85 साल का बुजुर्ग 45 का दिखाकर करते थे इंश्योरेंस... फर्जी बीमा गिरोह के राजफाश से मिली हैरान करने वाली जानकारी
एसटीएफ ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो बुजुर्गों की उम्र फर्जी दस्तावेजों से कम दिखाकर उनका बीमा कराता था और उनकी मृत्यु के बाद क्लेम लेता था। एलआईसी को शक होने पर जांच शुरू हुई जिसमें पता चला कि कई लोगों का बीमा उनकी मृत्यु से कुछ दिन पहले ही कराया गया था। आरोपितों ने जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत करोड़ों का चूना लगाया।

जागरण संवाददाता, बरेली। फर्जी दस्तावेजों से बुजुर्गों की उम्र कम दिखाकर बीमा कराने वाले गिरोह का एसटीएफ ने राजफाश कर दिया। गिरोह के आठ सदस्यों को भोजीपुरा से गिरफ्तार कया गया है। आरोपित 80-85 वर्ष के बुजुर्गों को 47-48 साल का दिखाकर बीमा कराते और उनकी मृत्यु के बाद क्लेम ले लेते। बीमा एजेंसी को इस बात का शक तब गहराया जब कुछ लोगों की बीमा के कुछ दिनों बाद ही मृत्यु हो गई।
एसटीएफ ने आरोपितों के पास से क्लेम फार्म, आधार, पैन कार्ड, प्रमाण पत्र, डाक टिकट समेत तमाम सामग्री बरामद की है। एसटीएफ को लंबे समय से गलत तरीके से बीमा कराकर क्लेम लेने की सूचना मिल रही थी। इसकी तलाश में अलग-अलग टीमें लगी थीं। शुक्रवार को एसटीएफ को सूचना मिली कि फर्जी तरह से बीमा कराने वाले गिरोह के कुछ सदस्य भोजीपुरा में हाइवे पर हैं।
सूचना पर पहुंची टीम ने मौके से आठ आरोपितों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उन्होंने अपना नाम भोजीपुरा के कंचनपुर गांव निवासी राहुल गिहार, पीपलसाना चौधरी निवासी जगदीश, मार्डन विलेज निवासी सुरेंद्र गंगवार, पीपलसाना के ही बंटी, नरेंद्र उर्फ नंदू, सुभाष नगर के मढ़ीनाथ निवासी संदीप, भोजीपुरा के दियोरिया निवासी बासिद और ऐरो सिटी निवासी प्रभाकर त्रिपाठी बताया।
पूछताछ में मिली जानकारी
पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत केवल 18 वर्ष से 50 वर्ष के बीच के उम्र के लोगों का ही बीमा कराया जा सकता है। लेकिन आरोपित 80-85 वर्ष तक के बुजुर्गों के आधार कार्ड व अन्य दस्तावेजों को फर्जी तरह से बनाते और कम उम्र दिखाकर उनका बीमा करा देते। बीमा के बाद जब उसकी मौत हो जाती तो कंपनी से उसका क्लेम ले लेते। आरोपितों ने इसी तरह से करीब एक से डेढ़ हजार लोगों का फर्जी तरह से बीमा कराकर करोड़ों का चूना लगा दिया।
ऐसे पकड़ में आया पूरा मामला
एलआइसी में जमा की गई फाइलों में कई फाइलें ऐसी मिलीं जिनमें मृत्यु से कुछ दिन पहले ही संबंधित व्यक्ति का बीमा कराया गया था। ऐसी सभी फाइलों के भुगतान पर रोक लगाने के बाद जांच शुरू की गई तो हकीकत सामने आई। पता चला कि कई फाइलों में 80-85 वर्ष तक के व्यक्तियों की उम्र केवल 48 साल दिखाकर बीमा किया गया था। इसी क्रम में एसटीएफ ने गिरोह के आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया है। अन्य की तलाश जारी है।
गिरोह के किस सदस्य का क्या काम
एसटीएफ की पूछताछ में सामने आया कि गिरोह का सदस्य राहुल, जगदीश, नरेंद्र उर्फ नंदू, सुरेंद्र व बंटी क्षेत्रीय लोगों का बीमा योजना का फार्म भरवाने का काम करते थे। बासिद व उसके गांव का ही फहीम उर्फ गुड्डू कूटरचित आधार कार्ड तैयार करता था।
संदीप, योगेश और प्रभाकर त्रिपाठी जो संबंधित बीमा कंपनी में सर्वेयर का काम करते थे। यह लोग अधिक उम्र के लोगों को कम उम्र का बताने के नाम पर 30 हजार रुपये लेते और रिपोर्ट में सही उम्र बताकर भेज देते। इसके बाद बीमा हो जाता। प्रभाकर त्रिपाठी अपनी पहचान छिपाने के लिए अपना नाम अनिल बताता था। कूटरचित मृत्यु प्रमाण पत्र, परिवार रजिस्टर की नकल व आधार कार्ड लगाकर फाइलें जमा करते थे।
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