पति की मौत के बाद महिला को ससुराल वालों ने घर से निकाला, महिला आयोग की सदस्य के सामने फूट-फूटकर रोई पीड़िता
बरेली के प्रेमनगर में एक महिला को पति की मृत्यु के बाद ससुराल वालों ने घर से निकाल दिया। महिला आयोग की सदस्य के हस्तक्षेप के बाद भी उसे घर में प्रवेश नहीं मिला। पीड़िता ने मारपीट और हत्या के झूठे आरोप लगाने की शिकायत की। महिला आयोग ने साइबर अपराधों से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाने की बात कही खासकर महिलाओं और बेटियों के लिए।

जागरण संवाददाता, बरेली। प्रेमनगर थाना क्षेत्र की एक महिला के शौहर की मृत्यु के बाद उसको ससुराल वालों ने घर से निकाल दिया। पीड़ित महिला ने राज्य महिला आयोग की सदस्य से शिकायत की, जिसको लेकर वह थाना प्रेमनगर गईं, लेकिन देर शाम तक उसको घर में प्रवेश नहीं कराया जा सका।
सर्किट हाउस में महिला आयोग की सदस्य पुष्पा पांडेय से पीड़िता ने बयां की पीड़ा
सर्किट हाउस पहुंची राज्य महिला आयोग की सदस्य पुष्पा पांडेय के सामने प्रेमनगर थाना क्षेत्र की पीड़ित महिला रोने लगी। पीड़िता का कहना था कि उसके शौहर का इंतकाल नौ महीने पहले हो गया था। उसके जेठ-जेठानी ने उसको पीटकर घर से निकाल दिया। मेरे शौहर की हत्या का आरोप भी लगा दिया। जांच में निर्दोष साबित होने के बावजूद अब मुझे मेरे घर में जाने दे रहे हैं।
पीड़िता की शिकायत पर पुष्पा पांडेय ने प्रेमनगर थाना प्रभारी से महिला को उसके घर भेजने के निर्देश दिए, लेकिन देर शाम तक महिला को घर नहीं पहुंचाया जा सका। मामले में प्रेमनगर थाना प्रभारी आशुतोष रघुवंशी का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है। उच्चाधिकारियों के आदेश के बाद अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।
महिला आयोग सदस्य ने साइबर क्राइम से बचाव के बारे में किया जागरूक
साइबर क्राइम से महिलाओं व बेटियों को बचाने के लिए के लिए जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य ने कहा कि साइबर क्राइम से लोग पीड़ित हो रहे हैं। इसमें रुपये और मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है। अगर कभी फंसे तो सबसे पहले मोबाइलज रहें। मोबाइल पर आने वाले फर्जी लिंक, अश्लील वीडियो बनाकर शेयर कर देते हैं, दुर्घटना बताकर दिखा देते हैं। साइबर क्राइम की बैठक हों, जिससे बचाव करें।
उन्होंने बताया कि मुंबई में साइबर क्राइम की बैठक हुई, जो 22 से 24 अगस्त तक तीन दिन तक चला। उन्होंने बताया कि जहां महिला है, वहां महिला आयोग है। जिम में महिला कोच रखी जायें, जिससे असुरक्षा न रहे। इसको लेकर वे अभियान भी चलाएंगीं।
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