Move to Jagran APP

बरेली में निदा के पिता को मस्जिद में नमाज पढऩे से रोकने की कोशिश

दरगाह हजरत शाहदाना वली पर जुमे की नमाज पढ़ने गए निदा खान के पिता को भीड़ ने घेरा। फतवा जारी होने की बात कह मस्जिद में घुसना गलत ठहराया।

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 07 Sep 2018 06:10 PM (IST)Updated: Sat, 08 Sep 2018 08:05 AM (IST)
बरेली में निदा के पिता को मस्जिद में नमाज पढऩे से रोकने की कोशिश
बरेली में निदा के पिता को मस्जिद में नमाज पढऩे से रोकने की कोशिश

बरेली (जेएनएन)। निदा खान को इस्लाम से खारिज करने के फतवे का असर जुमे (शुक्रवार) की नमाज में दिखा। दरगाह शाहदाना वली स्थित मस्जिद में नमाज पढऩे गए निदा खान के पिता मुसर्रतयार खां को कुछ लोगों की भीड़ ने घेर लिया। उन्हें मस्जिद में नमाज पढऩे से रोका और अभद्रता की। बाद में दरगाह पर हाजिरी देने पहुंचीं निदा की मां यासमीन को भी नहीं बख्शा। पहले गनर के साथ निदा और फिर पुलिस पहुंच गई। निदा, उनके पिता और मां को मस्जिद से सुरक्षित निकालकर घर पहुंचाया गया। उधर, देर रात थाने में पुलिस ने दोनों पक्ष बुलाए। वहां दरगाह के मुतवल्ली अब्दुल वाजिद खां बब्बू ने माफी मांगकर मामला रफा-दफा किया। भरोसा दिलाया, आगे से उन्हें नमाज से नहीं रोका जाएगा। 

loksabha election banner

निदा के पिता मुसर्रतयार खां लंबे समय से शाहदाना वली पर जुमे की नमाज पढ़ते आ रहे हैं। शुक्रवार को भी दोपहर करीब 1.57 बजे मस्जिद में पहुंचे। मस्जिद के दरवाजे पर ही उन्हें आठ-दस नमाजियों ने रोक दिया। यह कहते हुए कि आप यहां नमाज नहीं पढ़ सकते, क्योंकि आपकी बेटी के खिलाफ इस्लाम से खारिज करने का फतवा है। मुसर्रतयार खां ने इसका विरोध किया और मुतवल्ली अब्दुल वाजिद खां उर्फ बब्बू के पास पहुंचे। घटना बताई और बोले कि वह नमाज यहीं पढ़ेंगे।

इस बीच एक शख्स ने मस्जिद के इमाम से यह सवाल पूछा कि जिस व्यक्ति के खिलाफ फतवा जारी हुआ हो, क्या उनके साथ नमाज पढ़ी जा सकती है? इसके जवाब में इमाम शुजाअत खान ने कहा कि फतवे के मुताबिक उनके साथ नमाज नहीं पढ़ी जा सकती। आरोप है कि इमाम के इस जवाब से भीड़ मुसर्रतयार खां के खिलाफ खड़ी हो गई। जैसे-तैसे उन्होंने फर्ज (नमाज) अदा किए। तब तक अच्छा खासा हंगामा खड़ा हो चुका था। इसी बीच निदा की मां भी हाजिरी के लिए शाहदाना वली दरगाह पहुंच गईं। उनसे महिलाओं ने फतवे की बात कहते हुए बदसुलूकी की। तब उन्होंने मोबाइल से निदा को फोन किया। निदा गनर संग दरगाह पहुंचीं। शहामतगंज चौकी इंचार्ज को सूचना दी। वह फोर्स के साथ पहुंच गए। पुलिस निदा, उनके पिता और मां को भीड़ से बचाकर घर से आई।
निदा ने कहा है कि यह सब दरगाह आला हजरत से जारी फतवे की वजह से हुआ है। उसे वापस लिया जाना चाहिए। शाहदाना वली दरगाह मस्जिद इमाम को माफी मांगना चाहिए। उनकी वजह से भीड़ भड़की।

