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    जानिए क्‍या होता है पिट एनडीपीएस एक्‍ट, बरेली में ड्रग माफिया छोटे खां पर इसी के तहत हुई कार्रवाई

    By Vivek BajpaiEdited By:
    Updated: Fri, 03 Jun 2022 07:36 PM (IST)

    तस्करों के विरुद्ध पिट एनडीपीएस एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) जैसी कार्रवाई मानी जाती है। इस अधिनियम में किसी तस्कर के विरुद्ध जिले में यह पहली कार्रवाई हुई है। बीते दो साल में प्रदेश में यह पहली कार्रवाई है।

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    बीते साल तस्‍कर 20 किलो स्‍मैक के साथ पकड़ा गया था

     बरेली, जेएनएन। फतेहगंज पूर्वी के पढेरा गांव का रहने वाला तस्कर छोटे खां की मुश्किलें बढ़ती जा रहीं हैं। गैंगस्टर, माफिया के बाद तस्कर पर पिट एनडीपीएस की कार्रवाई की संस्तुति भी कर दी गई। पिट एनडीपीएस (स्वापक औषधि और मन: प्रभावी पदार्थ अवैध व्यापार निवारण अधिनियम, 1988) की कार्रवाई के लिए रिपोर्ट गृह सचिव को भेजी गई थी जिस पर उन्होंने मुहर लगा दी। तस्करों के विरुद्ध पिट एनडीपीएस एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) जैसी कार्रवाई मानी जाती है। इस अधिनियम में किसी तस्कर के विरुद्ध जिले में यह पहली कार्रवाई हुई है। बीते दो साल में प्रदेश में यह पहली कार्रवाई है।

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    बीते साल शहीद खां उर्फ छोटे भतीजे सैफ उर्फ राजू के साथ 20 किलो स्मैक की खेप के साथ पकड़ा गया था। जांच शुरू हुई तो पता चला कि उसका पूरा कुनबा तस्कर है। मुकदमे में पुलिस ने शहीद खां, सैफ उर्फ राजू, भाई सलीम, पार्टनर फैयाज, पूर्व प्रधान साला अशफाक, इस्लाम, उसकी पत्नी तरीकत व कामिनी समेत 25 लोगों को नामजद किया गया। एक-एक कर यह तस्कर जेल गए। वर्तमान में शहीद खां, सैफ उर्फ राजू, भाई सलीम, पार्टनर फैयाज, पूर्व प्रधान साला अशफाक, इस्लाम समेत कई जेल में हैं। तस्कर की करोड़ों की संपत्ति सामने आई। 50.99 करोड़ की संपत्ति फ्रीज कर दी गई। उसकी बैट्री फैक्ट्री के साथ इस्लाम की कैंट के नकटिया स्थित मार्केट, उमरिया स्थित मकान व अशफाक के मकान पर बुलडोजर चला दिया गया। अब पिट एनडीपीएस की कार्रवाई के बाद हाईकोर्ट से भी तस्कर को राहत के दरवाजे मुश्किल हो गए हैं।

    एक साल तक जमानत के रास्ते बंद: बीते साल तस्कर जब से पकड़ा गया तब से वह सलाखों के पीछे है। पिट एनडीपीएस की कार्रवाई के बाद अब कार्रवाई की संस्तुति से एक साल तक तस्कर की जमानत के रास्ते तक बंद हो गए हैं। लिहाजा, अब वह लंबे समय तक जेल में रहेगा।

    ऐसे हुई पिट एनडीपीएस की कार्रवाई: अभियोजन, आबकारी और पुलिस अधिकारियों की संयुक्त टीम की रिपोर्ट कार्रवाई के लिए एसएसपी तक पहुंची। एसएसपी की संस्तुति के बाद फाइल डीएम और कमिश्नर तक पहुंची। यहां से रिपोर्ट गृह सचिव को भेजी गई। यहां भी अंतिम मुहर के लिए एडवाइजरी बोर्ड गठित हुआ। एडवाइजरी बोर्ड की रिपोर्ट पर उन्होंने तस्कर के विरुद्ध पिट एनडीपीएस की कार्रवाई पर मुहर लगा दी।

    एफएसएल जांच में स्मैक की हुई पुष्टि: बरामदगी के बाद स्मैक जांच के लिए एफएसएल (फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री डिवीजन) लखनऊ भेजी गई। जांच में स्मैक (हेरोइन) की पुष्टि हुई। पुष्टि के बाद ही तस्कर व नामजद आरोपितों के विरुद्ध चार्जशीट भी लगा दी गई।

    जानिए क्‍या होता है पिट एनडीपीएस एक्‍ट: पिट यानी पीआइटी एनडीपीएस एक्ट 1988  उन गंभीर नशे का कारोबार करने वाले अपराधियों पर लगाया जाता है जो लगातार उस अपराध में शामिल पाए जाते हैं। यह कार्रवाई शासन की ओर से की जाती है। यह उन अपराधियों के खिलाफ लगाया जाता है जिनका जेल में बंद किया जाना बेहद जरूरी हो जाता है। यह एक्‍ट लगने के बाद अपराधी को एक साल तक जमानत नहीं मिल पाती है।

    एसपी देहात राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि ड्रग माफिया छोटे खां के विरुद्ध पिट एनडीपीएस की कार्रवाई के लिए रिपोर्ट शासन गई थी जिस पर गृह सचिव ने मुहर लगा दी है। तस्करों के विरुद्ध कार्रवाई जारी रहेगी।

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