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    जागरण-डिजीकवच अभियान: बरेली के वरिष्‍ठ नागरिकों ने सीखे डिजिटल सेफ्टी के तरीके

    Updated: Fri, 05 Dec 2025 05:06 PM (IST)

    दैनिक जागरण और विश्वास न्यूज ने गूगल के सहयोग से 'डिजीकवच' कार्यक्रम के तहत बरेली में वरिष्ठ नागरिकों के लिए वेबिनार आयोजित किया। 'वरिष्ठ नागरिकों की ...और पढ़ें

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    डिजिटल डेस्क, नोएडा। गूगल के सहयोग से दैनिक जागरण और विश्‍वास न्‍यूज ने 'डिजीकवच' कार्यक्रम के अंतर्गत शुक्रवार को बरेली के वरिष्ठ नागरिकों के लिए वेबिनार का आयोजन किया। इसका आयोजन 'वरिष्ठ नागरिकों की डिजिटल सुरक्षा: सच के साथी' अभियान के तहत हुआ।

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    वेबिनार में वरिष्ठ नागरिकों को ऑनलाइन स्कैम के प्रकार बताने के साथ ही उनसे बचने के तरीके भी बताए गए। ऑनलाइन माध्‍यम से हुए इस कार्यक्रम में बरेली की एसडब्‍ल्‍यूईएस संस्‍था ने भी मदद की। 

    विश्वास न्यूज के एक्सपर्ट्स ने बताए साइबर अपराधियों से बचाव के तरीके

    विश्‍वास न्‍यूज के एक्सपर्ट ने लोगों को इस कार्यक्रम का महत्व बताते हुए कहा कि साइबर अपराधी अलग-अलग तरीकों से लोगों को अपने जाल में फंसाने की कोशिश करते हैं। ठग कभी फिशिंग लिंक्स के जरिए, तो कभी फेक वेबसाइट के जरिए लोगों को निशाना बनाते हैं। इनसे बचने के लिए सतर्कता जरूरी है।

    कार्यक्रम में विश्‍वास न्‍यूज के एसोसिएट एडिटर आशीष महर्षि ने कुछ उदाहरणों के माध्‍यम से साइबर स्‍कैम के बारे में विस्‍तार से जानकारी दी। उन्‍होंने कहा कि साइबर अपराधों से बचने के लिए हमेशा सतर्क रहें। किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक करने से जिंदगीभर की कमाई साइबर ठगों के अकाउंट में जा सकती है।

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    वहीं, विश्‍वास न्‍यूज की डिप्टी एडिटर देविका मेहता ने लोगों को गूगल और सोशल मीडिया अकाउंट के मजबूत पासवर्ड बनाने का तरीका बताया। उन्होंने कहा कि इसके लिए पासकी का इस्तेमाल करना बेहतर होगा। साथ ही टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन के प्रयोग से भी अकाउंट को सुरक्षित रखा जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने लुभावने मैसेज के साथ आने वाले फिशिंग लिंक्स पर क्लिक नहीं करने की सलाह दी।

    विश्‍वास न्‍यूज के एक्‍सपर्ट ने बताया कि ठग अक्सर बीमा या बैंक एजेंट बनकर यूजर की निजी और बैंकिंग जानकारी लेकर नया क्रेडिट कार्ड बनवा लेते हैं और आर्थिक नुकसान पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि इससे बचने के लिए किसी के साथ भी अपनी निजी जानकारी और ओटीपी शेयर नहीं करने चाहिए। अगर कोई साइबर क्राइम हो जाए, तो तुरंत 1930 पर इसकी जानकारी दें।

    एसडब्‍ल्‍यूईएस संस्‍था के फाउंडर गौरव सिंह ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम से वरिष्‍ठ नागरिकों को साइबर फ्रॉड से बचने में मदद मिलेगी। उन्‍होंने कहा कि संस्‍था बरेली में ऐसे अन्‍य कार्यक्रम करके भी लोगों को साइबर फ्रॉड से बचाने में मदद करेगी।

    कार्यक्रम के बारे में

    'वरिष्ठ नागरिकों की डिजिटल सुरक्षा: सच के साथी' अभियान के तहत जागरण डिजिटल और विश्‍वास न्‍यूज की टीमें देशभर में सेमिनार और वेबिनार के माध्‍यम से ट्रेनिंग दे रही है। इसके तहत देश के 20 राज्‍यों के 30 शहरों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

    दिल्‍ली, हरियाणा, गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, राजस्‍थान, महाराष्ट्र, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, पंजाब, उत्तराखंड जैसे 20 राज्‍यों में इस तरह का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इसमें लोगों को ऑनलाइन स्कैम को पहचानने और उससे बचने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। गूगल का ‘डिजीकवच’ अभियान भारत में ऑनलाइन धोखाधड़ी के खिलाफ लोगों में जागरूकता बढ़ा रहा है। इस अभियान का लक्ष्‍य लोगों को फ्रॉड और स्‍कैम के प्रति जागरूक करना है।

    कार्यक्रम के बारे में अधिक जानकारी के लिए विजिट करें:

    https://www.jagran.com/digikavach