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    Ganesh Festival: बरेली में मायानगरी से कम नहीं गणेश उत्सव की धूम, शहर में होते है 400 से अधिक आयोजन

    By Ravi MishraEdited By:
    Updated: Sat, 27 Aug 2022 12:34 PM (IST)

    Bareilly Ganesh Festival News बरेली में मायानगरी से कम नहीं होगी गणेश उत्सव की धूम।यहां शहर में चार सौ से अधिक आयोजन होते है।जहां भगवान गणेश की मूर्तियां विराज मान होती हैं।सांस्कृतिक व धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है।

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    Ganesh Festival: बरेली में मायानगरी से कम नहीं गणेश उत्सव की धूम, शहर में होते है 400 से अधिक आयोजन

    बरेली, जागरण संवाददाता। Bareilly Ganesh Festival News : गणपति बप्पा मोरया..., अग्र पूज्य देव श्रीगणेश के उद्घोष और उत्सव के उल्लास से शहर सराबोर होने को है। मराठा संस्कृति (Maratha Culture) के साथ ही ईष्ट देव के प्रति अथाह भक्ति भाव दिखने वाला है। गणेश चतुर्थी से पू्र्व शहर में गणेश उत्सव (Ganesh Festival) की धूम मचने वाली है।

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    नाथ नगरी में मायानगरी (Mayanagri) की छटा बिखेरने वाला गणेशोत्सव शुरू होने को है। इसके लिए आयोजकों ने तैयारी शुरू कर ली है। गणेश प्रतिमा मुंबई (Mumbai) से मंगाई जा रही है। प्रतिमा स्थापित कर करीब हफ्ते भर शहर में उत्सव रहेगा। फिर श्रद्धा भाव में रंगी शोभायात्रा शहर की सड़कों पर निकलेगी और भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा का विसर्जन होगा।

    बरेली में मनाए जाने वाले पारंपारिक पर्वों की सूची में अब गणेश उत्सव भी शामिल हो गया है। सभी धार्मिक आयोजनों में प्रथम पूजे जाने वाले भगवान श्रीगणेश के उत्सव (Ganesh Utsav) मनाने की परंपरा महाराष्ट्र (Maharastra) से ही यहां आई है।

    गणेश महोत्सव समिति के प्रदेशाध्यक्ष अनिल पाटिल बताते हैं कि वह करीब 30 साल पहले व्यापार के सिलसिले में महाराष्ट्र से बरेली आए थे। मराठा होने की वजह से मन में बचपन से ही अपने ईष्ट के प्रति सेवा और उनकी भक्ति का भाव रहता था।

    मुंबई की तरह यहां भी गणेशोत्सव पर्व का मनाने की उमंग रहती लेकिन यहां गणेश चतुर्थी के बारे में लोगों को पता न होने की वजह से उन्होंने वर्ष 1997 में खुद अपने घर में मुंबई से भगवान गणेश की प्रतिमा लाकर स्थापित की और इसकी शुरुआत की।

    धीरे-धीरे लोग उनके साथ जुड़ना शुरू हुए और भगवान गणेश के इस उत्सव की लोकप्रियता बढ़ी तो हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने इस उत्सव में शामिल होकर प्रथम पूजनीय गणपति की अराधना शुरू कर दी।

    शहर में अब 400 से अधिक होते हैं आयोजन

    अनिल पाटिल बताते हैं कि शहर में 25 साल पहले जहां कोई गणेशोत्सव के बारे में नहीं जनता था वहीं उनकी ओर से शुरुआत करने के बाद अब करीब 400 से अधिक आयोजन गणेश चतुर्थी पर होते हैं। वह आलमगिरीगंज स्थित बाबूराम धर्मशाला में गणेश उत्सव मनाते हैं।

    उन्होंने बताया कि वह हर साल मुंबई से ही भगवान गणेश की प्रतिमा लेकर आते हैं। शुरुआत में एक-डेढ़ फीट की मूर्ति लाकर स्थापित करते थे। अब जिस तरह से लोकप्रियता बढ़ी और लोगों का सहयोग मिलना शुरू हुआ तो प्रतिमा का भी कद बढ़ा। वर्तमान में आठ फीट की प्रतिमा स्थापित की जा रही है।

    बताया कि जो शृंगार मुंबई में भगवान गणेश का होता है ठीक वैसा ही शृंगार यहां गणपति बप्पा का किया जाता है। इस बार उत्सव में छत्रपति शिवाजी की जीवनी पर भव्य मंचन का आयोजन किया जाएगा। बताया युवा अपने वीरों के बारे में जाने इसके लिए महोत्सव में मंचन कर उनकी जीवनी से उन्हें रूबरू कराया जाएगा।