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    Govind Mero Hai, Gopal Mero Hai : जब ‘लाला’ की हुई विदाई तो यशोदा मइया की आंखें भर आईं

    By Ravi MishraEdited By:
    Updated: Mon, 05 Apr 2021 01:55 PM (IST)

    Govind Mero Hai Gopal Mero Hai गोपाल.. आप विदा ले रहे हैं। यशोदा मइया की तरह लड्डू गोपाल की सेवा करने वाले संगीता सपरा की आंखें भर आईं। ग्यारह दिन सिर्फ इतना ही अवसर दिया आपने मुझे कि मैं आपकी सेवा कर पाई।

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    Govind Mero Hai, Gopal Mero Hai : यशोदा मइया के घर ग्यारह दिन रहे लड्डू् गोपाल

    बरेली, जेएनएन। Govind Mero Hai, Gopal Mero Hai : गोपाल.. आप विदा ले रहे हैं। यशोदा मइया की तरह लड्डू गोपाल की सेवा करने वाले संगीता सपरा की आंखें भर आईं। ग्यारह दिन, सिर्फ इतना ही अवसर दिया आपने मुझे कि मैं आपकी सेवा कर पाई। विदाई की बेला में एक तरफ यशोदा मइया की तरफ दुलार करती संगीता अपने लड्डू गोपाल को विदा कर रही थी, दूसरी तरफ भाव्या अपने लड्डू गोपाल को वापस पाकर भाव विभाेर थी। उनके साथ में मौजूद भाव्या के धर्मभाई कन्हैया अनायास बोल पड़े, नंद गोपाल के घर लाला की लीलाएं अद्भुत रही, अब एक लीला ये भी है। ग्यारह दिन आप मां यशोदा बनी। लड्डू गोपाल को वापस पाकर भाव्या बोली - आप मुझसे बिछड़ गए.. मेरे गोपाल। मेरी आखें तरस गई.. मुझे पता चलते ही मैं आपको लेने आ पहुंची।

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    बरेली के मॉडल टाउन के पास स्थित दशमेशनगर में संगीता सपरा रहती हैं। उन्होंने बताया कि 24 मार्च को वह वृंदावन में दर्शन करने गईं थी। इस दौरान किसी महिला ने उन्हें लड्डू गोपाल कुछ देर पकड़ने को दिए, फिर भक्तों के बीच उन्हें काफी ढूंढा, लेकिन कुछ जानकारी नहीं मिल सकी। 31 मार्च तक वह वृंदावन में ही रहे, लड्डू गोपाल लेने जब काेई नहीं आया तो वापस बरेली आ गए। हर दिन लड्डू गोपाल की उन्होंने सेवा की। आस्था से जुड़े उनके भाव आंखों में भी नजर आ रहे थे।

    वह बोली कि बरेली वापस आने के बाद हमें एक अखबार के जरिए दिल्ली की भाव्या की जानकारी मिली। तब उन्होंने दिल्ली के रमेशनगर में रहने वाले अश्विनी मल्होत्रा को बताया कि आपके लड्डू गोपाल हमारे पास सुरक्षित हैं। कन्हैया ने उन्हें समझाया कि आप तो यशोदा मैया बन गईं... ये प्रेम देखते है, आपके घर तक आ गए। अब लड्डू गोपाल को विदा कर दीजिए। भाव्या और कन्हैया लड्डू गोपाल को लेकर वापस वृंदावन लौट गए।

    अभी तक मेरे लड्डू गोपाल सफर में थे...

    कन्हैया ने बताया कि भाव्या समेत उन्होंने वृंदावन डेरा डाला हुआ था। विचार था कि लड्डू गोपाल को लेकर ही दिल्ली जाएंगे। बरेली से कार से वृंदावन पहुंचने के बाद लड्डू गोपाल बांके बिहारी मंदिर लाया गया। भाव्या का कहना था कि लड्डू गाेपाल अभी तक सफर में थे, अब उन्हें घर वापस ले जाएंगे।

    कीर्तन करते हुए किया विदा

    लड्डू गोपाल की विदाई की बेला से पहले दशमेशनगर के लोग भी संगीता सपरा के घर पहुंचे। एक छोटा कीर्तन रखकर भजन गाते हुए लड्डू गोपाल को विदा किया गया। यहां ज्यादातर लोगों की आस्था बांके बिहारी से जुड़ी हुई है।