...तो पुलिस को इस तरह पता चल रहा कि कहां छिपे हैं उपद्रवी, महिलाएं दे रहीं साथ
बरेली में उपद्रवियों की तलाश में पुलिस को शहर के लोगों से भी मदद मिल रही है। पिछले दो दिनों में 18 से अधिक शिकायतें मिली हैं जिनमें उपद्रवियों के शामिल होने और उनके छिपने की जानकारी दी गई है। एसएसपी के गोपनीय हेल्पलाइन नंबर पर भी शिकायतें आ रही हैं। पुलिस ने सभी सूचनाएं एसआईटी को भेज दी हैं जो जांच के बाद कार्रवाई करेगी।

जागरण संवाददाता, बरेली। उपद्रव में शामिल लोगों की तलाश के लिए पुलिस की टीम लगातार सीसीटीवी कैमरे खंगलाने के साथ ही अपने मुखबिरों की भी मदद ले रही है। मगर इससे इतर शहर के लोग स्वयं भी पुलिस को उपद्रव में शामिल होने वालों की जानकारियां दे रहे हैं।
पिछले दो दिनों में पुलिस के पास 18 से अधिक शिकायतें आ चुकी हैं जिसमें उपद्रवियों के शामिल होने और उनके छिपे होने की बात कही गई है। पुलिस ने यह सभी जानकारियां एसआइटी को भेजी हैं जो संबंधित की सूचना के आधार पर आरोपितों की गिरफ्तारी करेगी।
एसएसपी अनुराग आर्य ने शहर में होने वाले अनैतिक या अवैध कार्यों की सूचनाओं के लिए गोपनीय हेल्पलाइन नंबर बनाया था। इस नंबर पर आने वाली सभी सूचनाओं को वह स्वयं ही देखते हैं। शिकायत करने वाले किसी भी व्यक्ति की जानकारी पुलिस लीक नहीं करती है।
न ही शिकायतकर्ता के रूप में उसका नाम शामिल किया जाता है। उसी हेल्पलाइन नंबर पर अब शहर के लोगों ने उपद्रवियों की सूचना भी देना शुरू कर दिया है। पिछले दो दिनों में पुलिस पास कुल 18 शिकायतें आई जिसमें 12 शिकायतें पुलिस की गोपनीय हेल्पलाइन नंबर पर और छह शिकायतें रजिस्टर्ड डाक से आई हैं।
इन सभी शिकायतों में शिकायतकर्तओं ने उपद्रव में शामिल होने वालों की पूरी जानकारी के साथ ही साक्ष्य भी पुलिस को भेजे हैं। किसी ने सीसीटीवी फुटेज तो किसी ने वीडियो में उपद्रव की पहचान करके भेजी है। इससे पुलिस का काम काफी आसान हो गया है।
इसके अलावा कुछ लोगों ने पुलिस को आरोपितों के छिपे होने की भी जानकारी भेजी है। पुलिस अधिकारियों ने यह सभी शिकायतें एसआइटी को भेजी हैं। अब एसआइटी संबंधित की व्यक्ति की जांच के बाद मामले में कार्रवाई करेगी। यदि उपद्रव में उसकी उपस्थिति साबित होती है तो उसे जेल भेजा जाएगा।
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