Kachiyani Kheda Hanuman Mandir: शाहजहांपुर में देर रात तक चली संतों से वार्ता, शुरू हुई नीव की खुदाई
Kachiyani Kheda Hanuman Mandir दिल्ली लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित कछियानी खेड़ा हनुमान मंदिर को लेकर शाहजहांपुर में देर रात तक चली संतों और अधिकारियों के बीच वार्ता सफल रही।जिसके बाद नीव की खुदाई का कार्य शुरू हो गया है।

शाहजहांपुर, जागरण संवाददाता। Kachiyani Kheda Hanuman Mandir: हनुमान लाल (Hanuman Lal) के नाम पर भूमि खरीद के बाद ही दिल्ली लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग (Delhi Lucknow National Highway) स्थित कछियानी खेड़ा हनुमान मंदिर को 40 मीटर पीछे स्थानांतरित किया जाएगा। संतों तथा अधिकारियों के बीच हुई वार्ता में यह सहमति बन गई है। एडीएम प्रशासन के आश्वासन के बाद मंदिर पक्ष भी मान गया है।
नतीजतन शनिवार को मंदिर के पीछे हाईवे से दक्षिण दिशा में नींव के लिए खुदाई कार्य भी शुरू हो गया है। जूना अखाड़ा के सभी संत रात में ही यहां से बरेली के टिबरी नाथ मंदिर के लिए रवाना हो गए। वह 18 सितंबर को फिर से अधिकारियों से वार्ता के लिए आएंगे।
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शनिवार सुबह अपर पुलिस अधीक्षक संजीव वाजपेयी, सीओ बीएस वीर कुमार, तहसीलदार ज्ञानेंद्र नाथ पांडेय पहुंचे। उन्होंने मंदिर पुजारी से भूमि खरीद के पांच सदस्यीय समिति गठित कराने के लिए नाम और आधार कार्ड मांगे। इससे अब मंदिर को स्थानांतरित करने की लगभग सभी बाधाएं दूर हो गई हैं।
देर रात तक चली बैठक में बनी सहमति
शुक्रवार आधी रात बाद तक मंदिर परिसर में संतों व अधिकारियों के बीच वार्ता होती रही। मंदिर संचालक महंत रामलखन गिरि तथा जूना अखाड़ा परिषद के संरक्षक व राष्ट्रीय महामंत्री हरि गिरि महाराज ने हुनमान लाल के नाम जमीन खरीदने के बाद ही काम शुरू कराने की अपेक्षा की।
उन्होंने कहा कि वह प्रशासन की मदद करना चाहते हैं, लेकिन हनुमान लाल के नाम जमीन खरीदने क बाद। दोनों पक्षाें में सहमति बनने पर शनिवारको तहसीलदार ज्ञानेंद्र नाथ ने मौके पर पहुंचकर एनएचएआई अधिकारियों को खुदाई के लिए जमीन चिन्हित कराकर काम शुरू करा दिया।
इस तरह होगा मंदिर शिफ्टिग का कार्य
एनएचएआई के अधिकारियों ने मंदिर को 30 मीटर पीछे शिफ्ट (हटाने) करने का ठेका हरियाणा के भिवानी शहर की जय दुर्गा हाउस लिफ्टिंग एंड शिफ्टिंग कंपनी को दिया है। कंपनी की टीम शनिवार देर शाम भारी गार्डर तथा जैक लेकर पहुंच गई। शनिवार मंदिर के पीछे रोलर के सहारे खिसकाने के लिए फाउंडेशन प्लेटफार्म बनाने का काम शुरू कर दिया है।
मंदिर को एक-एक फिट पर चारों ओर लोहे के जैक लगाकर चार फीट ऊपर उठाने के बाद मंदिर की दीवार को लोहे के शिकंजे व चैनल से बांधकर उसके नीचे 31 मीटर लोहे गार्डर व पटरी लगाकर रोलर पर सरकाते हुए मंदिर को किया जाएगा। इस प्रक्रिया में प्रतिदिन पांच से छः फीट मंदिर को पीछे की तरफ स्थानांतरित करेंगे।
डेढ़ महीने में मंदिर को पूरी तरह से शिफ्ट कर दिया जाएगा। एनएचएआई के स्थलीय अभियंता आकाश दीक्षित ने बताया कि जैक, गार्डर व रोलर की मदद से मंदिर को वर्तमान स्थिति में ही हाइवे की सीमा से बाहर स्थापित कर दिया जाएगा। प्रक्रिया के दौरान दैनिक पूजा पाठ भी जारी रहेगा।
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