Kargil Divas 2021 : परमवीर चक्र विजेता योगेंद्र यादव बोले चीन में सैन्य जीवन जरूरी है लेकिन भारत में जज्बे से बनते है सैनिक
Kargil Divas 2021 कारगिल विजय दिवस हो और टाइगर हिल पर परचम फहराने वाले परमवीर चक्र विजेता योगेंद्र सिंह यादव का जिक्र न हो ये भला कैसे मुमकिन है। मूल ...और पढ़ें

बरेली, जेएनएन। Kargil Divas 2021 : कारगिल विजय दिवस हो और टाइगर हिल पर परचम फहराने वाले परमवीर चक्र विजेता योगेंद्र सिंह यादव का जिक्र न हो, ये भला कैसे मुमकिन है। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जिला बुलंदशहर निवासी सूबेदार मेजर योगेंद्र यादव फिलहाल उत्तर भारत एरिया मुख्यालय के अधीन बरेली में तैनात हैं। वर्ष 1999 में उन्होंने 19 साल की उम्र में टाइगर हिल पर दुश्मन से लाेहा लेते हुए अपने शरीर पर 17 गोलियां झेली थीं। पड़ोसी मुल्क चीन के साथ चल रहे मौजूदा हालात पर योगेंद्र यादव का कहना है कि चीन का सैन्य बल और तकनीक भले ही ज्यादा हों, लेकिन युद्ध जिजीविषा से जीते जाते हैं।
चीन में सैन्य जीवन जरूरी है लेकिन हमारे सैनिक देश प्रेम के जज्बे से तैयार होते हैं। हालांकि पिछले कुछ समय में देश के सामरिक अत्याधुनिक हथियारों से भी लैस होने पर उन्होंने खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि देश प्रेम केवल सरहद पर नहीं हो सकता। सिविलियन भी अपनी-अपनी जिम्मेदारी का ईमानदारी से निर्वाहन कर देश की प्रगति में सहयोग कर सकते हैं।
आंखों के सामने ताजा है 22 साल पुराना हर लम्हा
कारगिल युद्ध 22 साल पहले हुआ। लेकिन परमवीर योगेंद्र सिंह यादव के जेहन में हर लम्हा बिल्कुल साफ है। वह तब ग्रेनेडियर ‘घातक’ प्लाटून का हिस्सा थे। द्रास सेक्टर पर उनकी प्लाटून टाइगर हिल की ओर बढ़ रही थी। दुश्मन लगातार फायरिंग कर रहा था। उनका दल भी लगातार जवाबी कार्रवाई कर रहा था। लेकिन ऊंचाई पर होने की वजह से दुश्मन का पलड़ा भारी था। 10 हजार फीट की ऊंचाई पर चल रहे युद्ध के दौरान एक-एक कर करीब 17 गोलियां लगीं। कई साथी शहीद हुए लेकिन उन्होंने दो बंकर ध्वस्त किए और टाइगर हिल फतह किया। उन्हें तीन दिन बाद बेस हेडक्वार्टर पर होश आया था।

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