Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Digital Arrest: रिटायर्ड साइंट‍िस्‍ट से 1 करोड़ 20 लाख रुपये की ठगी, ठगों ने CBI अधि‍कारी बनकर ऐसे ब‍िछाया था जाल

    Updated: Fri, 27 Jun 2025 08:44 PM (IST)

    आईवीआरआई (भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान) के सेवानिवृत वैज्ञानिक शुकदेव नंदी को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट बताकर 1.20 करोड़ रुपये ठग लिए। ठग खुद को सीबीआई अफसर व पुलिस अधिकारी बताकर धमकाते रहे कि उन्हें मानव तस्करी व फर्जी तरीके से लोगों को नौकरी दिलाने में जेल भेज दिया जाएगा। तीन दिन वीडियो कॉल पर बंधक बनाए रहे। सभी रुपये ट्रांसफर कराने के बाद ठगों ने उनसे 30 लाख के पर्सनल लोन का आवेदन भी करा दिया था। वह रकम खाते में आती, इससे पहले शुकदेव को शक हुआ। गुरुवार रात उन्होंने साइबर थाने में अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी पंजीकृत कराई।

    Hero Image

    जागरण संवाददाता, बरेली। आईवीआरआई (भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान) के सेवानिवृत वैज्ञानिक शुकदेव नंदी को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट बताकर 1.20 करोड़ रुपये ठग लिए। ठग खुद को सीबीआई अफसर व पुलिस अधिकारी बताकर धमकाते रहे कि उन्हें मानव तस्करी व फर्जी तरीके से लोगों को नौकरी दिलाने में जेल भेज दिया जाएगा। तीन दिन वीडियो कॉल पर बंधक बनाए रहे। सभी रुपये ट्रांसफर कराने के बाद ठगों ने उनसे 30 लाख के पर्सनल लोन का आवेदन भी करा दिया था। वह रकम खाते में आती, इससे पहले शुकदेव को शक हुआ। गुरुवार रात उन्होंने साइबर थाने में अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी पंजीकृत कराई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    साइबर टीम के अनुसार, 17 जून को उनके नंबर पर वाट्सएप कॉल आई। डिस्प्ले पिक्चर पर बेंगलुरु पुलिस का लोगों लगा था। कॉल रिसीव करते ही दूसरी ओर से आवाज आई...आपके आधार कार्ड से फर्जी सिम कार्ड खरीदकर मानव तस्करी व फर्जी नौकरी में उपयोग किया गया है। उसके बाद खुद को सीबीआई अधिकारी बताने वाले दया ने कहा कि आपके खाते में आई धनराशि का ऑडिट होगा। इसके लिए अपना बैंक खाता खाली कर सभी रकम मेरे बताए सीबीआई के खाते में ट्रांसफर कराएं।

    झांसे में आए शुकदेव अगले दिन बैंक पहुंचे और 1.01 करोड़ रुपये ठग की ओर से मिले खाते में ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद अगले दिन 19 लाख रुपये भी ट्रांसफर करा लिए। इसके बाद ठगों ने उन्हें धमकाया कि 30 लाख रुपये ट्रांसफर करो, अन्यथा पुरानी रकम जब्त हो जाएगी। यह कहकर उनसे पर्सनल लोन का आवेदन करा दिया। यह घटनाक्रम 17 से 20 जून तक चलता रहा। हर बार शुकदेव कमरे में अकेले वीडियो कॉल पर बात करते। परिवार के सदस्य आते तो वह बहाने से दूर चले जाते थे। 21 जून को उन्हें लगा कि इन फोन नंबरों की जांच करें। गूगल सर्च करने पर सीबीआई या पुलिस के नंबर प्रतीत नहीं होने पर उन्हें ठगी का एहसास हुआ। 23 जून को साइबर थाने पहुंचे। जांच के बाद साइबर टीम ने प्राथमिकी लिख ली।

    comedy show banner
    comedy show banner