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    Weather Update: सुबह-सुबह तेज बारिश से तापमान में आई गिरावट, कैसा रहेगा आज मौसम का हाल; देखें लेटेस्ट अपडेट

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 09:52 AM (IST)

    बरेली में सुबह से हो रही तेज बारिश ने मौसम बदल दिया है। तापमान में गिरावट से लोगों को गर्मी से राहत मिली है जबकि निचले इलाकों में जलभराव की समस्या हो गई है। मौसम विभाग के अनुसार अगले दो दिनों तक बारिश की संभावना है। बारिश के कारण तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।

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    बारिश के बीच से गुजरती युवतियां। जागरण

    जागरण संवाददाता, बरेली। शहर में सुबह साढ़े आठ बजे से शुरू हुई तेज वर्षा लगातार जारी है। वर्षा के बाद मौसम में अचानक करवट ली है। पारा तेजी से कम होने से लोगों को गर्मी से राहत मिली है, वही शहर के निचले इलाकों में भीषण जलभराव हो गया है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार अभी दो दिन तक वर्षा का अनुमान है। 

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    बरेली में तेज वर्षा, लुढ़का पारा

    सोमवार को अधिकतम तापमान 32.8 और न्यूनतम 23.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शाम होते हुए ही बादलों ने रंग बदलना शुरु कर दिया, तेज हवाएं चलीं, नैनीताल रोड की ओर जमकर वर्षा हुई। साहूकारा में जगह-जगह ओले गिरे, जिन्हें देखकर लोग चिंतित हुए। राहगीर बचने के लिए सुरक्षित स्थान तलाशते रहे। लोग प्रतिष्ठानों के छज्जों के नीचे वर्षा रुकने का इंतजार करते दिखे। तेज हवाओं संग धूल उड़ी, खासतौर पर दोपहिया वाहन सवारों का सफर करना दूभर हो गया। देर शाम बादल साफ हुआ, तापमान में गिरावट दर्ज की गई।

    हवाएं चलने से राहगीर हुए परेशान

    बदायूं रोड पर बूंदाबांदी हुई, बलवंत सिंह मार्ग पर धूल भरी हवाएं चलीं। पार्क और टी-प्वाइंट गुलजार नजर आए। ऐसे करें ओलावृष्टि से बचाव आंचलिक मौसम केंद्र के विज्ञानी अतुल कुमार सिंह ने बताया, आज कुछ स्थानों पर वर्षा या गरज संग छींटे पड़ने की संभावना है। इसके बाद वर्षा कम होती रहेगी। तेज हवाओं, ओलावृष्टि से बागानों, बागवानी और खड़ी फसलों को नुकसान हो सकता है।

    सब्जियों और फलों को क्षति से रोकने के लिए टोपी का प्रयोग

    ओलों से होने वाली क्षति को रोकने के लिए फलों के बाग, सब्जियों की फसलों में ओलावृष्टि जाल या ओलावृष्टि टोपी का प्रयोग करें। तेज हवाओं की वजह से गिरने से बचने के लिए बागवानी फसलों को यांत्रिक सहारा दें। वहीं, कटी हुई फसल को खेत में ऊंचे स्थान पर रखकर पॉलिथिन शीट से ढकें। सिंचाई का कार्य स्थगित रखें। खड़ी फसल में कीटनाशक व रोगनाशी का छिड़काव न करें। अत्याधिक वर्षा के जल को बाहर निकालें।