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    बरेली में कैसी है छठ पूजा की तैयारी? 25 को नहाय-खाय से व्रत शुरू, 28 को अर्घ्य

    Updated: Wed, 22 Oct 2025 11:49 AM (IST)

    दीपावली के बाद छठ पूजा की तैयारी शुरू हो गई है। 25 अक्टूबर को नहाय-खाय से व्रत शुरू होगा, 28 को सूर्य को अर्घ्य देकर समापन होगा। गोवर्धन पूजा के बाद घाट तैयार होंगे। पूर्वांचल और बिहार में यह पर्व प्रमुखता से मनाया जाता है। इज्जतनगर में रेलवे कॉलोनी में रहने वाले परिवार विधि विधान से पर्व मनाते हैं।

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    प्रस्तुतीकरण के लिए सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।

    जागरण संवाददाता, बरेली। दीपावली के बाद एक ओर जहां गोवर्धन पूजा और भैया दूज की तैयारी चल रही है, वहीं छठ पूजा पर्व की भी तैयारी शुरू हो गई है। 25 अक्टूबर को नहाय-खाय के साथ व्रत की शुरूआत होगी और 28 अक्टूबर को उदयगामी सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का परायण किया जाएगा। गोवर्धन पूजा के बाद घाट तैयार होने लगेंगे।

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    27 को अस्ताचलगामी व 28 को उदयगामी सूर्य को दिया जाएगा अर्घ्य

     

    बिहार और पूर्वांचल का यह पर्व अब शहर में भी प्रमुखता से मनाया जाने लगा है। इज्जतनगर में रेलवे कॉलोनी में रहने वाले पूर्वांचल और बिहार के परिवार विधि−विधान से पर्व मनाने लगे हैं। यहां भोजपुरी कॉलोनी ही बस गई है। शिव पार्वती मंदिर परिसर में विहंगम आयोजन होता है।

     

    1. 25 अक्टूबर को नहाय खाय के साथ चार दिवसीय व्रत की शुरूआत हो जाएगी।
    2. 26 अक्टूबर को खरना होगा।
    3. रात्रि में प्रसाद ग्रहण करने के साथ 36 घंटे का निर्जल व्रत आरंभ हो जाएगा।
    4. पारंपरिक ठेकुआ, गन्ना, फल आदि सामग्री संकलित कर 27 की शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।
    5. 28 अक्टूबर को सुबह उदयगामी सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का परायण किया जाएगा।

     

    भोजपुरिया कॉलोनी में मंदिर के महंत विजय महाराज, एसके पांडेय, अशोक सिंह, ओम सिंह, दयानंद ओझा ने घाट पर व्यवस्था बनाने की कार्ययोजना बनानी शुरू कर दी है। बरहा रेलवे क्रासिंग घाट पर छठ पूजा में हजारों की भीड़ जुटती है। भोजपुरिया समाज के एसके पांडेय ने बताया कि हर साल घाट पर व्यवस्था अच्छी हो रही हैं।

    छठ पूजा से संबंधित सामग्री और वस्त्र भी उपलब्ध हैं। अगर किसी व्रती परिवार को कोई परेशानी हो रही है तो उनसे संपर्क करें, समस्या का निदान कराया जाएगा। इसके अलावा रामगंगा घाट पर भी व्रती परिवार पहुंचकर सूर्य देव की पूजा-अर्चना करते हैं। गोबर्धन पूजा के बाद छठ पूजा का माहौल दिखाई पड़ने लगा है।