-भीड़ ने उन्हें नमाज पढऩे से रोका। उन्होंने मुझे बताया तो मैंने कहा कि नमाज पढ़ लीजिए। बैठकर बात करेंगे। इमाम की कोई खता नहीं, उन्होंने फतवे पर अमल का जवाब दिया है।
- अब्दुल वाजिद खां, मुतावल्ली दरगाह शाहदाना वली मस्जिद


-मुझे और मेरे परिवार को साजिश के तहत घेरा गया। भीड़ मेरी या परिवार की जान ले सकती थी। इससे पहले भी कई बार हमले हुए हैं।
- मुसर्रतयार खां, निदा के पिता

यह हैैं निदा खान
निदा खान आला हजरत परिवार की पूर्व बहू हैं। उनका पति शीरान रजा खां से तलाक का मुकदमा कोर्ट में है। निदा आला हजरत हेल्पिंग सोसाइटी चलाती हैैं। तीन तलाक और हलाला के खिलाफ मुखर हैैं। इसी के चलते पिछले दिनों निदा के खिलाफ इस्लाम से खारिज करने का फतवा जारी कर दिया गया।

कोर्ट में पेश हुईं निदा
शरीयत व इस्लाम के खिलाफ बयानबाजी को लेकर दायर हुए मुकदमे में शुक्रवार को आला हजरत हेल्पिंग सोसाइटी की अध्यक्ष निदा कोर्ट में हाजिर हो गई। सिविल जज जूनियर डिवीजन शहर मृत्युंजय श्रीवास्तव की कोर्ट ने निदा को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था। पिछले माह महिला जन कल्याण सोसायटी की रीना खान ने निदा पर इस्लाम व शरीयत के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी के आरोप में सिविल कोर्ट में दावा दायर किया था। रीना का कहना है कि निदा बेजा बयानबाजी कर शहर का माहौल खराब कर रही हैं। इससे सामाजिक वैमनस्यता पैदा होने की आशंका है। वादिनी ने कोर्ट से विवादित बयानों पर रोक लगाने की मांग की है। समन तामील होने के बावजूद निदा कोर्ट में पेश होने से बच रही थीं। कोर्ट ने मुकदमे की अगली सुनवाई की तारीख 22 सितंबर नियत की है।

फतवा वापस लें, इमाम माफी मांगे

इस घटनाक्रम के बाद में निदा खान भी दरगाह शाहदाना अली अपने गनर के साथ पहुंची। भारी हंगामे के बीच पुलिस निदा के परिवार को वहां से निकालकर उनके घर ले आई। पुलिस ने मामले में रात 8:00 बजे बारादरी थाने पर दोनों पक्षों को बुलाया है। इस बीच निदा ने तहरीर देने से इनकार कर दिया है उनका कहना है कि फतवा वापस लिया जाए जिसकी वजह से समस्या खड़ी हो रही है। साथ ही इमाम साहब फतवे का समर्थन करने के लिए माफी मांगे।

कौन हैं निदा

आला हजरत खानदान की पूर्व बहू। उनका पति शीरान रजा खां से तीन तलाक पर मुकदमा चल रहा है। निदा तीन तलाक और हलाला के खिलाफ लड़ाई लड़ रही हैं। पिछले दिनों उनके खिलाफ इस्लाम से खारिज करने का फतवा जारी हुआ था।

कोर्ट में पेश हुईं निदा

शरीयत व इस्लाम के खिलाफ बयानबाजी को लेकर दायर हुए मुकदमे में शुक्रवार को आला हजरत हेल्पिंग सोसाइटी की अध्यक्ष निदा बरेली के एक कोर्ट में हाजिर हो गई। सिविल जज जूनियर डिवीजन शहर मृत्युंजय श्रीवास्तव की कोर्ट ने निदा को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था। पिछले माह महिला जन कल्याण सोसायटी की रीना खान ने निदा पर इस्लाम व शरीयत के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी के आरोप में सिविल कोर्ट में दावा दायर किया था। रीना का कहना है कि निदा बेजा बयानबाजी कर शहर का माहौल खराब कर रही हैं। इससे सामाजिक वैमनस्यता पैदा होने की आशंका है। वादिनी ने कोर्ट से विवादित बयानों पर रोक लगाने की मांग की है। समन तामील होने के बावजूद निदा कोर्ट में पेश होने से बच रही थीं। कोर्ट ने मुकदमे की अगली सुनवाई की तारीख 22 सितंबर नियत की है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.