Jagran Column : Crime Radar : साहब के साथ होली वाली सेल्फी Bareilly News
पुलिस और अधिकारियों की होली में सेल्फी एक्सपर्ट मजे में दिखाई दिए। जिन अधिकारियों के पास फटकने में डरते थे। होली के दिन उनके साथ जमकर सेल्फी लीं। ...और पढ़ें

अंकित गुप्ता : रामपुर सांसद आजम खां का अचानक बरेली आना हुआ। पार्टी की किसी रैली और कार्यक्रम में नहीं आए थे। उनकी लगातार दो दिन पेशी रामपुर कोर्ट में होनी थी तो दो दिन के लिए सीतापुर जेल से बरेली जेल शिफ्ट किया था। वह बरेली जेल पहुंच तो गए लेकिन जेल प्रशासन के उनकी व्यवस्था में पसीने छूट गए। आजम के बरेली में आने की जानकारी होते ही पहले तो खबरनवीसों का जेल की ओर रुख हुआ, बाद में सपा के नेताओं का। जेल के बाहर लोगों की भीड़ इकट्ठी होना जेल प्रशासन के लिए सिरदर्द बन गई। गनीमत रही कि एक रात रखकर ही आजम को सीतापुर जेल वापस भेज दिया गया। वह एक दिन और रुकते तो जेल प्रशासन शायद सिर ही पकड़ लेता। याद होगा जब पहले पूर्वी उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता अतीक अहमद को बरेली भेजा गया था, उस समय भी हालात कुछ ऐसे ही थे।
देश, प्रदेश या जिले में जब कोई बड़ा अपराध हो जाता है। उस समय बाबा का एंटी रोमियो स्क्वाड नजर आने लगता है। एक दो दिन पार्को और कॉलेजों के बाहर चक्कर लगाता है। पार्क, स्कूल-कॉलेजों के बाहर कुछ युवाओं को डांटने-डपटने के बाद यह स्क्वाड गायब हो जाता है। जबकि युवतियों और महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं होती रहती हैं। इन दिनों छेड़छाड़ के मामले फिर बढ़े हैं, लेकिन शहर में स्क्वाड की चहलकदमी नजर नहीं आ रही है। महकमे के ही लोग कहने लगे हैं कि एंटी रोमियो स्क्वाड में तैनाती मतलब आराम की ड्यूटी। जब कभी बात आए तो इसमें तैनात पुलिसकर्मी दिख जाते हैं, नहीं तो ड्यूटी कमरों से ही होती रहती है। बड़ी बात है कि परीक्षाओं का दौर रहा, एक पखवाड़े से जिले में छेड़छाड़ के हर रोज दो-चार मामले दर्ज हो रहे। इसके बाद भी एंटी रोमियो स्क्वाड नजर नहीं आ रही।
समझौता एक्सपर्ट थानेदार
मुकदमों के बोझ से दबी पुलिस अधिकतर लंबित विवेचनाओं से परेशान रहती है। विवेचनाओं का ऐसा झाम, कि टेंशन बनी ही रहती है। लंबित विवेचनाओं के चलते अक्सर साहब की फटकार लगती है, कई बार तो कार्रवाई भी हो जाती है। ऐसे में सिटी सर्किल के एक थानेदार ने बेहतरीन फामरूला खोज निकाला है। वह थाने में आने वाले हर मामले को समझते ही उसका निपटारा कराने में जुट जाते हैं। दोनों पक्षों को आमने-सामने बैठाते हैं, बात सुनकर उसका निष्कर्ष निकालते हैं। आलम यह हो गया है कि उनके थाने में अब एसएसपी और बड़े साहबों के आदेश पर ही मुकदमे लिखे जा रहे हैं। कई लोग तो उन्हें अब समझौता एक्सपर्ट बुलाने लगे हैं। बताते हैं उन्हें थानेदारी का इतना लंबा अनुभव है कि देखते ही समझ जाते हैं कि किस मामले में कैसे समझौता होगा। उनका यह फॉमरूला जनता व पुलिस दोनो के लिए ही बेहतर है।
गिले शिकवे भुलाकर दुश्मन को भी गले लगाने का त्योहार होली, जिले में धूमधाम से मना। अधिकारी और पुलिस कर्मियों ने भी होली पर जमकर मजे लिए। पुलिस और अधिकारियों की होली में सेल्फी एक्सपर्ट मजे में दिखाई दिए। जिन अधिकारियों के पास फटकने में डरते थे। होली के दिन उनके साथ जमकर सेल्फी लीं। चाय नाश्ता और भोजन तो था ही आम लोगों के बीच अपना स्टेटस बनाने का मौका भी था। होली पर ली गईं सेल्फियों को सोशल साइट्स पर पोस्ट कर टिप्पणी लिखी गईं ‘..साहब के साथ होली के त्योहार पर बिताए गए यादगार पल’। त्योहार तो गुजर गया, लेकिन अधिकारियों के साथ ली गईं तस्वीरें आज भी सेल्फी जवानों के मोबाइल की डीपी और स्टेटस की शोभा बनी हैं। जिन्हें देखकर अधिकारी भी मुस्कुरा रहे हैं। कहते हैं- ये होली के दिन पास आने से अगर साल भर दूर रहें, इससे अच्छा क्या हो सकता है।

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