी।
हज पर जाने वाली महिलाओं को फॉर्म भरते वक्त बताना होगा कि वे कितने माह की गर्भवती हैं? यह कॉलम फॉर्म में ही दिया गया है। एक से लेकर पांच माह के आगे टिक करना होगा। उसके लिए डॉक्टर से टेस्ट कराना होगा। इस जानकारी के पीछे सऊदी अरब सरकार ने वजह साफ नहीं की है।
लेकिन माना जा रहा है कि ऐसा गर्भवती महिलाओं को जरूरत पडऩे पर चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने की मंशा से किया जा रहा है। फॉर्म में जानकारी देने से एक आंकड़ा पता हो जाएगा कि हज पर जाने वाली कितनी महिलाएं गर्भवती हैं।
इसी तरह 70 साल के बुजुर्ग अगर पर जाना चाहते हैैं तो नियम के तहत उन्हें अपने साथ एक और व्यक्ति को आवेदन कराना होगा। हज प्रशिक्षक सय्यद कंबर अली ने बताया कि महिलाओं को हज का फॉर्म भरते वक्त अनिवार्य रूप से गर्भावस्था वाले कॉलम में टिक करना होगा।
अगर गर्भवती नहीं हैं तो नहीं वाले कॉलम में निशान लगाना होगा। इसके बारे में आवेदन करने वालों को जानकारी भी दी जा रही है। हज के लिए आवेदन 15 फरवरी तक किया जा सकता है। आवेदन के साथ पासपोर्ट की मूल कॉपी, फोटो, आधार कार्ड और मेडिकल सर्टिफिकेट लगाना अनिवार्य है।