CBSE Class 10 Toppers : मेधावी बोले, सेल्फ स्टडी से मिली सफलता
सीबीएसई हाईस्कूल के नतीजों में शहर के होनहारों ने बेहतर प्रदर्शन किया है।किसी ने 10 से 12 घंटे पढऩे की जगह सिर्फ चार से पांच घंटे की पढ़ाई मन लगाकर की।
बरेली, जेएनएन। सीबीएसई हाईस्कूल के नतीजों में शहर के होनहारों ने बेहतर प्रदर्शन किया है।किसी ने 10 से 12 घंटे पढऩे की जगह सिर्फ चार से पांच घंटे की पढ़ाई मन लगाकर की। अपने कमजोर प्वाइंट को दूर किया।हर विषय को रोज पढ़ा और उसका रिवीजन भी किया। बरेली में टॉप चार में आने वाले छात्र-छात्राओं ने अपनी सफलता का मूल मंत्र सेल्फ स्टडीज बताया। कहा, अपने कमजोर विषयों पर फोकस करना, रोज हर विषय को थोड़ा समय देकर रिवीजन करने से ही अच्छे नंबर मिले हैं। दैनिक जागरण से बातचीत में टॉपर्स ने अपनी सफलता के मूल मंत्र साझा किए।
जितना पढ़ा, मन लगाकर
जरूरी नहीं कि आप 24 घंटे पढ़ते रहिए। चार से पांच घंटे पढऩा ही अच्छे अंक लाने के लिए पर्याप्त है। मैंने इसी प्लानिंग के साथ पढ़ाई की। खुद पर पूरा भरोसा था।हर विषय को रोज थोड़ा समय जरूर देती थी, जिससे रिवीजन होता रहे। मेरा हिन्दी विषय कमजोर था, इसलिए उस पर ज्यादा फोकस किया। पढ़ाई के साथ सोशल मीडिया पर भी एक्टिव रही। पढ़ाई के लिए परिवार में किसी ने दबाव नहीं डाला। अपनी तैयारी से संतुष्ट थी, इसलिए किसी तरह की टेंशन नहीं ली। नॉवेल पढऩा, म्यूजिक सुनना मेरा शौक है। सफलता के लिए मम्मी, पापा और शिक्षकों का पूरा सहयोग रहा। आगे इंजीनियरिंग की तैयारी करनी है।
नंदिनी अग्रवाल, 99.2 फीसद, जीआरएम सीनियर सेकेंडरी स्कूल, नैनीताल रोड
स्कोर कार्ड : हिन्दी 100, गणित 100, सोशल साइंस 100, अंग्रेजी 99, विज्ञान 97
अनसॉल्ड पेपर से की तैयारी
परीक्षा को लेकर कोई तनाव नहीं लिया। शुरू से ही चार से पांच घंटे रोज तैयारी की। परीक्षा के कुछ समय पहले सारे विषयों का ठीक से रिवीजन किया। 20 साल की अनसॉल्ड पेपर को हल किया। इससे यह पता चला कि पेपर किस पैटर्न पर आता है। पढ़ाई के दौरान सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखी। लेकिन टेबल टेनिस जरूर खेला। आर्ट बनाने और मनोरंजन का शौक है, उसे भी जारी रखा। मेरे मम्मी-पापा डॉक्टर हैं। इसलिए मैं भी डॉक्टर बनूंगी। इसके लिए नीट की तैयारी करुंगी।
मनश्वेता अग्रवाल, 99 फीसद, जीआरएम सीनियर सेकेंडरी स्कूल, डोहरा रोड
स्कोर कार्ड : हिंदी 98, अंग्रेजी 100, गणित 99, विज्ञान 99, सामाजिक विज्ञान 99 अंक
बिना टाइमटेबल से की पढ़ाई
अक्सर बच्चे सोचते हैं कि बोर्ड परीक्षा है तो उसका प्रेशर ज्यादा होगा। लेकिन यह परीक्षा भी सामान्य ही है। बस, जरूरी है कि जितना भी समय पढ़ें, मन लगाकर। क्वांटिटी की चक्कर में क्वालिटी को न भूलें। मैंने पढऩे के लिए टाइम टेबल तय नहीं किया था। रोज दो से तीन घंटे अच्छी तरह पढ़ाई की। थोड़ा-थोड़ा समय सभी विषयों को दिया। जिसमें दिक्कत लगी, उस पर ज्यादा फोकस रखा। हिन्दी मेरी मम्मी शिखा ङ्क्षसह ने पढ़ाई, जिससे पूरे 100 नंबर मिले। आगे सिविल सर्विसेज की तैयारी कर लक्ष्य है।
निष्ठा ङ्क्षसह, 98.4 फीसद, व्यास वल्र्ड स्कूल, बरेली
स्कोर कार्ड : हिन्दी 100, अंग्रेजी 99, सामाजिक विज्ञान 99, गणित 99, विज्ञान 95
अच्छे नंबर के लिए राइटिंग भी जरूरी
ये सही है कि सभी विषयों की तैयारी अच्छी होनी चाहिए। लेकिन अच्छे नंबर के लिए राइङ्क्षटग भी बहुत जरूरी है।अंग्रेजी और ङ्क्षहदी की तैयारी के साथ राइङ्क्षटग का भी खूब अभ्यास किया। सेल्फ स्टडी से तीन से चार घंटे रोज पढ़ाई की। विज्ञान विषय थोड़ा कमजोर था, इसलिए उसकी ज्यादा तैयारी की। मम्मी शिल्पी अग्रवाल और पापा भारत बाबू अग्रवाल का पूरा सहयोग रहा। आगे कामर्स से पढ़ाई करनी है।कॉमन एडमिशन टेस्ट के जरिए एमबीए लक्ष्य है।
आद्या अग्रवाल, 98.2 फीसद, माधवराव सिंधिया स्कूल बरेली
स्कोर कार्ड : हिन्दी 100, अंग्रेजी 99, गणित 98, सामाजिक विज्ञान 98, विज्ञान 96
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