मुंबई प्लेन हादसा : विमान कंपनी के खिलाफ सांताक्रूज थाने में मुकदमा दर्ज
हादसे में बदायूं की इंजीनियर बेटी सुरभि समेत सह पायलट कैप्टन मारिया, तकनीशियन मनीष पांडे एवं कैप्टन प्रदीप राजपूत और एक राहगीर की मौत हो गई थी।
बदायूं, जेएनएन : पार्लियामेंट्री कमेटी ने घाटकोपर इलाके में 28 जून को हुए विमान हादसे में एअरबेस इंजीनियर बदायूं की सुरभि गुप्ता की मौत को आपराधिक लापरवाही करार दिया है। 20 लोकसभा और 10 राज्यसभा सदस्यों की समिति ने स्पष्ट कहा है कि टेस्ट फ्लाइट अवैध थी। वहीं, सुरभि के पिता ने मुंबई के सांताक्रूज थाने में यू वाई एविएशन कंपनी के खिलाफ हत्या का मुकदमा कायम कराने का दावा भी किया है।
सुरभि के पिता एडवोकेट सूर्यप्रकाश गुप्ता बदायूं के रहने वाले है। उन्होंने बताया कि हादसे में उनके अलावा नेवी ऑफीसर भाई सुमित और पायलट पति ने संदिग्ध हालात में प्लेन क्रेश की जांच कराने के लिए पार्लियामेंट्री लेबर कमेटी का दरवाजा खटखटाया था। प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, महिला आयोग समेत एविएशन इंडस्ट्री से आरटीआइ के तहत सूचनाएं भी मांगी गईं। इस पर विमान कंपनी की ओर से प्रलोभन और फिर धमकियां भी मिली थीं।
कंपनी के पास नहीं था टेस्ट फ्लाइट का एयर बर्थ सर्टिफिकेट
कीरीट सोमेइया की अध्यक्षता वाली समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि किसी भी प्रकार की फ्लाइट के लिए एअर बर्थ सार्टिफिकेट होना चाहिए। बावजूद यू वाई एबिएशन के पास 28 जून की टेस्ट फ्लाइट के लिए सार्टिफिकेट नहीं था। उसका सार्टीफिकेट साल 2008 में रद हो चुका था। इसके बावजूद घनी आबादी वाले क्षेत्र में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के अनुमोदन के बिना एविएशन कंपनी ने खराब मौसम में परीक्षण उड़ान भरी जो आपराधिक लापरवाही है। इस उड़ान मे किंग एअर सी-90 विमान दुर्घटना ग्रस्त हो गया और सुरभि समेत सह पायलट कैप्टन मारिया, तकनीशियन मनीष पांडे एवं कैप्टन प्रदीप राजपूत और एक राहगीर की मौत हो गई थी।
मरम्मत की थी जिम्मेदारी
रिपोर्ट के मुताबिक, सुरभि की तैनाती हैंगर में खराब खड़े हवाई जहाज में नए पुर्जे डालकर उसकी मरम्मत की थी। आरोप है कि एअरलाइंस कंपनी ने साजिशन सात करोड़ का बीमा हड़पने के लिए सुरभि एवं टेक्नीशियन मनीष को परीक्षण उड़ान के लिए प्लेन में गलत ढंग से भेज दिया।
प्लेन का सात करोड़ बीमा
सुरभि के पिता ने एअरलाइंस कंपनी यू वाई एविएशन सहित (मेंटीनेन्स एंड रिपेयरिंग) और इंडमार सिविल एविएशन प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ हत्या का मुकदमा तो दर्ज कराया ही है। साथ ही यह सवाल भी पूछा है कि सवा करोड़ की लागत वाले कबाड़ विमान का सात करोड़ रुपये का बीमा कैसे हो गया।
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