'आतंकी प्रवृत्ति में शामिल हो रहे पढ़े-लिखे लोगों पर रखें निगाह', बरेली में राज्यपाल बोलीं- खून में भरी होनी चाहिए देशभक्ति
बरेली में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शिक्षित युवाओं के आतंकी गतिविधियों में शामिल होने पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने शिक्षण संस्थानों से ऐसे युवाओं पर नजर रखने का आग्रह किया और देशभक्ति को हर नागरिक के लिए महत्वपूर्ण बताया। राज्यपाल ने युवाओं को देश के विकास में योगदान करने के लिए प्रेरित किया।

जागरण संवाददाता, बरेली। बीते दिनों दिल्ली में बम विस्फोट के आरोपितों में डाक्टर भी थे। इस पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गुरुवार को कहा कि पढ़े-लिखे लोगों का आतंकी प्रवृत्ति में शामिल होना चिंता की बात है। भारत का नामोनिशान मिटाने की सोच रखने वाले लोगों से हमें लड़ना होगा। समाज व शैक्षणिक संस्थाओं को भी जिम्मेदारी है कि सभी प्रकार की गतिविधियों पर निगाह रखें। सोचिए कि विस्फोट करने वाले डाक्टरों को क्या शिक्षा दी गई होगी...!
इंटरनेट मीडिया के उन वीडियो पर भी ध्यान दीजिए, जिनके जरिये हमारे देश को धमकियां दी जाती हैं। भारत तरक्की के रास्ते पर आगे क्यों बढ़ता जा रहा, ऐसे नकारात्मक विचार करने वाले लोग आतंकी प्रवृत्ति में शामिल हो रहे हैं। महात्मा ज्योतिबाफुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय में 23वें दीक्षा समारोह के दौरान उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति को संवेदनशील, समर्पित व कर्तव्यनिष्ठ बनाना है, ना कि हिंसा व अन्याय के लिए प्रेरित करना।
देशभक्ति हमारे खून में भरी होनी चाहिए
परीक्षा में चार अंक कम आएंगे तो भी चलेंगे मगर, देशभक्ति हमारे खून में भरी होनी चाहिए। हम लोग स्कूटर-गाड़ी टकराने पर एक-दूसरे से लड़ जाते हैं तो कभी दहेज के लिए खून कर देते हैं। यह सब देखकर लगता है कि इन लोगों ने शिक्षा का उद्देश्य व महत्व नहीं समझा। राज्यपाल ने युवाओं को कर्मयोगी बनने की सीख देते हुए कहा कि अपना काम स्वयं करना सीखें। भारत प्रत्येक क्षेत्र में नेतृत्व प्रदान कर स्वर्णिम युग का नया अध्याय लिख रहा है क्योंकि नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद अधिकारियों को सही मागदर्शन मिला। यही अधिकारी पूर्व की सरकारों में भी थे मगर, उनकी शक्ति को बाहर नहीं लाया गया।
यदि पूर्व में यह कार्य किए गए होते तो भारत दुनिया में सबसे आगे होता। उन्होंने नसीहत दी कि बजट उपलब्ध होने के बावजूद विभागीय अधिकारी अड़ंगा लगाने के बजाय त्वरित कार्यवाही और सकारात्मक सोच पर बल दें। कई बार देखा गया कि मेडिकल कालेज की बिल्डिंग बनने के बाद फर्नीचर, फिर डाक्टर-स्टाफ के टेंडर निकाले जाते हैं। इससे पढ़ाई शुरू होने में देरी होती है। ये सभी कार्य बिल्डिंग के टेंडर के समय ही होने चाहिए। समारोह में 94 मेधावियों को गोल्ड मेडल दिए गए।
इनमें 71 छात्राएं थीं। इस पर राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में समान अवसर के बावजूद छात्राओं की तुलना में छात्र पीछे रह जाते हैं। प्रतिस्पर्धा में संतुलन भी जरूरी है। मैं इस वर्ष 36 दीक्षा समारोह में शामिल हो चुकी हूं, सभी जगह छात्राएं आगे दिखीं। हमें अपने ज्ञान का उपयोग राष्ट्र निर्माण और समाज उत्थान में लगाना चाहिए।
बैक परीक्षाएं कराना बंद करें
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय बैक परीक्षाएं कराना बंद करें। परीक्षा के दौरान विद्यार्थी पर्याप्त तैयारी नहीं करते हैं। रुहेलखंड विश्वविद्यालय में पांच दिसंबर से परीक्षाएं होनी हैं, उसमें विद्यार्थियों की 100 प्रतिशत उपस्थिति हो। इन परीक्षाओं में जो विद्यार्थी शामिल न हों, उनकी बैक परीक्षाएं कराना बंद कर दें। दोबारा परीक्षा कराने पर खर्च होता है। नया पेपर बनाना होता है, जांच करानी होती है, दोनों अंकपत्रों को एक करने के बाद परिणाम जारी किया जाता है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।