डिजिटल इंडिया में पीएमओ से जुड़ा आम इंसान
-बरेली कॉलेज में डिजिटल इंडिया पर अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस -थाईलैंड के प्रोफेसर बोले भा ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, बरेली : इंसान में तकनीक के प्रति गजब का आकर्षण हैं। टेक्नोलॉजी के अधिक इस्तेमाल के बावजूद कल्पना और रचनाशीलता बनी रहेगी। डिजिटिलाइजेशन भारत के भविष्य को काफी प्रभावित करेगा। ये सामाजिक बदलाव से जुड़ा है। बरेली कॉलेज में रसायन विज्ञान और फेटर अकादमी ऑफ इंडिया की ओर से 'डिजिटल इंडिया-इंपाव¨रग द सोसायटी' विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस के मुख्य वक्ता थाईलैंड के मैक्फबाटलांग विश्वविद्यालय से आए प्रो. सीसी टैन ने ये बातें कहीं। उन्होंने स्काइप का हवाला देते हुए कहा कि भारत को निचले तबके तक डिजिटल टेक्नोलॉजी पहुंचानी होगी, तभी उसका भला होगा।
मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार प्रबल प्रताप सिंह ने ग्रामीण और गरीब वर्ग के पेटीएम से जुड़ने, सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता बढ़ने, ब्लैक मनी रखने वालों की बेचैनी को डिजिटल इंडिया की बड़ी ताकत करार दिया। कहा कि तकनीक ने आम इंसान को सीधे प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री के दफ्तर से जोड़ा है। उनकी बात सुनी जा रही है, कार्रवाई इसका प्रमाण है। इससे पहले बरेली कॉलेज के डॉ. डीके सिंह ने डिजिटल इंडिया पर कहा कि दुनिया में सबसे तेजी से भारत के ग्रामीण क्षेत्र में 22 फीसद रफ्तार के साथ इंटरनेट यूजर्स की संख्या बढ़ रही है। साइंस एंड टेक्नोलॉजी क्षेत्र में वर्चुअल लैब, ई-लर्निग का विस्तार हुआ है। विशिष्ट अतिथि मोती लाल नेहरू इंजीनिय¨रग कॉलेज के प्रो. पंकज श्रीवास्तव ने कहा कि भारत को आर्थिक शक्ति बनने को तकनीकी एप्स विकसित कर इन्हें पूरी दुनिया में उपयोग कराना होगा। भारत में वाट्सएप लिटरेसी ज्यादा है। तकनीकी सत्र में करीब 60 रिसर्च पेपर प्रस्तुत किए गए। डॉ. डीके सक्सेना, रुविवि के लॉ विभागाध्यक्ष डॉ. अमित सिंह, डॉ. एके गुप्ता ने डिजिटल इंडिया पर व्याख्यान दिया। कांफ्रेंस की आयोजन सचिव डॉ. शालिनी सिंह ने डिजिटल इंडिया का सबसे बड़ा लाभ शिक्षा जगत को बताया। अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. अजय शर्मा ने और संचालन डॉ. एसी त्रिपाठी ने किया। कांफ्रेंस के संयोजक डॉ. अनुराग मोहन भटनागर, चीफ प्रॉक्टर डॉ. वंदना शर्मा, डॉ. अनीता सिंह, डॉ. एके अग्रवाल, डॉ. एपी सिंह, डॉ. गजेंद्र सिंह, डॉ. शशि मित्तल, डॉ. जसपाल आदि मौजूद रहे।

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