बिलाल ने बनवाए छात्रा के तीन आधार कार्ड, सभी में जन्मतिथि अलग
छात्रा को ले जाने वाला बिलाल बेहद शातिर है। छात्रा की बालिग ठहराने में जन्मतिथि का अडं़गा न फंसे इसके लिए उसने आधार कार्ड बनवाने में फर्जीवाड़ा किया।
बरेली, जेएनएन : छात्रा को ले जाने वाला बिलाल बेहद शातिर है। छात्रा की बालिग ठहराने में जन्मतिथि का अडं़गा न फंसे, इसके लिए उसने आधार कार्ड बनवाने में फर्जीवाड़ा किया। उसके तीन आधार कार्ड बनवाए, जोकि अलग तारीखों पर तैयार किए गए। जिसके जरिये माना जा रहा है कि कई महीनों से यह तैयारी कर रहा था।
पुलिस ने उससे छात्रा का फोटो लगे तीन आधार कार्ड बरामद किए। इनमें एक में छात्रा का असली नाम लिखा है। जबकि दूसरे में माहिरा और तीसरा आधार कार्ड किसी शर्मा के नाम से बनवाया गया। पहले आधार कार्ड में जन्मतिथि सन् 2001, दूसरे में 1994 और तीसरे में 1998 लिखी है। दरअसल, छात्रा के पिता ने उसे नाबालिग बताया है। बिलाल जानता था कि उसे घर से ले जाने के बाद उम्र का कानूनी पेच आएगा। यही वजह रही कि उसने महीनों पहले ही फर्जी आधार कार्ड बनवाने शुरू कर दिए। घर जाने के बाद होटलों में भी उसने इन्हीं आधार कार्ड का इस्तेमाल किया।
छात्रा के पिता एक प्राइवेट कॉलेज में कैश आदि का काम देखते हैं। आशंका जताई जा रही है कि बिलाल इस इंतजार में था कि बड़ा कैश जिस दिन आए, उसी दिन छात्रा से चोरी करा मंगवा लिया जाए। 17 अक्टूबर को ऐसा ही हुआ। छात्रा घर से निकलते वक्त रुपये भी ले गई। इन्हीं रुपयों में से एक लाख उसने दिल्ली हाईकोर्ट में पैरवी के लिए एक लोग को दिए। कपड़े, जूते आदि की खरीदारी भी की। हालांकि पुलिस का कहना है कि पांच लाख रुपये ही ले गई थी।
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बिलाल ने फर्जी आधार कार्ड बनवाए हैं। मुकदमे में फर्जीवाड़ा और चोरी की धाराएं बढ़ाई जा रही हैं।
-रोहित सिंह सजवाण, एसएसपी
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एक नेता की मदद मिलने की चर्चा
पुलिस बिलाल की गिरफ्तारी बता रही, मगर चर्चा होती रही कि एक नेता की मदद से उसने खुद को पुलिस के हवाले कर दिया। कहा जा रहा कि बिलाल के पांच स्वजन को पुलिस ने थाने में बैठाया, तब कुछ अन्य लोग एक नेता से मदद मांगने पहुंचे थे। हस्तक्षेप के बाद पुलिस बिलाल तक पहुंची।
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छात्रा के बयान पर टिकी निकाह
मंगलवार को छात्रा के बयान होंगे। उसके पिता नाबालिग बता रहे, इसके कागज पेश किए जाएंगे। जबकि छात्रा खुद को बालिग बता रही। यदि वह बालिग पाई जाती है तो उसके बयान अहम होंगे। हालांकि उनका मन परखने के लिए पूरे दिन प्रयास किए गए। कुछ लोगों संपर्क करने की कोशिश भी की।
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अन्य आरोपित पकड़ से दूर
छात्रा के पिता की ओर से दी गई तहरीर में आरोपित बिलाल के साथ उसकी मां, बहन, दोस्त शिवम शर्मा, विशाल और विशाल की बहू नामजद है। पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार नहीं किया है। पुलिस का कहना है कि बयान में छात्रा जिनका नाम लेगी, उन पर कार्रवाई करेंगे। वहीं, बिलाल के जिन पांच रिश्तेदारों को दबाव बनाने के लिए थाने में बैठाया गया, उन्हें छोड़ दिया जाएगा।
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काम आई पुलिस की रणनीति
बिलाल को जेल भेजने का इंतजाम पुलिस ने अजमेर में ही कर दिया था। उसकी मौजूदगी की जानकारी पर वहां की पुलिस से मदद की। वहीं गिरफ्तारी करा खुद ट्रांजिट रिमांड ली। जिसका मतलब साफ है कि यहां आते ही उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। ऐसा ही हुआ और उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। शनिवार, रविवार, सोमवार को कोर्ट बंद है, इसलिए छात्रा के बयान अब मंगलवार को हो सकेंगे।