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    E-Sushruta Yojana : बरेली मंडल के पांच सरकारी अस्पतालों अब मरीज नहीं, उनके पर्चे बताएंगे डाॅॅक्टर को पुरानी बीमारी

    By Ravi MishraEdited By:
    Updated: Fri, 08 Jul 2022 12:59 PM (IST)

    E-Sushruta Yojana in Bareilly बरेली मंडल में जिला महिला चिकित्सालय सहित पांच सरकारी अस्पतालों में अब मरीज नहीं उनके पर्चे डाक्टर को पुरानी बीमारी बताएंगे।ई सुश्रुत योजना के तहत मरीजों को अब यूनिक कोड मिलेगा।जिसके जरिए एक क्लिक में मरीज की पूरी कुंडली डॉक्टर के सामने होगी।

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    E-Sushruta Yojana : बरेली मंडल के पांच सरकारी अस्पतालों अब मरीज नहीं, उनके पर्चे बताएंगे डाॅॅक्टर को पुरानी बीमारी

    बरेली, रजनेश सक्सेना। E-Sushruta Yojana in Bareilly : बरेली मंडल के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को अब कागज लेकर इधर-उधर दौड़ नहीं लगानी होगी। न ही पुरानी बीमारियों के बारे में किसी भी डाक्टर को बताने की जरूरत होगी। एक बार पर्चा बन जाने के बाद मरीजों को एक यूनिक नंबर दे दिया जाएगा। इससे प्रदेश के किसी भी जिले में बैठे डाक्टर मरीज की पुरानी बीमारियों और उसके इलाज के बारे में जान सकते है। इसके लिए शासन ने एक योजना शुरू की है। जिसके तहत बरेली मंडल में पांच सरकारी अस्पतालों का चयन किया गया है। इसमें जिले का महिला चिकित्सालय, बदायूं के महिला, पुरुष दोनों और पीलीभीत में भी महिला और पुरुष दोनों चिकित्सालयों का चयन किया गया है।

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    मंडलीय मूल्यांकन एवं अनुश्रवण अधिकारी अरुण शर्मा ने बताया कि शासन की हास्पिटल मैनेजमेंट इंटीरियर सिस्टम (एचएमआइएस) के तहत ई-सुश्रुत योजना शुरू की गई है। इसमें ई-सुश्रुत पोर्टल के माध्यम से सभी सरकारी अस्पतालों को जोड़ा जाना है। इसके बाद वहां के सभी काम आनलाइन होने लगेगें।

    मरीज के पर्चे बनाने से लेकर, उसके दवा वितरण, लैब रिपोर्ट समेत सभी कुछ आनलाइन होगा। कोई भी मरीज पर्चा काउंटर पर जाकर जब पहली बार अपना पर्चा बनवाएगा तो उसके लिए एक सीआर (सेंट्रल रजिस्ट्रेशन) नंबर दिया जाएगा। इस नंबर में ही मरीज की पूरी डिटेल होगी।

    वह किस बीमारी से पीड़ित है, उसे कौन सा इलाज दिया जा रहा है, और कौन-कौन डाक्टर उसका इलाज पहले कर चुके जैसे सभी जानकारियां उस नंबर में होंगी। इससे फायदा यह होगा कि यदि मरीज अपने जिले को छोड़कर किसी दूसरे जिले के भी सरकारी अस्पताल में इलाज कराता है तो उसे अपनी पुरानी बीमारियों, जांच रिपोर्ट और दवाओं के बारे में डाक्टर को फिर से बताने की जरूरत नहीं होगी।

    पर्चा काउंटर पर जैसे ही वह अपना सीआर नंबर बताएगा तो उसकी पूरी जानकारी कंप्यूटर पर आ जाएगी। जिससे उसके आगे के इलाज में सहायता मिलेगी। उन्होंने बताया कि अभी जिले में इसके लिए केवल महिला चिकित्सालय का ही चयन हुआ है। पुरुष अभी बाकी है।

    आ चुके है कंप्यूटर लगने की देरी

    शासन से यह योजना करीब छह माह पहले शुरू की गई थी। जिस पर अब काम होना शुरू हो चुका है। शासन की तरफ से पूरे प्रदेश भर में कंप्यूटर भेजे जाने लगे है। बरेली में भी कंप्यूटर और सिस्टम आ चुका है। सिर्फ उसे लगाने के लिए टीम का इंतजार है। इसका सेटअप करने के लिए लखनऊ से इंजीनियरों की टीम आएगी। जो सभी सिस्टमों को सेट कर कर्मचारियों को उसे चालना भी सिखाएगी।

    ओपीडी, लैब, समेत फार्मेसी में लेगेंगे सिस्टम

    अस्पतालों में इसके लिए कोई एक दो सिस्टम नहीं लगने बल्कि ओपीडी, लैब, पर्चा काउंटर, फार्मेसी समेत सभी जगहों पर इन कंप्यूटरों को लगाया जाना है। जिससे पूरा अस्पताल एक साथ आनलाइन सिस्टम से जुड़ सके। सिस्टम लगने के बाद कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी दी जाएगी।

    अधिकतम दो माह में शुरू हाे जाएगा सिस्टम

    मंडलीय मूल्यांकन एवं अनुश्रवण अधिकारी अरुण शर्मा ने बताया कि इस योजना पर बहुत तेजी से काम किया जा रहा है। अधिकतम अगले दो महीनों में मंडल के पांचों अस्पतालों में यह सिस्टम शुरू कर दिया जाएगा। जिससे मरीजों को आसानी होंने लगेगी। यह काम पूरे प्रदेश में काफी तेजी से किया जा रहा है। कोशिश है कि सभी जगहों पर एक साथ यह सिस्टम शुरू हो।

    सभी सरकारी अस्पतालों को ई-सुश्रुत पोर्टल से जोड़ने का काम किया जा रहा है। मंडल के पांच अस्पतालों का इसमें चयन हुआ है। अगले दो महीनों में यह सिस्टम शुरू हो जाएगा। - अरुण शर्मा, मंडलीय मूल्यांकन एवं अनुश्रवण अधिकारी