Driving License Test: गजब बरेली में आवेदक की जगह दलाल दे रहे ड्राइविंग लाइसेंस का आनलाइन टेस्ट
Broker Giving Online Driving License Test in Bareilly बरेली में दलालों का नया कारनामा सामने आया है।यहां दलाल खुद ही आवेदक की जगह ड्राइविंग लाइसेंस बन ...और पढ़ें

बरेली, अंकित शुक्ला। Broker Giving Online Driving License Test in Bareilly: परिवहन विभाग (Transport Department) में दलालों पर अंकुश लगाने के लिए लर्निंग लाइसेंस (Learning License ) की सुविधा आनलाइन की, लेकिन दलालों ने इस प्रक्रिया में भी घुसपैठ कर ली है। वे लाइसेंस बनवाने का ठेका ले रहे हैं। आवेदकों की जगह खुद ही फेसलेस आनलाइन टेस्ट (Faceless Online Test) दे रहे हैं। ऐसे कुछ मामले पकड़े जाने पर आवेदन निरस्त किए गए हैं।
परिवहन विभाग ने एक अप्रैल 2022 से प्रशिक्षु ड्राइविंग लाइसेंस के लिए घर बैठे प्रक्रिया पूरी करने की सुविधा शुरू की। आवेदक को आनलाइन आवेदन करने के बाद आरटीओ (RTO) में प्रपत्रों की स्क्रूटनी कराने के बाद आनलाइन टेस्ट देना होता है।
संभागीय परिवहन कार्यालय नकटिया के बाहर व उसे सटे खाली पड़े प्लाट में अवैध जन सुविधा केंद्रों पर दलाल ड्राइविंग लाइसेंस की परीक्षा उत्तीर्ण कराने का ठेका लेकर खुद ही टेस्ट दे रहे हैं। परिवहन विभाग का साफ्टवेयर नियमित ऐसे पांच से छह मामले पकड़ रहा है। वहीं अधिकारी भी आधार पर लगे फोटो से छेड़छाड़ पकड़ रहे है।
आधार के फोटो बदल देते हैं, जिससे दूसरा व्यक्ति टेस्ट दे सके, लेकिन साफ्टवेयर आधार, डीएल या पेन कार्ड से छेड़खानी के मामले अक्सर पकड़ लेता है। ऐसे आवेदक संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) के सामने पहुंचते हैं। ऐसे आवेदकों का आवेदन निरस्त कर दिया जाता है।
एक आइपी से हो रहे पांच से अधिक आवेदन
एआरटीओ प्रशासन मनोज सिंह ने बताया कि साफ्टवेयर (Software) में यह पता चल जाता है कि आवेदन किस आइडी से किया गया। एक आइपी से एक दिन में पांच से अधिक आवेदन हो रहे हैं। इससे कहीं हद तक साफ है कि इसका व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है। आवेदन निरस्त होने पर 350 रुपये की फीस जब्त हो जाती है।
इस तरह बचे गड़बड़ियों से फेसलेस आवेदन का टेस्ट स्वयं दें। इस दौरान किसी दूसरे व्यक्ति की मदद नहीं लें। टेस्ट देने से पहले वेबसाइट पर मौजूद माक टेस्ट पेपर की मदद लें। अपने आधार या किसी अन्य प्रपत्र की फोटो से छेड़छाड़ नहीं करें। फेसलेस लाइसेंस के लिए किसी के पास कराने के झांसे में न आएं।
साफ्टवेयर दूसरों की जगह परीक्षा देने वालों को स्वयं ही पकड़ रहा है। इसके अलावा स्क्रूटनी के दौरान भी दस्तावेज व पेपर देने वाले की मिलान में भी कई बार ऐसे मामले पकड़ में आ रहे हैं। - मनोज सिंह, एआरटीओ प्रशासन

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