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    UP News: बुलंदशहर में अंग्रेजी के शिक्षक का जाति प्रमाण पत्र निकला फर्जी, जांच में हुआ खुलासा

    Updated: Thu, 14 Aug 2025 08:00 AM (IST)

    बरेली के सदर तहसील क्षेत्र में एक शिक्षक का छह साल पहले जारी किया गया जाति प्रमाण पत्र जाँच में फर्जी पाया गया। शिक्षक जो अन्य पिछड़ा वर्ग से है ने तथ्यों को छुपाकर अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी करवा लिया। तहसीलदार ने प्रमाण पत्र को निरस्त करने की सिफारिश की है और रिपोर्ट जिला मुख्यालय भेज दी है।

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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    जागरण संवाददाता, बरेली। सदर तहसील क्षेत्र के गांव करगैना की जाग्रतिनगर कालोनी के पते पर छह वर्ष पहले जारी किया गया शिक्षक का जाति प्रमाण पत्र जांच में फर्जी निकला। अन्य पिछड़ा वर्ग में आने वाले शिक्षक ने तथ्यों को छिपाकर अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी करा लिया। इस जाति प्रमाण पत्र को निरस्त करने की संस्तुति के साथ अगस्त के पहले सप्ताह में सदर तहसीलदार की ओर से जिला मुख्यालय पर रिपोर्ट भेजी गई।

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    सदर तहसीलदार की ओर से भेजी गई जांच रिपोर्ट के अनुसार बहेड़ी ब्लाक के ग्राम दौलतपुर के मूल निवासी केंद्रपाल पुत्र कृष्ण गोपाल की जाति गड़रिया है, जो कि पिछड़ी जाति के अंतर्गत आती है। वह बुलंदशहर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय इंटर कालेज में अंग्रेजी के शिक्षक हैं।

    उनका करगैना क्षेत्र की जाग्रतिनगर कालोनी के पते पर केंद्रपाल धनगर अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र दिनांक सात जून 2019 को तहसील से निर्गत किया गया। यह तथ्य करगैना के क्षेत्रीय लेखपाल की ओर से की गई जांच में सामने आए, जिसकी रिपोर्ट 29 जुलाई को दी गई थी।

    इससे पहले ग्राम दौलतपुर तहसील बहेड़ी में की गई जानकारी से पता चला कि केंद्रपाल बहेड़ी क्षेत्र के मूल निवासी हैं और अब बुलंदशहर में रहते हैं। दौलतपुर के ग्राम प्रधान और अन्य ग्राम वासियों के बयानों अनुसार उनकी जाति गड़रिया है, जो अन्य पिछड़ा वर्ग में आती है।

    केंद्रपाल के भाई प्रेमपाल सिंह गांव में ही शिक्षामित्र के रूप में कार्यरत हैं, उनका जाति प्रमाण पत्र साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया। पूरा मामला जांच में सामने आने पर सदर तहसील से निर्गत किया गया धनगर जाति का प्रमाण पत्र निरस्त करने के लिए जिला स्तरीय कमेटी से निरस्त कराने के लिए आख्या प्रेषित की गई। अब जिला स्तरीय समिति की ओर से उनका प्रमाण पत्र निरस्त किया जाएगा।

    पिछड़ी जाति में आने वाले केंद्रपाल का जाति प्रमाण पत्र अनुसूचित जाति का वर्ष 2019 में जारी किया गया था। गलत जाति प्रमाण पत्र को निरस्त किए जाने के लिए जिला मुख्यालय पर पत्र भेजा गया है।

    -भानु प्रताप सिंह, सदर तहसीलदार