अभी और बढ़ेंगी मौलाना तौकीर रजा की मुसीबतें... गलियों में खून बहाने की धमकी देने के केस में होगी कार्रवाई
बरेली पुलिस ने मौलाना तौकीर रजा के खिलाफ सीएए-एनआरसी विरोध मामले को फिर से खोला है उन्होंने बिल वापस न लेने पर सड़कों पर खून बहाने की धमकी दी थी। इसके अतिरिक्त नफीस खान और नदीम खान पर लियाकत के फर्जी हस्ताक्षर करके पुलिस को गुमराह करने और शहर की शांति भंग करने की साजिश रचने का आरोप है जिसके चलते उनके खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज की गई है।

जागरण संवाददाता, बरेली। उपद्रवी मौलाना तौकीर रजा पर बरेली पुलिस लगातार शिकंजा कसती जा रही है। अभी सात मुकदमों में उसका नाम खुलने के बाद पुलिस अब सीएए-एनआरसी के विरोध प्रदर्शन के दौरान लिखे गए मुकदमे में भी दोबारा जांच शुरू करा रही है। उस समय आरोपित मौलाना ने सड़को पर खुलेआम धमकी दी थी कि, अगर सरकार ने बिल वापस नहीं किया तो सड़को पर खून बहेगा।
वर्ष 2019 में सीएए-एनआरसी के विरोध में निकला जुलूस, वापस नहीं करने पर दी थी धमकी
वर्ष 2019 में सीएए-एनआरसी के विरोध में मौलाना तौकीर रजा ने समर्थकों के साथ नारेबाजी की थी। धमकी दी कि यदि बिल वापस नहीं लिया तो सड़को पर खून बहेगा। इस मामले में कोतवाली में मौलाना तौकीर रजा, नफीस खान और नदीम खान को नामजद करते हुए एक अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी लिखी गई थी। उस समय मौलाना के विरुद्ध चार्जशीट नहीं लगी थी। अब इस उपद्रव के बाद पुलिस उस मामले में दोबारा जांच शुरू कर रही है।
नफीस के खिलाफ एक और प्राथमिकी
आईएमसी के महासचिव नफीस खान और पूर्व जिला अध्यक्ष नदीम के विरुद्ध कोतवाली में एक और प्राथमिकी लिखी गई है। यह प्राथमिकी इज्जतनगर के फरीदापुर चौधरी निवासी लियाकत ने लिखाई है। आरोप है कि आरोपितों ने लियाकत के फर्जी हस्ताक्षर कर पुलिस प्रशासन को न सिर्फ पत्र दिया बल्कि उन्हें गुमराह भी किया।
लियाकत ने पुलिस को दी जानकारी
लियाकत ने पुलिस को बताया कि 26 सितंबर को मौलाना तौकीर रजा ने भीड़ को बुलाया था। इससे एक दिन पहले ही 25 सितंबर की रात नदीम खान और नफीस खान ने एक पत्र तैयार किया। उसमें उन्होंने लियाकत के फर्जी हस्ताक्षर कर पुलिस प्रशासन को दे दिया। आरोप है कि वह फर्जी पत्र प्रसारित कर दोनों आरोपितों ने न सिर्फ पुलिस-प्रशासन को गुमराह किया कि, बल्कि शहर का अमन चैन बिगाड़ने की भी साजिश की।
पार्टी से लियाकत का संबंध नहीं
लियाकत ने पुलिस को बताया कि, उनका आईएमसी पार्टी से कोई संबंध नहीं हैं और न ही उन्होंने कभी इसका कोई पदभार संभाला था। जिस दिन घटना हुई उस दिन वह अपने गांव गए हुए थे। पुलिस ने लियाकत के शिकायती पत्र पर नदीम और नफीस के विरुद्ध एक और प्राथमिकी पंजीकृत कर ली है। दोनों अभी जेल में हैं।
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