UP Panchayat Election 2026: बरेली में पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण का इंतजार, उम्मीदवारों में बेचैनी
बरेली में पंचायत चुनाव की तैयारियां तेज हैं लेकिन आरक्षण की स्थिति साफ न होने से उम्मीदवारों में बेचैनी है। संभावित प्रत्याशी आरक्षण को लेकर अनुमान लगा रहे हैं और अधिकारियों से जानकारी जुटा रहे हैं। शासन से अंतिम सूची का इंतजार है जिसके चलते चुनावी रणनीति बनाने में मुश्किल हो रही है। उम्मीदवार संभावनाओं के आधार पर तैयारी कर रहे हैं आरक्षण की स्थिति स्पष्ट होने का इंतजार है।

जागरण संवाददाता, बरेली। पंचायत चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं, लेकिन आरक्षण व्यवस्था की स्थिति स्पष्ट न होने से प्रत्याशियों में भारी बेचैनी देखी जा रही है। जिला पंचायत से लेकर ग्राम पंचायत तक के लोग आगामी चुनाव में अपनी दावेदारी को मजबूत बनाने की तैयारी में जुटे हैं, मगर आरक्षण की अनिश्चितता से वह डरे हुए हैं।
जिले में ग्राम प्रधान के 1188, क्षेत्र पंचायत के 1460 और 60 जिला पंचायत सदस्य की सीटें मौजूद हैं। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के कई संभावित प्रत्याशी आरक्षण को लेकर तरह-तरह के अनुमान लगा रहे हैं।
जिला पंचायत से लेकर ग्राम पंचायत तक के दावेदार परेशान
संभावित उम्मीदवार अपने-अपने स्तर पर गणनाएं कर यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि किस सीट पर किस वर्ग का आरक्षण लागू हो सकता है। इसके चलते गांवों में चर्चाओं का दौर लगातार चल रहा है। लोग आरक्षण की स्थिति को लेकर कई तरह के दावे कर रहे हैं। उसकी पुष्टि के लिए वह अधिकारियों का भी चक्कर लगा रहे हैं। यही कारण है कि ग्राम प्रधान और उनके प्रतिनिधि बड़ी संख्या में विकास भवन पहुंचकर जिला पंचायत राज अधिकारी से जानकारी लेने का प्रयास कर रहे हैं।
प्रक्रिया पूरी होने में अभी लगेगा समय
प्रत्याशी और समर्थक स्पष्ट जानकारी चाहते हैं ताकि समय रहते चुनाव की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा सके। हालांकि, डीपीआरओ कमल किशोर ने साफ कहा है कि शासन स्तर से आरक्षण की अंतिम सूची अभी तक जारी नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि प्रक्रिया पूरी होने में अभी समय लगेगा।
आरक्षण की तस्वीर अभी साफ नहीं
आरक्षण की साफ तस्वीर न होने के कारण उम्मीदवार अपनी चुनावी रणनीति निश्चित नहीं कर पा रहे हैं। कोई क्षेत्र बदलने पर विचार कर रहा है तो कोई सीट बचाने को लेकर चिंतित है। चुनाव समीकरणों में आरक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए सभी की निगाहें शासन से आने वाली सूची पर टिकी हुई हैं। इस बीच, प्रत्याशी मजबूरी में इंतजार करते हुए केवल संभावनाओं के आधार पर ही अपनी तैयारियां आगे बढ़ा रहे हैं।
आरक्षण की स्थिति अस्पष्ट
पंचायतों में ग्राम प्रधान चुनाव के लिए तैयारी कर रहे हैं। भरतौल की प्रधान के पति रीतराम ने बताया कि उनकी पत्नी प्रवेश कुमारी वर्तमान प्रधान हैं। गांव में करीब पांच अन्य लोग चुनाव मैदान में हैं। पूरी मजबूती से वह फिर से चुनाव लड़ रहे हैं। कहा कि यदि आरक्षण की प्रक्रिया नए सिरे से लागू की जाती है तो स्थिति विपरीत हो सकती है। फिलहाल आरक्षण के बारे में अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो रही है।
करगैना के प्रधान अमित सक्सेना ने बताया कि जनवरी तक आरक्षण की स्थिति स्पष्ट हो सकती है, ऐसे में अभी चुनाव की तैयारी पूरी तरह से शुरू नहीं हो सकी है। फिलहाल जनता के सुख-दुख में भागीदारी बनी हुई है।
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