Updated: Thu, 18 Sep 2025 11:36 PM (IST)
बरेली में जीएसटी और वैट का बकाया जमा न करने वाले व्यापारियों के खिलाफ वसूली अभियान चलाया जा रहा है। सितंबर में अधिकारियों ने संपत्तियां कुर्क करके लगभग चार करोड़ रुपये की वसूली की। जीएसटी विभाग की टीमें बरेली जोन के विभिन्न जिलों में बकाया वसूल रही हैं और वैट बकायादारों से भी वसूली की जा रही है।
जागरण संवाददाता, बरेली। गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) और वैल्यू एडड टैक्स (वैट) का पुराना बकाया जमा न करने वाले व्यापारियों से अभियान चलाकर वसूली की जा रही है। सितंबर में जीएसटी के अधिकारियों ने अभियान के दौरान बकाया वसूली के लिए कार, बाइक व अन्य अचल संपत्तियों को कुर्क करके करीब चार करोड़ रुपये पुराने बकाया वैट और जीएसटी वसूली की गई।
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जीएसटी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उनकी टीम ने बरेली जोन के अंतर्गत आने वाले बरेली, शाहजहांपुर, बदायूं और पीलीभीत जिलों में जीएसटी और वैट के बकायेदारों से वसूली की जा रही है। वसूली के लिए लगाई गई टीमों ने जीएसटी के 255 बकायेदारों से करीब 3.55 करोड़ रुपये की वसूली की है।
45 लाख रुपये की वसूली सितंबर में ही की
इसके अलावा वैट के 36 दुकानदारों से 45 लाख रुपये की वसूली सितंबर में ही की गई। इसके लिए टीम के अधिकारियों ने बकायेदारों की बाइक, कार व अन्य अचल संपत्तियों को कुर्क करके नीलाम किया। कार, बाइक व अन्य उत्पाद कुर्क होने पर कई व्यापारियों ने तो खुद ही धनराशि जमा कर दी।
13 व्यापारियों के आश्रितों को मिला दुर्घटना बीमा लाभ जीएसटी पंजीकरण कराने वाले व्यापारियों का 10 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा स्वयं हो जाता है। व्यापारी की दुर्घटना में मृत्यु होने पर उसके स्वजन को दिया जाता है।
जीएसटी के अपर आयुक्त ग्रेड-1 बताते हैं कि पंजीकरण कराने वाले व्यापारी को दुर्घटना बीमा के लिए किसी तरह की किस्त नहीं देनी होती है। उन्होंने बताया कि दुर्घटना बीमा के अंतर्गत जोन में 19 व्यापारियों की दुर्घटना में मृत्यु हुई, जिनको 10-10 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया।
जीएसटी और वैट का बकाया टैक्स वसूलने के लिए अभियान चलाया जा रहा है, जिन व्यापारियों पर जीएसटी और वैट का पुराना बकाया है, वे जल्द जमा दें, जिससे उनके विरुद्ध कुर्क करने की कार्रवाई न की जाए। चारों जिलों में सितंबर में अब तक करीब चार करोड़ रुपये जीएसटी और बकाया की पुरानी वसूली की जा चुकी है। - आशीष निरंजन, अपर आयुक्त ग्रेड-1, जीएसटी
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