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    किडनी और लिवर के लिए बड़ा खतरा है खाद्य पदार्थों में मिला सिंथेटिक रंग, होती हैं गंभीर बीमारियां

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 11:12 PM (IST)

    बरेली में खाद्य पदार्थों में मिलावट का खुलासा हुआ है। जांच में हल्दी बेसन धनिया पाउडर और तेल जैसे खाद्य पदार्थों में हानिकारक रंग और मिलावट पाई गई है। चिकित्सकों का कहना है कि इन मिलावटी चीजों के सेवन से लिवर किडनी और बोनमैरो को खतरा है साथ ही बच्चों का मानसिक विकास भी बाधित हो सकता है। अधिकारियों ने मिलावट करने वालों पर कार्रवाई शुरू कर दी है।

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    किडनी, लिवर के लिए खतरा है खाद्य पदार्थों में मिला सिंथेटिक रंग। (प्रतीकात्मक चित्र)

    जागरण संवाददाता, बरेली । खाद्य पदार्थों में सिंथेटिक रंगों की मिलावट होने से मानव स्वास्थ्य को खतरा होता है। इससे लिवर, किडनी के साथ बोनमैरो को नुकसान पहुंचने का खतरा रहता है। इससे बच्चों के मानसिक विकास के बाधित होने की आशंका से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है।

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    खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की ओर से जांच को भेजे गए नमूनों में से अगस्त में 229 नमूनों की जांच सामने आई। इनमें 16 नमूनों में हानिकारक तत्व मिले। यही नहीं, 127 नमूने तो अधोमानक या उनमें मिलावट पाई गई।

    इनमें जिन नमूनों को खाद्य सुरक्षा विभाग की लैब में अनसेफ माना गया, उसमें बेसन में जीवित व मृत कीड़े मिलने, जिनको खाने से स्वास्थ्य विगड़ने की आशंका रहती है। साबुत हल्दी को हानिकारक रंगों से रंगा गया। धनिया पाउडर और हल्दी पाउडर में मेटलिक येलो रंग मिला पाया गया। चाय में सनसेट येलो रंग की मिलावट पाई गई।

    सरसों के तेल में हाई एसिड वैल्यू पाई गई। इसके अलावा चिकन बिरयानी, टमाटर की चटनी, नानवेज बिरयानी, हैदराबादी चिकन बिरयानी में मेटालिक येलो रंग की मिलावट पाई गई। चिकित्सकों का मानना है कि इन रंगों की मिलावट वाले खाद्य पदार्थों का लंबे समय तक सेवन करने से किडनी, लिवर और बोनमैरो सबसे पहले प्रभावित होने की आशंका रहती है। ऐसे में खाद्य पदार्थों को खरीदने से पहले एक बार मिलावट की जांच जरूर कर लें।

    अगस्त में 229 खाद्य पदार्थों के नमूनों की जांच सामने आई, जिसमें 127 नमूने फेल मिले। इनमें से 16 खाद्य पदार्थों को अनसेफ पाया गया, जिनके लाइसेंसधारकों के विरुद्ध अग्रिम कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। - अक्षय गोयल, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी

    सिंथेटिक रंगों और मेटलिक रंगों की मिलावट खाने में होने से किडनी, लिवर और बोनमैरो को बड़ा नुकसान पहुंचने की आशंका रहती है। इसके अलावा बच्चों के मानसिक विकास में भी बाधा हो जाती है, इसलिए इन खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। -डा. शरद अग्रवाल, फिजीशियन

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