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    Chaubari Mela 2022: बरेली में जिम्मेदार बेरीकेडिंंग लगाकर शिविर से करते रहे एनाउंसमेंट, चली गई कपिल की जान

    By Jagran NewsEdited By: Ravi Mishra
    Updated: Wed, 09 Nov 2022 05:14 PM (IST)

    Bareilly Chaubari Mela Security बरेली में आयोजित चौाबारी मेले में सिक्योरिटी के बेहतर इंतजामों का दावा होता रहा। बेरीकेडिंग लगाकर जिम्मेदार शिविर से लगातार एनाउंसमेंट भी करते रहे लेकिन रामगंगा नदी में डूबने से कपिल की जान चली गई।

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    Chaubari Mela 2022 : बरेली में जिम्मेदार बेरीकेडिंंग लगाकर शिविर से करते रहे एनाउंसमेंट, चली गई कपिल की जान

    बरेली, जागरण संवाददाता। Bareilly Chaubari Mela Security : बरेली रामगंगा (Ram Ganga) पर कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाले चौबारी मेले (Chaubari Mela) में हर साल हजारों की संख्या में स्नान के लिए श्रद्धालु पहुंचते हैं। उनकी सुरक्षा को लेकर सप्ताह भर पहले से रामगंगा पर तैयारियां शुरू हो जाती हैं, लेकिन इस बार चार दिन के भीतर सुरक्षा के लिहाज से करीब सौ मीटर की बेरीकेडिंग लगाकर प्रशासन ने खानापूर्ति की।

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    यही नहीं एक गोताखोर भी दिखाई नहीं दिया। जिम्मेदार शिविर लगाकर वहीं से बेरीकेडिंग को पार न करने के लिए अनाउंसमेंट करते रहे। परिणाम स्वरूप 20 वर्षीय युवक की रामगंगा में डूबने से जान चली गई।

    संजयनगर निवासी कपिल (Kapil) की मृत्यु ने मंगलवार को कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Poornima) के लिए रामगंगा पर प्रशासन की ओर से की गई तैयारियों की पोल खोल दीं। स्नान के लिए तैयार किए गए बेरिकेडिंग वाले स्थान से अधिक लोग अन्य किनारों स्नान पर कर रहे थे, लेकिन वहां मौके पर न तो पुलिस मौजूद थी और न ही कोई गोताखोर। आलम यह था कि बेरिकेडिंग वाले स्थान के अलावा डैम से लेकर रेलवे लाइन के नीचे तक लोग स्नान कर रहे थे।

    घाट पर जिस जगह बेरीकेडिंग लगी थी, वहां भी सिर्फ एक ही स्टीमर सुरक्षा की दृष्टि से सक्रिय दिखाई दिया। श्रद्धालुओं ने जहां चाहा स्नान किया। अनाउंसमेंट का उन पर कोई खास असर नहीं था। स्नान के लिए आए श्रद्धालु आपस में चर्चा करते हुए कर रहे थे कि अगर घाट किनारे जिम्मेदार मौजूद होते तो लोग बेरीकेडिंग पार कर स्नान नहीं करते।

    पुलिस 15 मिनट सोचती रही, अफवाह है या सच

    डूबने के 15 मिनट तक यही सोचती रही यह अफवाह है या फिर हकीकत। कपिल के डूबने के बाद अधिकारियों के मौके पहुंचने पर तैनात पुलिस हरकत में आई और वहां स्नान कर रहे श्रद्धालुओं को हटाया। अधिकारियों के सामने खुद को सक्रिय दिखाते हुए श्रद्धालुओं को घटनास्थल से खदेड़ना शुरू किया। इससे पहले पुलिस ने इन स्थानों की सुध तक नहीं ली थी।

    कपिल को बचाने के लिए आधा घंटा बाद उतरे गोताखोर

    कपिल के डूबने की सूचना मिलने के आधा घंटे बाद तक न तो एसडीआरएफ की टीम (SDRF Team) और न ही वहां तैनात गोताखोरों की टीम पानी में उतरी थी। वहीं स्नान कर रहे श्रद्धालु पंकज ने कपिल को डूबते हुए देखा तो बचाना शुरू किया, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। इस बीच गोताखोर पहुंचे और शव को बाहर निकाला। कपिल का शव घाट से दस कदम की दूरी पर मिल गया। ऐसे में वहां मौजूद लोगों का कहना था कि मौके पर अगर जिम्मेदार होते तो यह दुर्घटना नहीं होती।

    सूची में 29 गोताखोर, मौके पर एक नहीं

    रामगंगा में स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा की दृष्टि से वहां 29 गोताखोरों के नाम की सूची लगी थी, लेकिन पर एक भी गोताखोर नहीं दिखाई दिया। स्थानीय लोग जो तैराकी जानते थे, मजबूरन उन्हीं के भरोसे कई लोग स्नान करते हुए दिखाई दिए।

    रामगंगा किनारे श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम थे। युवक के डूबने के बाद तुरंत गोताखोरों ने उसे बचाने का प्रयास किया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। राहुल भाटी, एसपी सिटी