Bareilly News : कौन है सनी ठाकुर, जिसे गिरफ्तार न कर सकी बरेली पुलिस, जिसकी पैरवी जुटे थे सफेदपोश
Sunny Thakur बरेली के सनी ठाकुर को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी।उसकी पैरवी मे बरेली के सफेदपोश जुटे थे।आखिरकार जुर्म की दुनिया से जुड़े सनी ने सरेंडर कर दिया। इससे पहले मुकदमे में वांछित दीपक वर्मा सरेंडर कर चुका है।

बरेली, जेएनएन। Sunny Thakur : सब्जी विक्रेता बन एसपी सिटी रविंद्र कुमार ने जिस सट्टे को पकड़ा। उसमे फरार आरोपितों को पकड़ने में पुलिस ने कोई दिलचस्पी नहीं ली। हैरानी की बात यह है कि पुलिस ने आराम से एक-एक को सरेंडर का मौका दिया। बुधवार को पकड़े गए गिरोह का सरगना प्रशांत प्रताप सिंह उर्फ सनी ठाकुर ने भी कोर्ट में सरेंडर कर दिया। उससे पहले मंगलवार को मुकदमे में वांछित दीपक वर्मा सरेंडर कर चुका है।
आरोपितों को पकड़ने के नाम पर पुलिस सिर्फ दबिश का दावा करती रही। फिलहाल, किरकिरी कराने के बाद पुलिस जिले में सट्टे के फैले गिरोह को खंगालने के लिए सनी ठाकुर व उसके साथी को रिमांड पर लेगी। इधर, एसीजेएम-द्वितीय सत्य प्रकाश आर्य ने आरोपित को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
18 अप्रैल को किला पुलिस ने प्रेमनगर क्षेत्र में सट्टा पकड़ा था। गुलाबनगर के रहने वाले राहुल को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में उसने प्रेमनगर के गुदड़बाग निवासी प्रशांत प्रताप सिंह उर्फ सनी ठाकुर को सरगना बताया था। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने जब सनी ठाकुर के घर दबिश दी तो 26 लाख 92 हजार, 170 रुपये, डायरी, मोबाइल, टैबलेट, शराब की बोतल व अन्य सामान बरामद किया।
आरोपित अपने तीन साथियों संग फरार हो गया था। राहुल से बरामद करीब डेढ़ लाख रुपये मिलाकर कुल 28.41 लाख रुपये की बरामदगी सामने आई। किला पुलिस ने प्रशांत प्रताप सिंह उर्फ सनी ठाकुर निवासी गूदड़बाग, भोलू निवासी चाहबाई, दीपक वर्मा निवासी चाहबाई, अन्नू कक्कड़ निवासी गूदड़बाग को मुकदमे में वांछित किया गया। कार्रवाई को दस दिन बीत गए लेकिन, पुलिस किसी का सुराग नहीं लगा पाई। इधर, सट्टेबाज बचाव की जुगत में घूमते रहे।
तय योजना के तहत दोनों सट्टेबाजों दीपक व सनी ठाकुर ने सरेंडर कर दिया। सट्टेबाजों पर एटीएम बदलकर धोखाधड़ी, सूदखोरी व अवैध शराब तस्करी करने का भी आरोप है। फिलहाल, अब कस्टडी रिमांड के बाद बड़े गिरोह का राजफाश हो सकता है।
पैरवी में जुटे हैं हिंदू युवा वाहिनी के पदाधिकारी
सनी ठाकुर के बारे में पुलिस ने बताया था कि वह हिंदू युवा वाहिनी के पदाधिकारी का रिश्ते में भाई है। इस बात पर मुहर भी लगी। भाई काे बचाने के लिए अफसरों के दफ्तरों का वह चक्कर लगाते दिखे। पूरे मामले में एसपी सिटी द्वारा कार्रवाई के चलते उनकी दाल न गली और सट्टेबाज का सरेंडर ही करना पड़ गया।
मामले में किसी को बख्शा नहीं जाएगा। सट्टेबाज को कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ कर पूरे गिरोह को खंगाला जाएगा।- रविंद्र कुमार, एसपी सिटी
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