Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    जामताड़ा के साइबर ठग बरेली के खातों में एक करोड़ से अधिक भेज चुके थे ठगी की रकम, एक सदस्य के गिरफ्तार होते ही बाकी भागे विदेश

    Updated: Sat, 25 Oct 2025 08:25 AM (IST)

    बरेली में जामताड़ा के साइबर ठगों का नेटवर्क सक्रिय था। गिरोह के सदस्य लोगों के खाते खुलवाकर ठगी की रकम मंगवाते थे। एक आरोपी विक्की ने 20 लाख रुपये कमाए। पुलिस के अनुसार, ठग व्हाट्सएप पर वन टाइम व्यू के माध्यम से खाते की जानकारी भेजते थे और हर ठगी के बाद मोबाइल और सिम बदल देते थे। विक्की जामताड़ा के सदस्यों से रांची में मिलता था।

    Hero Image

    पिछले दो तीन माह में ही सिर्फ खाते खुलवाकर 20 लाख से अधिक कमा चुका था आरोपित विक्की

    जागरण संवाददाता, बरेली। जामताड़ा में बैठे साइबर ठगों ने अपना नेटवर्क बरेली में भी तैयार कर लिया था। यहां पर गिरोह से जुड़े चार युवक उनके लिए लोगों के बैंक खाते खुलवाते थे जिसमे साइबर ठग ठगी की रकम भेजते थे। पुलिस ने आरोपित विक्की से जब पूछताछ की तो उसने बताया कि वह पिछले कुछ ही महीनों से इस गिरोह के साथ काम रहा था। अभी तक करीब 20 लाख रुपये वह कमा चुका था। उसने उसके साथ काम करने वाले तीन अन्य साथियों का भी नाम बताया, मगर जैसे ही उन्हें विक्की के गिरफ्तार होने की जानकारी मिली तो सभी नेपाल भाग गए। साइबर पुलिस उनकी तलाश में अभी भी जुटी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस गिरोह के सदस्यों का मुख्य काम ठगों को बैंक खाते उपलब्ध कराने का ही नहीं था, बल्कि दूसरा महत्वपूर्ण काम मनी ट्रेल करना भी था। साइबर ठग ठगी का रुपये घुमाते हुए बरेली के खातों में भेजते थे। यहां के खातों में रुपये आने के बाद विक्की व उसके गिरोह के सदस्य के उस खाते की रकम को एटीएम के माध्यम से निकालकर साइबर ठगों के सुरक्षित खाते में भेजते थे।

    इस मामले में साइबर ठग अपने ही गिरोह के सदस्यों पर भरोसा नहीं करते थे। किस खाते में रकम भेजनी हैं उसकी जानकारी को वाहट्स-एप पर वन टाइम व्यू में भेजा जाता था ताकि, गिरोह के सदस्य भी उसे केवल एक ही बार तब देख पाए जब वह बैंक में रुपये डिपोजिस्ट (जमा) कर रहे हों। एक बार वह जानकारी खुलते ही दोबारा नहीं खुलती थी। हालांकि, पुलिस अभी धीरे-धीरे सभी जानकारियां जुटाने में लगी हुई है।

    यह भी पढ़ें- UP Weather Today: उत्तर-पूर्वी हवा से अगले 48 घंटों में 2-3° सेल्सियस गिर सकता न्यूनतम तापमान, IMD ने जारी किया अलर्ट


    एक ही बार इस्तेमाल करते थे मोबाइल और सिम
    पुलिस की पूछताछ में स्पष्ट हुआ कि, विक्की व उसके गिरोह के सदस्य किसी भी एक ठगी के बाद उससे संबंधित मोबाइल कोे फार्मेट कर बेच देते और उसका सिम तोड़कर फेंक देते थे। अगली घटना के लिए फिर से नया नंबर और मोबाइल लेकर अंजाम देते थे। जिससे पुलिस उन्हें गिरफ्तार न कर पाए। हालांकि, इसके बाद भी पुलिस ने उन्हें दबोच लिया।

    रांची में मिलते थे जामताड़ा और बरेली के सदस्य
    विक्की से जब पुलिस ने पूछा कि उसकी मुलाकात जामताड़ा के गिरोह के सदस्यों से कैसे होती थी? सवाल पर उसने बताया कि पहले फोन पर उनसे बात होती और खाता खुलने के बाद उसकी जानकारी देने के लिए वह रांची जाता था। वहीं पर किसी एक स्थान को चुन लेते और वहीं पर दोनों की मुलाकात होती थी। काम होने के बाद विक्की बरेली वापस आ जाता और दूसरा सदस्य जामताड़ा चला जाता था। पुलिस ने उसे भी इस मुकदमे में वांछित किया है।