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    GST की टीम ने मारा छापा तो बोरों में भरे म‍िले नोट ग‍िनने के ल‍िए मंगवानी पड़ी मशीन, 10 घंटे ग‍िनती के बाद...

    Updated: Fri, 07 Nov 2025 04:59 PM (IST)

    कूलर-पंखा बनाने की फैक्ट्री संचालित करने वाले तरुण अग्रवाल व वरुण अग्रवाल के घर से आयकर टीम ने छह करोड़ रुपये बरामद किए। अलमारी, बोरों में रखे 100, 200 व 500 के नोटों को गिनने के लिए भारतीय स्टेट बैंक की शाखा से मशीन मंगवानी पड़ी। 10 घंटे गिनती करने के बाद बुधवार शाम को टीम नकदी जब्त कर चली गई। गुरुवार को अधिकारियों का कहना था कि उद्यमी बंधु नकदी का हिसाब नहीं दे सके। टैक्स चोरी, काला धन आदि बिंदुओं पर विस्तृत जांच की जा रही है।

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    जागरण संवाददाता, बरेली। कूलर-पंखा बनाने की फैक्ट्री संचालित करने वाले तरुण अग्रवाल व वरुण अग्रवाल के घर से आयकर टीम ने छह करोड़ रुपये बरामद किए। अलमारी, बोरों में रखे 100, 200 व 500 के नोटों को गिनने के लिए भारतीय स्टेट बैंक की शाखा से मशीन मंगवानी पड़ी। 10 घंटे गिनती करने के बाद बुधवार शाम को टीम नकदी जब्त कर चली गई। गुरुवार को अधिकारियों का कहना था कि उद्यमी बंधु नकदी का हिसाब नहीं दे सके। टैक्स चोरी, काला धन आदि बिंदुओं पर विस्तृत जांच की जा रही है।

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    तरुण अग्रवाल व वरुण अग्रवाल की फैक्ट्री परसाखेड़ा में है। मंगलवार को सेंट्रल जीएसटी (सीजीएसटी) की टीम ने उनके घर पर छापा मारा। एक अधिकारी ने बताया कि टैक्स चोरी के शक में अभिलेख जब्त किए जा रहे थे, उसी दौरान उद्यमी बंधुओं के घर में बड़ी मात्रा में नकदी मिली। वे दोनों नकदी का ब्योरा नहीं दे सके, ऐसे में आयकर विभाग की टीम को भी बुलाया गया।
    अधिकारियों ने उद्यमी बंधुओं से नोटों का स्रोत एवं विवरण मांगा, मगर नहीं दे सके। ऐसे में आरंभिक जांच में गड़बड़ी मानते हुए अधिकारियों ने नकदी जब्त कर ली। अब उद्यमी बंधुओं से विस्तृत ब्योरा मांगा गया है ताकि जांच में उनका पक्ष शामिल किया जा सके। उनकी परसाखेड़ा स्थित फैक्ट्री में भी कागजों की जांच की गई।

    कार्रवाई के संबंध में ग्रेटर नोएडा के सीजीएसटी अपर आयुक्त दर्पण अमरावत से फोन पर बात की गई तो उन्होंने बताया कि नोएडा से टीम गई थी। जांच के बाद बुधवार शाम को टीम लौट गई। इसके बाद वरुण अग्रवाल ने स्वीकारा कि टीमें जांच करने आईं थीं। अधिकारियों ने जो कागज मांगे, वे सौंप दिए गए। छह करोड़ रुपये नकदी मिलने से उन्होंने इनकार किया। उनका कहना था कि इतनी रकम उनके घर या फैक्ट्री में नहीं पाई गई।