Cyber Crime: इंजीनियर ने जालसाजी के लिए बनाई ऐसी चीज, हर कोई हैरान... 2000 लोगों को ठगा
बरेली में सॉफ्टवेयर इंजीनियर जयवीर ने नौकरी छोड़कर आधार कार्ड बनाने का फर्जी सॉफ्टवेयर बनाकर लोगों से ठगी की। उसने 1500 रुपये में सॉफ्टवेयर बेचा पर आधार कार्ड नहीं बने। एसटीएफ ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। जयवीर ने करीब 2000 लोगों से ठगी की। पुलिस ने उसके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है और जांच कर रही है।

जागरण संवाददाता, बरेली। साफ्टवेयर इंजीनियर जयवीर ने नौकरी या स्टार्टअप में दिमाग लगाने के बजाय ठगी का रास्ता चुन लिया। उसने एक साफ्टवेयर बनाकर प्रचारित कर दिया कि इससे आधार कार्ड बन जाते हैं।
उसके झांसे में आए लोग 1500-1500 रुपये देकर साफ्टवेयर लेते रहे, मगर आधार कार्ड नहीं बन सके। ठगी की कड़ी बढ़ती चली गई, इस बीच कुछ लोगों ने एसटीएफ को जानकारी दे दी। रविवार को आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया।
जयवीर गंगवार ने दो वर्ष पहले कंप्यूटर साइंस से बीटेक किया था। उसे नोएडा की एक कंपनी में नौकरी मिली, मगर वहां मन नहीं लगा। एसटीएफ के अनुसार, पिछले वर्ष नौकरी छोड़कर उसने ठगी का प्लान बनाया। एक फर्जी साफ्टवेयर बनाकर इंटरनेट मीडिया पर विज्ञापन जारी कर दिया।
उसके झांसे में आए पांच-सात राज्यों के लोगों ने संपर्क करना शुरू कर दिया। वह साफ्टवेयर देने के बदले सिर्फ 1500 रुपये मांगता था, इसलिए किसी ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया। उसे आनलाइन रुपये ट्रांसफर किए जाते थे, इसके बाद वह एनी-डेस्क एप की मदद से उन लोगों के कंप्यूटर में साफ्टवेयर अपलोड कर देता था।
बाद में वे लोग जब साफ्टवेयर उपयोग करना चाहते तो काम नहीं करता था। उन्हें झांसा देने के लिए कभी पासवर्ड बदलने को कहता तो कभी कंप्यूटर रीस्टार्ट करने का बहाना बना देता था। बाद में फोन रिसीव नहीं करता था। वह करीब 2000 से ज्यादा लोगों से ठगी कर चुका था। वह कहता था कि साफ्टवेयर से अनगिनत आधार कार्ड बनाए जा सकते हैं, मगर वह फर्जी था।
एसटीएफ के अनुसार, जयवीर ने नये तरीके की ठगी की, जिस कारण लोग झांसे में आते गए। उन लोगों ने आधार कार्ड बनाने वाला साफ्टवेयर किस मंशा से लिया, इसकी जांच भी कराई जाएगी। जयवीर के विरुद्ध धोखाधड़ी, ठगी, आइटी एक्ट आदि धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
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