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    नियमों में बदलाव: बच्चों को ऑटो-टेंपो से भेजते हैं स्कूल तो हो जाएं सतर्क : Bareilly News

    By Abhishek PandeyEdited By:
    Updated: Sun, 16 Jun 2019 05:05 PM (IST)

    नए शिक्षण सत्र में प्रदेश सरकार विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए स्कूली वाहनों को बेहतर रखने के लिए कुछ कदम उठाए हैं।

    नियमों में बदलाव: बच्चों को ऑटो-टेंपो से भेजते हैं स्कूल तो हो जाएं सतर्क : Bareilly News

    जेएनएन, बरेली : नए शिक्षण सत्र में प्रदेश सरकार विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए स्कूली वाहनों को बेहतर रखने के लिए कुछ कदम उठाए हैं। परिवहन विभाग ने हाल में स्कूली वाहनों से जुड़े कई नियमों में बदलाव भी किए। इसके तहत स्कूली बस के अलावा वाहनों की आयु 15 साल से घटाकर दस साल कर दी।

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    मतलब डीजल, सीएनजी से चलने वाली ठेका अनुबंधित बस या कोई वैन प्रारंभिक रजिस्ट्रेशन की तारीख से दस साल पुरानी नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा कोई भी वाहन स्वामी या ऑपरेटर अपनी कॉमर्शियल गाड़ी को विद्यार्थियों के ट्रांसपोर्टेशन के लिए तब तक इस्तेमाल नहीं करेगा, जब तक स्कूली वाहन के तौर पर परमिट ना हो। यानी, ऑटो-टेंपों में स्कूली बच्चों को लाना-ले जाना पूरी तरह अवैध होगा।

    डीएम और एसएसपी को भी सीधी जिम्मेदारी

    स्कूली वाहनों की सुरक्षा के लिए अब जिला प्रशासन और पुलिस की भी सीधी जिम्मेदारी तय की है। इसके लिए जिला स्कूल वाहन सुरक्षा समिति बनाई है। इसमें डीएम अध्यक्ष, एसएसपी उपाध्यक्ष, आरटीओ प्रवर्तन सदस्य, एआरटीओ प्रवर्तन बतौर सदस्य सचिव होंगे।

    इसके अलावा नगर पालिका का अधिशासी अधिकारी या नगर आयुक्त, जिला विद्यालय निरीक्षक और बेसिक शिक्षा अधिकारी भी कमेटी में बतौर सदस्य होंगे। यह कमेटी हर साल जनवरी और जुलाई में बैठक भी करेगी।

    विद्यालयों में परिवहन सुरक्षा समिति 

    विद्यार्थियों की सुरक्षा संबंधी मामलों के लिए हर स्कूल में विद्यालय परिवहन सुरक्षा समिति बनेगी। इसमें स्कूल मैनेजमेंट से अध्यक्ष, डीएम द्वारा नामित अधिकारी सदस्य होगा। नामित सदस्य नायब तहसीलदार की श्रेणी से नीचे का नहीं रहेगा। इसके अलावा दो संरक्षक प्रतिनिधि, संबंधित पुलिस थाना या चौकी प्रभारी, बीएसए और डीआइओएस की ओर से नामित अधिकारी। विद्यालय यान ऑपरेटर के दो प्रतिनिधि भी होंगे।

    ये रहेगी कमेटियों की जिम्मेदारी 

    डीएम की अध्यक्षता वाली जिला कमेटी स्कूली वाहनों का समय-समय पर निरीक्षण, इसका टाइम टेबल तय करेगी। वहीं, विद्यालय परिवहन सुरक्षा समिति वाहनों के रजिस्ट्रेशन, बीमा, परमिट, प्रदूषण नियंत्रण आदि प्रमाण पत्र और ड्राइवर-कंडक्टर के दस्तावेज को जांचेंगे। वहीं, वाहन फीस और क्षेत्रीय नगर निकाय और पुलिस थाने की मदद से स्टॉप आदि तय करेंगे। जिला स्तरीय समिति को रिपोर्ट देंगे। ड्राइवर और कंडक्टरों के लिए स्वास्थ्य-नेत्र परीक्षण शिविर, पुलिस सत्यापन कराएंगे। 

    स्कूली वाहनों के मोटरयान अधिनियम में संशोधन हुए

    बरेली मंडल के आरटीओ (प्रशासन) डॉ. अनिल कुमार गुप्ता ने कहा कि मोटरयान अधिनियम में स्कूली वाहनों से जुड़े कुछ संशोधन हुए हैं। इसके अनुपालन का काम शुरू हो गया है। सभी विद्यालयों में नई गाइडलाइन भिजवाई जा रही है। 

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