Bareilly News: बेहद खतरनाक स्थित में पहुंची शहर की हवा, सांसों पर छाया संकट, अस्पतालों में बढ़े मरीज
शहर के बेतरतीब तरीके से कराए जा रहे विकास कार्यों से धड़ल्ले से धुंआ उड़ रहा है। सड़क निर्माण और खोदाई कार्य से उड़ने वाली धूल वाहनों से निकलने वाला धुआं और पराली जलाने से उठने वाला धुआं प्रदूषण के रूप में वायुमंडल में तैर रहा है।

बरेली, जागरण संवाददाता। वातावरण में नमी बढ़ने के साथ ही धूल और धुएं के साथ कोहरा मिलने की वजह से स्माग बन रहा है। इससे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। गुरुवार को सुबह से स्माग होने की वजह से वायु गुणवत्ता सूचकांक में शुक्रवार को भी बढ़ोतरी दर्ज की गई। कुछ दिनों से एक्यूआइ दो सौ से ऊपर जा रहा है, जिससे शुद्ध वातारण में सांस लेने वाले फेफड़ों के स्वास्थ्य पर खतरा मंडराने लगा है। इससे सांस, एलर्जी और ह्दय रोगियों के साथ ही आम जनों को भी परेशानी हो सकती है।
शहर के बेतरतीब तरीके से कराए जा रहे विकास कार्यों से धड़ल्ले से धुंआ उड़ रहा है। सड़क निर्माण और खोदाई कार्य से उड़ने वाली धूल, वाहनों से निकलने वाला धुआं और पराली जलाने से उठने वाला धुआं प्रदूषण के रूप में वायुमंडल में तैर रहा है। लेकिन कुछ दिनों से कोहरा छाया तो नमी बढ़ गई। नमी बढ़ने की वजह से प्रदूषण फैलाने के जिम्मेदार तत्व हवा में नहीं पा रहे हैं, जिससे स्माग छाने लगा है। इससे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) लगातार बढ़ रहा है। शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआर 200 के पार जा रहा है, जो खतरनाक स्थित है।
इसका सीधा प्रभाव अस्पतालों में नजर आ रहा है, जहां बड़ी संख्या में मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा है। कई मरीजों को आक्सीजन चढ़ाने की स्थिति बन रही है। स्माग की वजह से गुरुवार को अधिकतम तापमान 25.8 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया, जो सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस कम है। वहीं, न्यूनतम तापमान में मामूली कमी के साथ 17.4 डिग्री सेल्सियस पर रहा, जो सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस ज्यादा है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार 12 अक्टूबर तक कोहरा छाने के साथ ही दिन में धूप भी खिलेगी।
प्रदूषण से बचाव के उपाय
- घर से बाहर निकलें तो मास्क अवश्य लगाएं
- धूल और धुएं से पूरी तरह से बचाव करें
- निर्माण कार्य वाले क्षेत्रों में जाने से परहेज करें
- सुबह और शाम खुले में टहलने व व्यायाम से बचें
- घरों के अंदर ही प्राणायाम, योग, व्यायाम करें
- घरों के दरवाजे और खिड़कियां खुली मत छोड़ें
- स्मोकिंग तो बिल्कुल भी ना करें
- घर में या आसपास दूसरों को भी स्मोकिंग न करने दें
प्रदूषण के बीच सांस लेने पर सांस रोगियों को हार्ट अटैक का खतरा
एसआरएमएस मेडिकल कालेज के श्वांस एवं गहन रोग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर ललित सिंह ने बताया कि एक्यूआइ 200 से अधिक होने पर स्थिति खतरनाक हो जाती है। इसमें सांस से संबंधित मरीजों की हालत खराब हो जाती है। अस्थमा, क्रोनिक आब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी), एलर्जी, पुरानी खांसी, जुकाम, बच्चों को एलर्जी, ह्दयरोगियों को खासी दिक्कत बढ़ जाएगी। सांस से संबंधित रोगियों को हार्ट अटैक का खतरा काफी हद तक बढ़ जाएगा। स्वस्थ लोगों को प्रदूषण की ऐसी स्थिति में लंबे समय तक सांस लेते हैं उनके फेफड़े दूषित होना शुरू हो जाएंगे। इसके बाद फेफड़ों की क्षमता कम होती जाएगी। इससे कुछ वर्षों में वे वे सांस के मरीज हो जाएंगे।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
बरेली कालेज के वनस्पित विज्ञान के विभागाध्यक्ष डा. आलोक खरे ने कहा कि सुबह और शाम कोहरा छाए रहने और स्माग की स्थिति बढ़ने पर फसलों को नुकसान होने की आशंका रहती है। कोहरा होने से पालेज की फसल के फूलों और नई किल्ली सूखने की समस्या आती है। वर्षा होने से फसल खराब होने का खतरा भी हो सकता है। डा. रंजीत सिंह, कृषि विज्ञानी वातावरण में नमी बढ़ने के साथ ही हवा में तैयार रहे प्रदूषण के तत्वों का बहाव कम हो जाता है। ऐसे में स्माग बढ़ जाता है। यह कोहरा ना होकर स्माग है और स्माग छाने से वायु गुणवत्ता सूचकांक में भी बढ़ोतरी होगी, जो हवा को दूषित करेगी।
वायु गुणवत्ता सूचंकाक (एक्यूआइ) मीटर
एक्यूआइ जोन सेहत पर असर
0-50 ग्रीन अच्छा
51-100 येलो संतुलित
101-150 आरेंज बीमारों-बच्चों-बुजुर्गों के लिए खतरनाक
150-200 रेड खतरनाक
201-300 पर्पल बेहद खतरनाक
300+ महरून अत्यंत जोखिम भरा

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