Ganga Expressway : जानिए यूपी में विकसित होने वाले पांच औद्योगिक कॉरीडोर के बारे में, जिनसे मिलेगी उद्योगों को रफ्तार
गंगा एक्सप्रेस वे प्रदेश के उद्योग को रफ्तार मिलेगी। प्रदेश सरकार ने मेरठ से प्रयागराज तक शाहजहांपुर समेत पांच जिलों में औद्योगिक कारिडोर प्रस्तावित किया है। सभी 12 जिलों के पर्यटन व धार्मिक स्थलों को दर्शाकर उनका महत्व बताया गया है।
शाहजहांपुर, जेएनएन। गंगा एक्सप्रेस वे प्रदेश के उद्योग को रफ्तार मिलेगी। प्रदेश सरकार ने मेरठ से प्रयागराज तक शाहजहांपुर समेत पांच जिलों में औद्योगिक कारिडोर प्रस्तावित किया है। सभी 12 जिलों के पर्यटन व धार्मिक स्थलों को दर्शाकर उनका महत्व बताया गया है। देश के पयर्टन मानचित्र में सुशोभित हनुमतधाम समेत जनपद में प्रस्तावित हवाई पट्टी को भी सैंड माडल में दर्शाया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को प्रदेश सरकार के 36 हजार करोड़ की लागत के गंगा एक्सप्रेस वे का शिलान्यास करेंगे। अत्याधुनिक तकनीक से पीपीपी मोड के तहत बनने वाले एक्सप्रेस वे से आवागमन की सुविधा के साथ उद्योग को रफ्तार मिलेगी। देश विदेश के निवेशक भी आकर्षिक होंगे। धार्मिक व ऐतिहासिक पयर्टन को भी बढ़ावा मिलेगा।
इन पांच जिलों में विकसित होंगे इंडस्ट्रियल कारिडोर
यूपीडा ने पांच जिलों में इंडस्ट्रियल कारिडेार प्रस्तावित किया है। सैंड माडल में भी जिलों को दर्शाया गया है। संबंधित जनपदों में किसानों की उपज आधारित उद्योगों व भंडारण को बढ़ावा मिलेगा।
जनपद वार इन उद्योगों को मिलेगा बढ़ावा
प्रतापगढ़ : आंवला का उत्पादन का मुख्य केंद्र है। एक्सप्रेस वे से पांच घंटे के भीतर देश की राजधानी तक सामान को पहुंचाया जा सकेगा। अभी तक आवागमन की सुविधा न होने से एक से दो दिन तक का समय लग जाता है।
हरदोई : दलहन, मक्का, आलू समेत गन्ना, धान का भी उत्पादन होता है। आवागमन की सुविधा न होने से किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पाता। खाद्यान्न आधारित उद्योग विकसित होने से किसानों को लाभ होगा।
शाहजहांपुर : प्रदेश में सर्वाधिक धान, गेहूं उत्पादन के रूप में जनपद की पहचान है। आवागमन की सुविधा न होने से किसानों को फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पाता। चावल, गेहूं के परिवहन में भाड़ा भी अधिक लगता है। इंडस्ट्रियल कारिडोर से खाद्यान्न आधारित उद्योग लगेंगे। आवागमन की सुविधा से विदेशी निवेदशक भी अाकर्षित होंगे।
बदायूं : दलहन, आलू के साथ सब्जियों के उत्पादन का मुख्य जिला है। इंडस्ट्रियल कारिडोर से किसानों काे फसल का उचित मूल्य मिलेगा। उद्योग लगने से रोजगार बढ़ेगा।
बुलंदशहर : डेयरी उद्योग के साथ लाल गाजर समेत सब्जियों का उत्पादन होता है। कारिडोर विकसित होने से डेयरी उद्योग को पंख लगेंगे। अन्य संबंधित उद्योग विकसित होंगे।
भंडारण को विकसित होगी गोदाम की श्रृंखला
इंडस्ट्रियल कारिडोर विकसित होने से एक्सप्रेस वे के किनारे भंडार गृहों (वेयर हाउस) की श्रृंखला विकसित होगी। इससे उद्यमी किसानों की उपज को उचित दामों में खरीदकर भंडारण कर सकेंगे। इससे 12 जिलों की उपज आधारित उत्पाद देश विदेश में पहुंच सकेंगे। इलेक्ट्रानिक्स समेत अन्य उद्योग भी लगेंगे।
आकर्षक हाेंगे विदेशी निवेशक
आवागमन की सुविधा से विदेशी निवेशक भी आकर्षित होंगे। ताइववान की कंपनियों ने भ्रमण भी शुरू कर दिया है। इससे खाद्यान्न आधारित उद्योगों के साथ इलेक्ट्रानिक्स आदि उद्योग भी यहां लगेंगे, इससे रोजागर बढ़ेगा।
जिले के उद्योग को मिलेगा बढ़ावा
शाहजहांपुर में करीब 100 राइस मिल है। यहां पूर्वाचल से बड़ी मात्रा में धान की आवक होती है। एक्सप्रेस वे के बनने से कम समय व भाड़े में यहां खाद्यान्न की आवक होगी। यहां से पंजाब हरियाणा के लिए खाद्यान्न को कम खर्च में भेजा सकेेगा। इसी तरह फ्लोर मिल व अन्य उद्योग भी लाभांवित होंगे।
गंगा एक्सप्रेस वे के किनारे इंडस्टियल कारिडोर बनने से उद्योग जगत का विकास होगा। विदेशी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए लैड बैंक भी बनेगी। उपज आधारित उद्योग विकसित होने से किसानाें को उचित मूल्य मिल सकेगा। रोजगार बढ़ेगा। चावल, गेहूं, आलू, खीरा, गोभी, गाजर, दलहर, तिलहन आदि को बढ़ावा मिलेगा। परिवहन का खर्च आधा हो जाएगा। अशोक अग्रवाल, राष्ट्रीय अध्यक्ष इडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन
गंगा एक्सप्रेस वे के किनारे इंडस्ट्रियल कारिडोर विकसित ईंट भट्टा उद्योग को बढा़वा मिलेगा। संबंधित उद्योग विकसित होंगे। खाद्यान्न आधारित उद्योगों खुशहाल होंगे। युवाओं का उद्योगों के प्रति रुझान बढ़ेगा। शुभम खन्ना, चेयरमैन आइआइआइ
गंगा एक्सप्रेस वे राइस, फ्लोर समेत होटल इंडस्ट्री को भी बढ़ावा मिलेगा। शाहजहांपुर समेत संंबंधित जिलों का चहुंमुखी विकास होगा। किसान भी खुशहाल होंगे। मृत उद्योगाें को भी संजीवनी मिलेगी। सुरेश सिंघल, राइस मिलर्स