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    Jagran Special: कैंसर की दवा ही शहर में हो गई ‘बीमार’ : Bareilly News

    By Abhishek PandeyEdited By:
    Updated: Tue, 18 Jun 2019 01:44 PM (IST)

    सर के इलाज में मददगार पेड़ छितवन या डेमन ट्री (वैज्ञानिक नाम-एलेस्टोनिया स्कॉलैरिस) शहर की आबोहवा में खुद बीमार हो गया है। बात चौंकाने वाली है लेकिन सच है।

    Jagran Special: कैंसर की दवा ही शहर में हो गई ‘बीमार’ : Bareilly News

    बरेली [दीपेंद्र प्रताप सिंह] : कैंसर के इलाज में मददगार पेड़ छितवन या डेमन ट्री (वैज्ञानिक नाम-एलेस्टोनिया स्कॉलैरिस) शहर की आबोहवा में खुद बीमार हो गया है। बात चौंकाने वाली है लेकिन सच है। शहर में बड़ी तादाद में छितवन के पेड़ हैं। बरेली कॉलेज में वनस्पति विज्ञान के प्रोफेसर डॉ. आलोक खरे ने घर के आसपास छितवन के पेड़ों की पत्तियों को खराब होते देखा तो खोज शुरू की।

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    सामने आया कि शहर की आबोहवा में ऐसा कीट पनपा है, जो इन पेड़ों की पत्तियों पर अंडे देता है। पत्तियों में मजबूत खोल बनाकर पनपता। फिर पत्ती और डाल को सुखा देता और विकसित होकर उड़ जाता है। प्रोफेसर खरे बेहद गुणकारी पौधों की इस प्रजाति को बचाने के लिए कीट विज्ञानियों की मदद ले रहे हैं। 

    इन मर्जो की भी दवा है छितवन

    छितवन पौधों का उपयोग कैंसर रोधी दवा के तौर पर है। इसके अलावा इससे बनने वाली दवाई से कई बीमारियों का इलाज होता है। इसमें कुष्ठ रोग, लीवर की बीमारियां, बहरापन, अस्थमा, गठिया का दर्द जैसे रोग शामिल हैं। यह एंटी ऑक्सीडेंट भी है।

    सुंदर, छायादार और खुशबू से भरपूर

    डेमन ट्री या पैगोडा ट्री के नाम से भी इस पेड़ की पहचान है। यह देखने में सुंदर, छायादार और ऑक्सीजन का अच्छा स्नोत होता है। इस पर लगने वाली बौर से रात में सफेद इलायची सी खुशबू आती है। चूंकि, यह पौधा पांच से दस साल में ही काफी बड़ा हो जाता है। इसलिए इन्हें शहर में तमाम जगह लगाया गया था।

    यह भी जानें 

    छितवन का वैज्ञानिक नाम एलेस्टोनिया स्कॉलैरिस है। प्रोफेसर आलोक खरे बताते हैं कि वयस्क पेड़ का तना काफी चौड़ा हो जाता है। इतना कि करीब तीन से चार आदमी इसे घेर सकें। ऐसे में पहले बिना जोड़ वाला बोर्ड बनाने के लिए इसके कटे तने का उपयोग करते थे। इसीलिए इसके वैज्ञानिक नाम में पीछे स्कॉलैरिस है, जो स्कॉलर शब्द से लिया है।

    छितवन एंटी कैंसर के रूप में बहु उपयोगी 

    बरेली कॉलेज में वनस्पति विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ. आलोक खरे ने बताया कि छितवन एंटी कैंसर, गठिया का दर्द, अस्थमा के इलाज, एंटी ऑक्सीडेंट के रूप में बहु उपयोगी पेड़ है। लेकिन शहर में लगभग इसका हर पेड़ एक अजीब किस्म के कीट का शिकार है। इस तरह के पेड़ को बचाना जरूरी है।

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