दिव्यांग जुलेखा ने नीट में बाजी मारी
मेहनत लगन और हौसले के आगे कोई भी लक्ष्य छोटा है। दिव्यांग जुलेखा ने भी यह साबित कर दिखाया। लकड़ी की टाल पर काम करने वाले शाहिद नूर की बेटी जुलेखा ने नीट में फिजिकल हैंडीकैप में
बरेली, जेएनएन : मेहनत, लगन और हौसले के आगे कोई भी लक्ष्य छोटा है। दिव्यांग जुलेखा ने भी यह साबित कर दिखाया। लकड़ी की टाल पर काम करने वाले शाहिद नूर की बेटी जुलेखा ने नीट में फिजिकल हैंडीकैप में 842 रैंक हासिल की है। दिव्यांगों के लिए संचालित दिशा स्कूल की संस्थापक सदस्य पुष्पा गुप्ता बताती हैं कि जुलेखा नवाबगंज के हरहरपुर मटकली गांव की रहने वाली हैं। बचपन से ही जुलेखा का दाहिना पैर काम नहीं करता है। वह मेरे स्कूल में कक्षा दो से सात तक पढ़ी। फिर उसका दूसरे स्कूल में एडिशन करवा दिया। लेकिन मेरे पास ही रहकर पढ़ी। जुलेखा ने बताया कि पिछले साल नीट की तैयारी के लिए कोचिग की थी। लेकिन दिव्यांगता प्रमाण पत्र न होने की वजह से पेपर नहीं दे पाई। इस बार बिना कोचिग कड़ी मेहनत की और सफल हुई।
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ताजुश्शरिया सोसाइटी के पांच बच्चे नीट में सफल
जासं, बरेली : दरगाह आला हजरत से जुड़े संगठन ताजुश्शरिया वेलफेयर सोसाइटी ने 29 बच्चों को नीट की निश्शुल्क कोचिग कराई। इनमें से पांच स्टूडेंट सफल रहे हैं। सोसाइटी के संस्थापक फरमान हसन कादरी ने बताया कि रुपयों की तंगी की वजह से पढ़ाई न कर पाने वाले बच्चों को सोसाइटी मुफ्त कोचिग दे रही है।
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