Karwa Chauth 2025: करवा चौथ पर बन रहा शुभ संयोग, चंद्रोदय पर रोहिणी नक्षत्र से बढ़ेगा व्रत का महत्व
इस बार करवा चौथ 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा जिसमें सिद्धि योग और कृत्तिका-रोहिणी नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है। महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं। इस व्रत से वैवाहिक जीवन में सुख शांति आती है और पति की आयु लंबी होती है।

जागरण संवाददाता, बरेली। सुहागिन महिलाओं का महापर्व करवा चौथ इस बार 10 अक्टूबर शुक्रवार को विशेष और मंगलकारी संयोगों में मनाया जाएगा। कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाए जाने वाले इस पर्व पर इस बार सिद्धि योग और कृत्तिका-रोहिणी नक्षत्र का शुभ मेल बनेगा। इस दिन चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में रहेंगे और चंद्रोदय के समय रोहिणी नक्षत्र का संयोग पर्व के महत्व को कई गुना बढ़ा देगा।
ज्योतिषाचार्य पंडित मुकेश मिश्र ने बताया कि करवा चौथ पर महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखकर पति की दीर्घायु और अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं। शाम को चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित कर व्रत का समापन होता है। इस वर्ष सिद्धि योग प्रातःकाल से शाम 05:41 बजे तक और कृत्तिका नक्षत्र शाम 05:31 बजे तक रहेगा, उसके बाद रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ होगा।
जीवन में मिठास घोलेंगे शुभ संयोग
करवा चौथ व्रत के बारे मेें मान्यता है कि इससे वैवाहिक जीवन की परेशानियां दूर होती हैं और पति को दीर्घायु प्राप्त होती है। इसे सौभाग्य दायक व्रतों में सर्वोपरि माना गया है। करवा चौथ पर भगवान गणेश, शिव-पार्वती और कार्तिकेय की पूजा का विधान है। इस बार बन रहे शुभ योगों के कारण करवा चौथ का व्रत हर सुहागिन के लिए न केवल पुण्यकारी बल्कि वैवाहिक जीवन में मिठास घोलने वाला सिद्ध होगा।
तुलसी के पास दीप जलाकर करें पाठ
सुबह महिलाएं सरगी ग्रहण कर स्नानादि के बाद संकल्प लें। व्रत दिनभर निर्जला रहता है। शाम को तुलसी के पास दीप जलाकर करवा चौथ कथा का पाठ करें। पूजा की थाली में धूप-दीप, फल, पुष्प और करवा में चावल या दक्षिणा रखें।
चंद्रोदय पर महिलाएं छलनी से पति का मुख देखकर उन्हें अर्घ्य देती हैं और पति के हाथों जल ग्रहण कर व्रत खोलती हैं। पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05:57 से 07:11 बजे तक रहेगा। चंद्रमा का उदय रात 08:08 बजे होगा हालांकि बादलों या धुंध के कारण चंद्रोदय में विलंब भी संभव है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।