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    Effect of Coronavirus Infection : कोरोना संक्रमण का बरेली के कपड़ा बाजार पर पड़ा असर, आधे हुए खरीदार, सहालग से उम्मीद लगाए बैठे दुकानदारों के अरमानों पर फिरा पानी

    By Samanvay PandeyEdited By:
    Updated: Mon, 12 Apr 2021 02:03 PM (IST)

    Effect of Coronavirus Infection बीतेे साल कोरोना संक्रमण के चलते प्रभावित हुए कपड़ा बाजार को अप्रैल मई और जून की सहालग से उम्मीदें थीं। अब सहालग का स ...और पढ़ें

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    जरूरत के कपड़े ही खरीद रहे ग्राहक, नाइट कर्फ्यू के बाद रौनक हुई गायब।

    बरेली, जेएनएन। Effect of Coronavirus Infection : बीतेे साल कोरोना संक्रमण के चलते प्रभावित हुए कपड़ा बाजार को अप्रैल, मई और जून की सहालग से उम्मीदें थीं। अब सहालग का समय आया तो संक्रमण ने फिर पैर पसार लिए। केस इतने बढ़ गए कि जिले में नाइट कर्फ्यू लगाना पड़ा। जिसका सीधा प्रभाव सहालग पर पड़ा। नतीजतन कपड़ा बाजार 50 फीसद तक टूट गया। दुकानदार बताते हैं कि दुल्हन के चढ़ावे का सामान तो लिया जा रहा है, लेकिन लोग जो अपने लिए चार से पांच जोड़ी कपड़े लेते थे वह अब एक या दो जोड़ी पर ही सिमट गए हैं। इसके अलावा कास्मेटिक और सर्राफा बाजार पर भी इसका असर दिखाई दे रहा है।

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    2020 में आधा साल लॉकडाउन, संक्रमण से बचाव और सन्नाटे के बीच गुजरा। इसके बाद दिवाली और नवंबर में सहालग के समय को छोड़ दें तो बाजार में कुछ खास नहीं रहा। 2021 के जनवरी, फरवरी और मार्च में कोई विशेष सहालग नहीं रही। इसके चलते भी कपड़ा बाजार काफी प्रभावित रहा है। अप्रैल के बाद लगातार तीन महीने भरपूर सहालग होने के चलते कपड़ा दुकानदारों ने गर्मी के सीजन का अच्छा खासा माल स्टॉक किया था। कोविड संक्रमण खत्म सा होने लगा था तो व्यापारियों को बड़ी संख्या में खरीदारी होने की आस जागी थी। लेकिन जैसे ही फरवरी खत्म हुई संक्रमण बढ़ने लगा। मार्च के बाद तो संक्रमण ने ऐसे पांव पसारे की जिले में नाइट कर्फ्यू ही लग गया। शुक्रवार, शनिवार और रविवार को शहर के बाजारों में पैर रखने की जगह नहीं होती, लेकिन इन तीनों दिन ही बाजार में ग्राहकों की संख्या आधी हो गई। कपड़ा व्यापारियों ने बताया कि लोग सिर्फ जरूरत के हिसाब से खरीददारी कर रहे हैं। पहले लोग शादी बारात में अलग अलग कार्यक्रमों में पहनने के लिए कपड़े खरीदते थे, लेकिन इस बार एक दो ड्रेस ही खरीद रहे हैं। साड़ी की दुकानों पर भी सन्नाटा ही दिखा। कुछ महिलाएं बैठी मिलीं वह बोली जब रात में नौ बजे के बाद घर ही जाना है तो चार साड़ियों का क्या करेंगे, एक साड़ी ही काफी है।

    अप्रैल से जून तक दो हजार शादियां

    जनवरी, फरवरी और मार्च में सहालग नहीं रहीं। लेकिन अप्रैल से जून तक तकरीबन हर दूसरे दिन लगभग सहालग है। इस दौरान जिले में जिले में दो हजार शादी समारोह है। लेकिन अब संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए लोगों ने शादी की तारीखें आगे बढ़ाना शुरू कर दी है। जो इसी सहालग में शादी कर रहे हैं वह दिन में या रात नौ बजे तक फंक्शन निपटाने के हिसाब से प्लानिंग कर रहे हैं। इसके चलते रात नौ बजे वाले बैंड सात बजे और दस वाले बैंड आठ से साढ़े आठ के करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

    शादी वाले घरों की बात

    शहर के सिविल लाइंस में रहने वाले मेहरोत्रा परिवार में बेटे और बेटी दोनों की शादी है। एक ही दिन दोनों कार्यक्रम होने के चलते काफी धूमधाम करने की तैयारी चल रहीं थी। रविवार को परिवार की महिलाएं एक साड़ी दुकान पर खरीदारी कर रहीं थी। उन्होंने बताया कि बेटे और बेटी की शादी धूमधाम से करना चाहते थे। लेकिन अब नाइट कर्फ्यू के बाद ऐसा करना संभव नहीं लग रहा। इसलिए दिन से कार्यक्रम शुरू करते हुए रात नौ बजे तक संपन्न करने का प्रयास करेंगे।

    महंगा हुआ सोना, खरीदार भी बढ़े

    संक्रमण बढ़ने और नाइट कर्फ्यू का असर सर्राफा बाजार में भी है। बीते आठ दिनों में सोना 45400 से 48200 रुपये प्रति दस ग्राम पर और चांदी 65000 से 68000 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई है। लोगों को आशंका है कि आगे सोना चांदी और महंगा न हो जाए, जिससे सहालग के समय उन्हें और महंगे में जेवर बनवाने पड़े। इसके चलते वह जल्द से जल्द जेवर बनवा रहे हैं। सर्राफा दुकानदारों के यहां जानकारी लेने और खरीदारी करने वाले बड़ी संख्या में आ रहे हैं।

    दिल्ली में संक्रमण, कास्मेटिक बाजार प्रभावित

    जिले में कास्मेटिक सामान ज्यादातर दिल्ली से आता है। बीते कुछ दिनों में दिल्ली में संक्रमण के मामले बढ़ने और बंदी की स्थिति होने के चलते जिले के कास्मेटिक बाजार पर भी फर्क पड़ा है। दुकानदार बताते हैं कि सामान कुछ महंगा भी हुआ है और खरीददार भी पहले की सहालग की तरह नहीं आ रहे हैं।