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    पत्नी को भूखा-प्यासा मारने वाले पति को उम्रकैद, मौत के बाद कंबल में लपेटकर पलंग में छिपाई थी लाश

    Updated: Sun, 18 May 2025 03:14 PM (IST)

    बरेली में एक व्यक्ति को अपनी पत्नी को भूखा-प्यासा रखकर मारने के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। मनोज नामक व्यक्ति ने अपनी पत्नी ममता को एक सप्ताह तक कमरे में बंद रखा और उसे भोजन-पानी नहीं दिया जिसके कारण उसकी मौत हो गई। अदालत ने मनोज को हत्या का दोषी पाया और उसे यह सजा सुनाई। यह मामला 2021 में कोरोना काल के दौरान का है।

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    भूखा-प्यासा रखकर पत्नी की हत्या करने वाले पति को आजीवन कारावास

    जागरण संवाददाता, बरेली। एक दिन व्यक्ति भूखा प्यासा रहे तो तड़प उठता है। दो बूंद पानी के लिए वह किसी भी हद तक जाता है लेकिन यदि किसी को खाने के लिए हफ्ते भर भोजन न दिया जाए और पीने को पानी न दिया जाए तो यह क्रूरता की हद पार करने वाला है। ममता के साथ भी ऐसा ही किया गया था, उसके पति मनोज ने उसे तब तक भूखा प्यास रखा जब तक उसकी मौत नहीं हो गई।

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    इस बात का पता तब चला जब ममता का शव सड़ने लगा उसमें कीड़े पड़ गए। अपर सेशन जज-12 ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने पति मनोज को हत्यारा पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। दोषी पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

    करेली निवासी मनोज की शादी वर्ष 2011 में ममता के साथ हुई थी। दंपति की कोई संतान नहीं थी। मनोज फैक्ट्री में मजदूरी करने जाता था। घटना वर्ष 2021 मई में कोरोना काल के दौरान की है। मनोज के घर से दुर्गंध उठने लगी। दुर्गंध इतनी व्यापक थी कि मोहल्ले वालों ने मनोज से ऐतराज किया, लेकिन मनोज टाल गया। मनोज सुबह घर से निकल जाता और देर शाम घर लौटता। गांव वालों ने एक राय होकर पुलिस को सूचना दी।

    कमरे का ताला तोड़कर निकाली थी लाश

    मनोज की गैर मौजूदगी में उसके मकान के कमरे का ताला तोड़ा गया। ताला लगे कैमरे से ही बदबू फैल रही थी। बेड के नीचे एक कंबल में सड़ी गली लाश बरामद हुई, जो ममता की थी। पुलिस ने मनोज को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने बताया कि ममता अक्सर कलह करती थी। एक दिन उसने ममता को थप्पड़ मार दिया। जिस बात से ममता जिद पर आ गई कि वह अब वह उसके साथ नहीं रहेगी।

    कमरे में बंद करके बाहर से ताला लगा जाता

    मनोज ने पुलिस को यह भी बताया कि उसको डर था कि उसके काम पर जाने के बाद वह घर छोड़कर चली जाएगी। इसी कारण वह मजदूरी के लिए जब घर से बाहर जाता तो उसे कमरे में बंद करके बाहर से ताला लगा जाता। इसी तरह एक सप्ताह बीत गया। मायके वालों ने सुभाष नगर थाने में आरोपित के विरुद्ध प्राथमिकी पंजीकृत कराई। शव की हालत इतनी खराब थी कि उसे कोई छूने तक को तैयार नहीं था।

    लाश में कीड़े पड़ गए थे

    लाश में कीड़े पड़ गए थे, कोरोना कल में वैसे भी एक दूसरे से संपर्क टूट गया था। जैसे तैसे पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया। मृतका के पिता राकेश ने पति मनोज, ससुर नत्थूलाल, सास लज्जावती, जेठ विजेंद्र व रामकिशोर, देवर विनोद, जेठानी राम बेटी व धनदेवी, देवरानी जयंती के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने सिर्फ मनोज के विरुद्ध ही आरोप पत्र अदालत में पेश किया। ट्रायल के दौरान शेष आरोपितों को भी अदालत ने तलब कर लिया।

    गवाह व पोस्टमार्टम रिपोर्ट से स्पष्ट हुआ भूख प्यास की वजह से हुई मौत

    सरकारी वकील सुनील पांडेय ने कोर्ट में आठ गवाह पेश किए। गवाहों के बयान के बयान और ममता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह तय हो गया कि ममता की मौत भूख प्यास की वजह से हुई। कोर्ट में हुए डाक्टर के बयान में भी उन्होंने कहा कि ममता की मृत्यु भूख प्यास की वजह से हुई। पेट में जो फूड पार्टिकल्स मिले वह आंतों का सड़ा गला भाग रहा होगा।

    इसके अलावा पेट में केवल 50 एमएल ही फ्लूड भी मिला था। इससे यह तो तय हो गया कि ममता की मौत भूख प्यास की वजह से हुई। इसी के आधार पर कोर्ट ने दोषी पति मनोज को उम्रकैद की सजा सुनाई। सरकारी वकील सुनील पांडेय ने कोर्ट में आठ गवाह पेश किए। शेष आरोपितों को अदालत ने बरी कर दिया।

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