मुख्य सचिव बने दुर्गा शंकर मिश्र की आंवला में थी पहली तैनाती, शुरू कराए थे जन उद्बोधन शिविर
बुधवार को प्रदेश के मुख्य सचिव बने वरिष्ठ आइएएस दुर्गा शंकर मिश्र अब से 35 वर्ष पूर्व 19

जागरण संवाददाता, बरेली: बुधवार को प्रदेश के मुख्य सचिव बने वरिष्ठ आइएएस दुर्गा शंकर मिश्र अब से 35 वर्ष पूर्व 1986 में आंवला के एसडीएम बने थे। वे यहां प्रोबेशन काल में आए थे तथा लगभग एक वर्ष तक यहां पर रहे। मुख्य सचिव की जिम्मेदारी मिलने के साथ ही उनके आंवला के प्रथम कार्यकाल के दौरान हुए कार्यों में सहभागी रहे लोगों के जेहन में उस समय की यादें ताजा हो गईं।
वरिष्ठ अधिवक्ता डा. निर्दोष चतुर्वेदी, महेश तिवारी एडवोकेट आदि ने बताया कि दुर्गा शंकर मिश्र ने यहां तैनाती के अल्पकाल में कुछ ऐसे कार्य किये जो आज भी याद किये जाते है। उनकी पहल पर तहसील में राष्ट्रीय एकता समिति का गठन हुआ। जिसमें ग्राम प्रधानों व नगर के प्रमुख लोगों को शामिल किया गया। आज जिस तर्ज पर सम्पूर्ण समाधान दिवस आयोजित होते है, उन्होंने यहां पर तहसील स्तर पर जन उद्बोधन शिविर शुरू किए। जिसमें तहसील स्तरीय अधिकारी समस्याओं का निदान करते थे। पहला लैप्रोस्कोपिक (नसबंदी) शिविर यहीं पर लगवाया। जिसमें उन्होंने जन सहयोग लेकर लाभार्थियों को सिलाई मशीनें वितरित कीं। लोगों को जोड़ने के क्रम में उन्होंने रामनगर से आंवला तक 13 किलोमीटर की मिनी मैराथन दौड़ कराई, जिसमें वे स्वयं भी दौड़े थे। आंवला में नगर पालिका भवन व बापू वाचनालय के लिए अभी भी लोग उन्हें याद करते हैं। पालिका गेट पर अभी भी उनके नाम का पत्थर लगा हुआ है। क्षेत्र के लोग कहते हैं कि वह पहली तैनाती समय से ही दूरदर्शी सोच रखते थे। जन भागीदारी को कैसे शामिल किया जाए, इस पर विचार कर अमल करते थे। अब वह प्रदेश के मुख्य सचिव बने हैं।
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