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    Jagran Special : अब पर्यावरण को प्रदूषित नहीं करेगी रेल नीर की Bottel, पढिए पूरी रिपोर्ट Bareilly News

    By Abhishek PandeyEdited By:
    Updated: Sun, 17 Nov 2019 12:00 PM (IST)

    रेल नीर...इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आइआरसीटीसी) का पानी बेचने के लिए अनुमन्य ब्रांड। जल्द ही ट्रेन में मुसाफिरों के हाथ मेें यह ब्रा ...और पढ़ें

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    Jagran Special : अब पर्यावरण को प्रदूषित नहीं करेगी रेल नीर की Bottel, पढिए पूरी रिपोर्ट Bareilly News

    दीपेंद्र प्रताप सिंह, बरेली : रेल नीर...इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आइआरसीटीसी) का पानी बेचने के लिए अनुमन्य ब्रांड। जल्द ही ट्रेन में मुसाफिरों के हाथ मेें यह ब्रांड कुछ नए रंग-रूप में होगा। नीले रैपर की जगह बोतल पर भगवा रंग होगा। महज रंग ही नहीं, इसकी खासियत भी जुदा होगी। यह बोतल पर्यावरण को दूषित करने वाले आम प्लास्टिक बोतल नहीं होगी। बल्कि बायोडिग्रेडेबल बोतल होंगी, जो इस्तेमाल के बाद धीरे-धीरे खुद ही नष्ट हो जाएंगी। प्लास्टिक कचरे की जगह पर्यावरण मित्र के रूप में सामने आने वाली इन बोतलों को देश भर के स्टेशनों में नए साल से लागू किया जाएगा। इसी साल गांधी जयंती पर आइआरसीटीसी ने प्लास्टिक बोतलों की जगह बायोडिग्रेडेबल बोतलों को शुरू करने की घोषणा अपने ट्विटर अकाउंट पर की थी।

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    कम होगा 11 लाख बोतलों का प्रदूषण

    आइआरसीटीसी के देश भर में अभी 10 प्लांट हैैं। इनसे करीब 11 लाख लीटर पानी की सप्लाई होती है। फिलहाल रेलनीर की बोतलें प्लास्टिक की थीं। अब मुंबई स्थित प्लांट में बायोडिग्रेडेबल बोतलें बन रही हैैं। इन्हें जल्द ही हापुड़ प्लांट के बरेली जंक्शन समेत दर्जन भर स्टेशनों पर लागू किया जाएगा। यानी, पूरी तरह बायोडिग्रेडेबल बोतल लागू होने के बाद पर्यावरण में करीब 11 लाख प्लास्टिक की बोतल कम होंगी।

    हापुड़ Plant से यहां-यहां है सप्लाई

    हापुड़ स्थित प्लांट से रोजाना 22 हजार पेटी रेल नीर की सप्लाई होती है। इसमें बरेली जंक्शन के अलावा कानपुर, गाजियाबाद, शाहजहांपुर जैसे स्टेशन शामिल हैं। इसके अलावा देश भर में नौ अन्य प्लांट हैैं। वर्ष 2021 तक चार अन्य प्लांट शुरू करने की योजना है। जिसकी अनुमति भी मिल चुकी है।

    Tejas में चल चुका है Pilot Project

    दिल्ली से लखनऊ के बीच चलने वाली देश की पहली प्राइवेट ट्रेन यानी तेजस एक्सप्रेस में बायोडिग्रेडेबल बोतलों को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चलाया जा चुका है। प्रयोग सफल रहा है। अब बायोडिग्रेडेबल बोतलों को व्यापक स्तर पर शुरू किया जाएगा।

    प्लांट पर पुरानी प्लास्टिक की बोतलें खत्म होने के बाद बायोडिग्रेडेबल बोतलों मेें रेलनीर की पैकेजिंग होगी। हापुड़ प्लांट से करीब 22 हजार पेटी रोजाना समेत देश भर में 10 लाख लीटर पानी को रोजाना खपत है।

    - विनीत कुमार, ऑपरेशन हेड, आइआरसीटीसी (हापुड़ प्लांट)